बस्तर: 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण में बस्तर का रण होगा. बीजेपी के महेश कश्यप और कांग्रेस के कवासी लखमा के बीच मुख्य मुकाबला है. नामांकन के आखिरी दिन 27 मार्च को बस्तर में सियासी संग्राम का अलग ही रंग देखने को मिला. बीजेपी ने मिशन ग्राउंड में नामांकन रैली की तो कांग्रेस ने लालबाग मैदान में नॉमिनेशन से पहले सभा का आयोजन किया.
बस्तर लोकसभा सीट के लिए कितने उम्मीदवारों ने भरा पर्चा: बस्तर लोकसभा सीट पर कुल 12 प्रत्याशियों ने नामांकन किया है. इसमें कई उम्मीदवारों ने पहले ही अपना नामांकन दाखिल कर दिया था, उनमें से कुछ ने बुधवार को कागजात का दूसरा सेट जमा किया. बीजेपी से महेश कश्यप और कांग्रेस से कवासी लखमा ने नॉमिनेशन किया है.
बीजेपी ने कांग्रेस को दिया झटका: बीजेपी ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया. कांग्रेस की नेता और जगदलपुर नगर निगम की महापौर सफिरा साहू ने तीन हजार नेताओं के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया. इसमें कांग्रेस और अन्य समर्थक भी शामिल हैं.
"आज बीजेपी उम्मीदवार महेश कश्यप ने नामांकन दाखिल किया. इस दौरान छत्तीसगढ़ संगठन के प्रभारी नितिन नवीन, प्रदेश अध्यक्ष, दोनों डिप्टी सीएम और हजारों की संख्या में कार्यकर्ता शामिल हैं. इस अवसर पर शहर की महापौर सहित हजारों की संख्या में कांग्रेसी शामिल हुए हैं. आगामी लोकसभा चुनाव भारी बहुमतों से जीतेंगे.": विष्णुदेव साय, सीएम, छत्तीसगढ़
बघेल ने लखमा के पक्ष में किया प्रचार: पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि आज कवासी लखमा ने नामांकन भरा है. यह लड़ाई बस्तर के अधिकारों की है. संविधान की लड़ाई है. इसीलिए कवासी लखमा मैदान में उतरे हैं. क्योंकि बस्तर को बचाना है. क्योंकि जिस प्रकार से नक्सली घटनाएं बढ़ी हैं और बस्तर को बचाने के लिए कांग्रेस हमेशा आगे रही है.
"जब से साय सरकार बनी वैसे ही हसदेव अरण्य कट गया. वैसे ही नगरनार और अन्य खदानें व प्लांट लोकसभा चुनाव तक रुका हुआ है. उसे बचाने के लिए कांग्रेस संकल्पित है. इससे पहले कांग्रेस की सरकार में जितनी भी सुविधाएं मिल रही थी. वे सभी बंद हो गई है. जिनमें राजीव गांधी युवा मितान योजना, भूमिहीन किसान योजना, बेरोजगारी भत्ता, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गो धन न्याय योजना, सभी योजनाओं को बंद किया गया है. स्वामी आत्मानंद स्कूल में भी फीस लेना शुरू कर दिया गया है. पीएससी और व्यापम में फीस लेना शुरू कर दिया है. युवाओं को जो छूट कांग्रेस ने दी थी उसे भाजपा ने छीन लिया है.": भूपेश बघेल, पूर्व सीएम, छत्तीसगढ़
सफिरा साहू के बीजेपी में जाने पर बघेल का बयान: वहीं महापौर के भाजपा में शामिल होने पर पूर्व सीएम बघेल ने कहा कि कुछ तो मजबूरियां रहीं होंगी यूं ही कोई बेवफा नहीं होता. उन्हें कांग्रेस ने पार्षद से महामंत्री और फिर महामंत्री से महापौर बनाया. इसके बाद भी ऐसा हुआ तो कहीं न कहीं कुछ तो बात है. भाजपा महापौर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते थे. अब उनके पास जो वॉशिंग मशीन है उसमें धुलने के बाद किसी दिखती है वो भी देखेंगे. इस दौरान बघेल ने अजीत पवार का भी जिक्र किया और उनके डिप्टी सीएम बनने की इनसाइड स्टोरी बताई.
"नारायण राणे भी उसी प्रकार से बीजेपी में शामिल हो गए. असम के मुख्यमंत्री भी ठीक उसी प्रकार से शामिल हुए. भाजपा के पास एक वॉशिंग मशीन है. जिससे धुलकर सारे नेता चकाचक हो जाते हैं. अब कांग्रेस के नेताओं को खोज खोज कर ले जा रहे हैं. भाजपा के नेताओं का काम अब केवल दरी उठाना और झंडा उठाने का रह गया है. चाहे ज्योतिरादित्य सिंधिया हो वे सब बड़े बड़े मंत्री बनेंगे. वहीं भाजपा के लोग दरी और झंडा उठाएंगे. इससे कांग्रेस कमजोर नहीं होगी. कांग्रेस से जिसे जाना है वो जाए, पिछली बार जगदलपुर विधानसभा हारे थे. इस बार भारी बहुमत से जीतेंगे.": भूपेश बघेल, पूर्व सीएम, छत्तीसगढ़
सफिरा साहू ने कांग्रेस पर उठाए सवाल: इस मौके पर जगदलपुर की महापौर सफिरा साहू ने कांग्रेस पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि "जिस प्रकार से महिला पार्षदों के साथ दुर्व्यवहार किया गया. 2 पार्षदों ने अपना इस्तीफा दिया. लेकिन उनके साथ जिला अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष ने दुर्व्यवहार किया उससे मुझे दुख पहुंचा. वहीं भाजपा की सरकार में जिस प्रकार से महिलाओं का सम्मान किया जा रहा है. इससे लगा कि उनकी जगह भाजपा में है". इस कारण से वे अपने साथ 6 पार्षदों को लेकर भाजपा में शामिल हुई. नगर निगम में अब बीजेपी की सरकार बनाने का उन्होंने दावा किया.