लखनऊ : कांग्रेस व समाजवादी पार्टी मिलकर यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. पहले फेज में यूपी की 8 सीटों पर मतदान 19 अप्रैल को होना है. पहले चरण का चुनाव प्रचार खत्म होने में अब 48 घंटे से भी कम समय बचा है. सहारनपुर सहित पश्चिमी यूपी की जिन 8 सीटों के लिए पहले चरण में मतदान होना है, उस पर इंडिया गठबंधन के बड़े नेताओं ने अभी तक मंच साझा नहीं किया है. अब प्रचार के अंतिम दिन 17 अप्रैल को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी सहारनपुर में प्रत्याशी इमरान मसूद के लिए रोड शो करेंगी. जबकि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी हो सकती है.
पहले चरण के प्रचार के अंतिम दिन प्रियंका गांधी सहारनपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद के लिए रोड शो करेंगी. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के पूर्व सदस्य व पूर्व जिलाध्यक्ष जावेद साबरी व लोकसभा कोआर्डिनेटर कृष्ण कांत शर्मा ने बताया कि कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी वाड्रा सरसावा हवाई अड्डे पर पहुंचेंगी, जहां से वह हेलिकॉप्टर से सिद्ध पीठ मां शाकंभरी देवी पहुंचकर दर्शन करेंगी.
इसके बाद सड़क मार्ग से सहारनपुर स्थित गोल कोठी पहुंचकर जैन मंदिर में दर्शन करेंगी. सहारनपुर लोकसभा क्षेत्र के इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी इमरान मसूद के समर्थन में गोल कोठी से रायवाला मार्केट होते हुए गुरुद्वारा रोड तक रोड शो करेंगी. गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में मत्था टेककर अरदास करेंगी.
कांग्रेस रणनीतिकारों का कहना है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश हिंदू- मुसलमान वोटरों के बीच में ध्रुवीकरण के लिए सबसे मुफीद जगह है. भाजपा ने कैराना से हिंदुओं के पलायन, 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे का मामला उठाकर पूरे पश्चिमी यूपी में अपनी पकड़ मजबूत की थी. इसी को देखते हुए इंडिया गठबंधन के नेताओं ने पहले चरण में हार्डकोर कैंपेन के स्थान पर प्रत्याशियों द्वारा लो प्रोफाइल रहकर चुनाव को तवज्जो दिया है.
लखनऊ विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग के विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर संजय गुप्ता ने बताया कि 2022 के विधानसभा चुनाव को देखें तो गृहमंत्री अमित शाह ने कर्नाटक में उठे हिजाब के विवाद को पश्चिम यूपी में उठाकर अपने एजेंडा में काफी हद तक रखने में कामयाब हो गए थे. इसका असर यह हुआ था कि मथुरा, बुलंदशहर व गाजियाबाद जैसे जिलों में भाजपा ने समाजवादी पार्टी को पूरी तरह से साफ कर दिया था.
इस बार इंडिया गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी और कांग्रेस बीजेपी को ऐसे किसी भी मुद्दे में हावी नहीं होने देना चाह रही है. लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही पश्चिम उत्तर प्रदेश में हुए दो चुनावी सभा में कांग्रेस के घोषणा पत्र को मुस्लिम लीग से तुलना कर वोटरों को साफ संदेश देने की कोशिश की है.
बीते दिनों कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और उप प्रभारी अविनाश पांडे और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच हुई बैठक में यह बात प्रमुखता से सामने आई थी कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चुनाव में इंडिया गठबंधन के नेताओं की साझा रैली के स्थान पर दोनों पार्टी के नेता अपने-अपने प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार करें. इस रणनीति के तहत अखिलेश यादव अपने प्रत्याशियों के समर्थन में पश्चिम उत्तर प्रदेश में चुनावी कैंपेन कर रहे हैं.
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