आगरा: पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव से पहले रामजीलाल सुमन को राज्यसभा भेजकर अनुसूचित जाति के मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया. भले ही भाजपा ने सपा में सेंधमारी की. लेकिन, राज्यसभा चुनाव में आगरा के रामजीलाल सुमन की जीत से सपा ने पिछड़ा, दलित व अल्पसंख्यक (पीडीए) कार्ड चला है, जो सपा को लोकसभा चुनाव में मजबूती देगा.
सपा ने मुलायम सिंह यादव के करीबी समाजवादी के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन से बसपा के कोर वोटर में सेंधमारी की तैयारी की है. ये वही रामजीलाल सुमन हैं, जो 26 साल की उम्र में सांसद बने. इसके बाद चंद्रशेखर सरकार में केंद्रीय मंत्री बने. अब 73 साल की उम्र में राज्यसभा सांसद बने हैं. बता दें कि सपा से राज्यसभा पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री रामजीलाल सुमन की आगरा व अलीगढ़ मंडल में मजबूत पैठ है. इसका फायदा इंडिया गठबंधन में सपा और कांग्रेस को मिलेगा. क्योंकि, सपा ने रामजीलाल सुमन को राज्यसभा भेजकर पीडीए फार्मूला दिया था.
छात्र राजनीति में ही दिख गए थे तेवर
पूर्व केंद्रीय मंत्री रामजीलाल सुमन अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं. रामजीलाल सुमन की राजनीति में ऊंचाई छूने की चर्चाएं छात्र राजनीति से ही होने लगी थीं. सन 1971 में हाथरस के एमजी पॉलीटेक्निक के छात्र रवेंद्र और बंटी की हत्या का बड़ा आंदोलन रामजीलाल सुमन के नेतृत्व में हुआ था. इस आंदोलन से रामजीलाल सुमन के राजनीतिक कॅरिअर को रफ्तार मिली थी.
26 वर्ष की उम्र में बने थे सांसद
मूलत हाथरस जिले की सादाबाद तहसील के गांव बहरदोई के निवासी रामजीलाल सुमन का राजनीतिक कॅरिअर छात्र जीवन से ही शुरू हो गया था. हाल में रामजीलाल सुमन संजय प्लेस स्थित एचआइजी फ्लैट में रहते हैं. छात्र राजनीति से शुरुआत करने वाले रामजीलाल सुमन 26 वर्ष की उम्र में 1977 में फिरोजाबाद लोकसभा सीट से सांसद बने. इसके बाद सपा के टिकट पर रामजीलाल सुमन वर्ष 1989, 1999 और 2004 में सांसद बने. जब देश में चंद्रशेखर की सरकार बनी तो सन 1991 में राजलीलाल सुमन महिला कल्याण, श्रम कल्याण और बाल विकास मंत्री रहे. सपा ने सन 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में रामजीलाल सुमन को हाथरस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया. लेकिन, हाथरस से उन्हें जीत नहीं मिली.
12 साल बाद चली साइकिल
सपा की आगरा में 12 साल बाद साइकिल चली. सन 2012 के विधानसभा चुनाव में बाह से सपा की टिकट पर अरिदमन सिंह ने जीत दर्ज की थी. फिर, सन 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव और वर्ष 2017 व 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा की साइकिल जीत तक नहीं पहुंच सकी.
सुमन समर्थकों के संग लखनऊ में
सपा से राज्यसभा पहुंचे रामजीलाल सुमन समर्थकों समेत लखनऊ में हैं. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि संसद उनके लिए नई नहीं है. संसदीय मान्यताओं को अच्छी तरह जानते हैं. राज्यसभा में जन सामान्य से जुड़े मामले उठाकर उनका निस्तारण कराएंगे.
रामजीलाल सुमन का राजनीतिक सफर
सन 1977 में महज 26 वर्ष की आयु में पहली बार फिरोजाबाद से सांसद बने.
सन 1989, 1999 और 2004 फिरोजाबाद से ही जीतकर लोकसभा पहुंचे.
सन 1991 में चंद्रशेखर की सरकार में श्रम और बाल विकास मंत्री भी रहे.
2014 में हाथरस लोकसभा से सपा के प्रत्याशी बने और चुनाव हार गए.
2019 के लोकसभा में सपा और बसपा गठबंधन में भी हाथरस से लोकसभा चुनाव हारे.
2024 में सपा ने राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया और अब राज्यसभा सांसद बने हैं.
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