भोपाल। एमपी में दूसरे चरण की वोटिंग में एक होशंगाबाद सीट को छोड़ दें तो बुंदेलखंड और विंध्य में मतदान होगा. दूसरे चरण की छह सीटों में खजुराहो और टीकमगढ सीट हाईप्रोफाईल है. खजुराहो से प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा और टीकमगढ़ से केन्द्रीय मंत्री वीरेन्द्र खटीक चुनाव मैदान में हैं. इन 6 सीटों पर किसका कितना दम, चुनावी माहौल क्या रहा. कहां तीसरे की मौजूदगी ने दो दलों का संकट बढाया. 6 लोकसभा सीटों की 47 विधानसभा सीटों पर पड़ेंगे वोट और एक करोड़ 11 लाख 62 हजार 460 मतदाता इन 6 सीटों पर खड़े 80 उम्मीदवारों का भाग्य लिखेंगे.
नर्मदा तट वाले कमल खिलाएंगे या हाथ मिलाएंगे
दूसरे चरण में जिन सीटों पर मतदान होना है, उनमें होशंगाबाद भी महत्वपूर्ण सीट है. इस बार बीजेपी ने यहां ओबीसी वर्ग के दर्शन सिंह चौहान को अपना उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने संजय शर्मा को मैदान में उतारा है. 2019 के आम चुनाव में यहां से रिकार्ड मतों से राव उदय प्रताप सिंह चुनाव जीते थे. इस बार वो मैदान में भले ना हो, लेकिन पार्टी ने चुनाव की कमान उन्हीं के हाथ में सौंपी. बीजेपी की मजबूत सीटों में गिने जाने के बावजूद होशंगाबाद में पार्टी ने कोई जोखिम नहीं लिया. पीएम मोदी की सभा भी हो चुकी है. हालांकि कांग्रेस की ओर से होशंगाबाद मे कोई बड़े स्टार प्रचारक नहीं पहुंचे.
खजुराहो मुकाबला खत्म, रिकार्ड के लिए चुनाव
हाई प्रोफाइल सीटों में गिनी-जाने वाली खजुराहो लोकसभा सीट में समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार मीरा यादव का नामांकन रद्द हो जाने के बाद खजुराहो में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का चुनाव एकतरफा हो चुका है. वे यहां जो जनसंपर्क कर रहे हैं, वो भी केवल वोटो का रिकार्ड बढ़ाने के मकसद से. हालांकि एक तरफा चुनाव हो जाने के बाद बावजूद भी स्मृति इरानी से लेकर पीएम मोदी तक वीडी शर्मा के लिए वोट मांगने आए हैं.
टीकमगढ़ क्या खटीक ही खेलेंगे
टीकमगढ़ सीट पर वीरेन्द्र कुमार खटीक का ये चौथा चुनाव है. इस एससी आरक्षित सीट के लिए कहा जाता है कि ये बीजेपी की सबसे मजबूत सीटों में से एक है. उसकी वजह वीरेन्द्र कुमार खटीक हैं. केन्द्रीय मंत्री बन जाने के बावजूद जो अब भी टीकमगढ़ के आम आदमी के लिए सहज सरल और सुलभ है. हालांकि लंबे समय तक एक ही नेता की नुमाइंदगी एंटी इन्कबमेंसी की वजह भी बनती है. कांग्रेस ने इस सीट से पंकज अहिरवार को उम्मीदवार बनाया है.
दमोह लोकसभा में लोधी वर्सेस लोधी
लोधी बाहुल्य वाली सीट दमोह में कांग्रेस और बीजेपी ने इस कोर वोटर पर मजबूत पकड़ बनाने लोधी उम्मीदवार ही मैदान में उतारे हैं. बीजेपी ने इस सीट पर राहुल लोधी को उम्मीदवार बनाया है, तो कांग्रेस सीट से तरबर सिंह लोधी चुनाव मैदान में हैं. 35 साल से जिस सीट पर बीजेपी का कमल खिलता रहा है. उसे पार्टी किसी कीमत पर हाथ से जाने नहीं दे सकती. यही वजह है कि यहां पीएम मोदी की रैली रखवाई गई.
सतना की सीट पर खेल बिगाड़ सकता है तीसरा
सतना लोकसभा सीट पर इस बार बीजेपी कांग्रेस के मुकाबले को बीएसपी से खड़े हुए नारायण त्रिपाठी ने रोचक के साथ मुश्किल बना दिया है. बीजेपी से वैसे चार बार के सांसद रहे गणेश सिंह हैं, लेकिन चार महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में गणेश सिंह कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाह से मात खा गए थे. कांग्रेस ने उन्हें ही लोकसभा में भी उम्मीदवार बना दिया. सतना सीट से सिद्धार्थ गणेश सिंह को हरा चुके हैं. सतना ब्राह्मण बाहुल्य सीट है और ऐसे में यहां बीएसपी से नारायण त्रिपाठी की मौजूदगी खेल बिगाड़ने के अंदाज में है.
रीवा में बीजेपी की राह नहीं आसां
रीवा लोकसभा सीट पर बीजेपी ने मौजूदा सांसद जनार्दन मिश्र को ही मैदान में उतारा है. कांग्रेस से नीलम मिश्रा मैदान में हैं, जो कि कांग्रेस विधायक अभय मिश्र की पत्नी है. हालांकि विधनसभा चुनाव के परफार्मेंस से देखें तो बीजेपी मजबत दिखाई देती है. लेकिन चुनाव रफ्तार पकड़ने के सथ नीलम मिश्र बराबरी की टक्कर देने की स्थिति में आ गई. राजेन्द्र शुक्ल जैसे कद्दावर मंत्री का इलाका होने के बावजूद बीजेपी ने कोई कसर नहीं छोड़ी और बीजेपी ने यहां अपने बिग शॉट राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा भी उतार दिए.
6 सीटों पर एक करोड़ से ज्यादा वोटर
दूसरे चरण की जिन सीटों पर वोटिंग हो रही है. वहां एक करोड़ से ज्यादा वोटर हैं. वोटर की कुल तादात एक करोड़ ग्यारह लाख 25 हजार पांच सो 98 है. इनमें 58,13,410 पुरुष, 53,12,025 महिला और 163 तीसरे लिंग के मतदाता हैं.