कौशाम्बी : कौशाम्बी लोकसभा सीट पर कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे. मंगलवार के दिन बुलाई गई संगठन की बैठक में राजा भैया ने निर्णय लिया. इस दौरान उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं को स्वतंत्र होकर अपने विवेक से मतदान करने की बात कही है.
कौशाम्बी लोकसभा सीट के अंतर्गत पांच विधानसभा क्षेत्र चायल, सिराथू, मंझनपुर विधानसभा के अलावा प्रतापगढ़ जनपद में बाबागंज और कुंडा विधानसभा भी शामिल है. कौशाम्बी जनपद की तीन विधानसभाओं के साथ-साथ पार्टी प्रत्याशियों को कुंडा और बाबागंज के मतदाताओं की भी आवश्यकता होती है. जिसकी चाभी कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पास होती है.
भाजपा और सपा के प्रत्याशी और उनकी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के लोग इस मामले में राजा भैया से मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन कोई बात नहीं बन पाई है. राजा भैया ने मंगलवार को अपनी पार्टी जनसत्तादल के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की है. बैठक में राजा भैया ने कौशाम्बी लोकसभा पर किसी भी पार्टी एवं प्रत्याशी का खुलकर समर्थन करने से साफ इनकार करने के संकेत दिए. इस दौरान उन्होंने कहा कि मतदाता अपने विवेक से मतदान अवश्य करें और नोटा की बटन का प्रयोग न करें.
राजा भैया द्वारा किसी पार्टी का समर्थन न करने के ऐलान के बाद कौशाम्बी लोकसभा सीट का राजनीतिक समीकरण बदल गया है. कयास लगाया जा रहा था कि यदि राजा भैया भाजपा प्रत्याशी को समर्थन दे देते हैं तो भाजपा यह सीट बड़े अंतर से जीत लेती, लेकिन राजा भैया के समर्थन देने से इनकार किए जाने के बाद अब कौशाम्बी के राजनीतिक समीकरण में उथल पुथल मच गई है.
दरअसल, बेंती कोठी में शाम पांच बजे उमड़े हुजूम के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर राजा भैया ने पहले चर्चा की. कार्यकर्ताओं की राय जानी. सबकी बातों को सुनने के बाद राजा भैया ने ऐलान किया कि भाजपा व सपा किसी भी दल के पक्ष में मतदान करने के लिए वह समर्थकों से नहीं कहेंगे. राजा भैया ने कहा है कि कार्यकर्ताओं और समर्थकों को जो ठीक लगे, वह फैसला ले सकते हैं. कौशांबी सीट को लेकर कहा कि दोनों प्रमुख उम्मीदवारों में कोई भी ऐसा नहीं है जो आपके सुख-दुख में शामिल हो सके. राजा भैया खुद अपनी गारंटी ले सकते हैं, किसी दूसरे नेता या प्रत्याशी की नहीं ले सकते. इस चुनाव में किसी भी पार्टी और उम्मीदवार को कोई समर्थन नहीं दिया जाएगा. कहा कि न बीजेपी गठबंधन को कोई समर्थन होगा और न ही सपा गठबंधन को समर्थन देंगे.