सुलतानपुर : जिले से भाजपा ने मौजूदा सांसद मेनका गांधी पर फिर से दांव लगाया है. अब यहां INDIA गठबंधन प्रत्याशी भीम निषाद से उनका सीधा मुकाबला तय माना जा रहा है. साल 2019 का लोकसभा चुनाव मेनका ने 14526 मतों से जीता था. अगर 2014 की बात करें तो मेनका के पुत्र वरुण गांधी ने मां से कई गुना वोटों से जीत हासिल की थी. वरुण ने 178902 मतों से बाहुबली पवन पांडेय को पराजित किया था.
16 मार्च को हुई थी गठबंधन प्रत्याशी की घोषणा : बीते 16 मार्च को सपा ने इंडिया गठबंधन प्रत्याशी भीम निषाद को मैदान में उतारा था. तब से भाजपा की ओर से प्रत्याशी चयन को लेकर आम जनमानस में ऊहापोह की स्थिति थी. सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे थे.
ये भी कहा जा रहा था अगर भाजपा मेनका को नहीं लाती तो उसका 80 में 80 का नारा फेल हो सकता था. आखिर अंतिम समय में भाजपा को मेनका ही टिकाऊ और जिताऊ कंडीडेट नजर आईं. उनके नाम की रविवार शाम पार्टी नेतृत्व ने मुहर लगा दिया.
अंतिम समय में जीती थीं मेनका : बात 2019 के लोकसभा चुनाव के परिणाम की करें तो मेनका संजय गांधी को कुल 4,59,196 मत मिले थे. (45.88%) और गठबंधन में बसपा प्रत्याशी पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू को 4,44,670 मत (44.43%) मिले थे. कांग्रेस के डॉ. संजय सिंह को कुल 41,681 (4.16%) मत मिले थे.
2019 के लोकसभा चुनाव में सुलतानपुर सीट से बीजेपी प्रत्याशी मेनका गांधी को बसपा प्रत्याशी चंद्रभद्र सिंह सोनू से कड़ी टक्कर मिली थी. मेनका गांधी इस चुनाव में महज 14 हजार मतों से ही चुनाव जीती थीं. चुनाव में तीसरे प्रत्याशी कांग्रेस संजय सिंह थे.
वरुण ने एक लाख से अधिक मत से जीता था चुनाव : साल 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी से वरुण गांधी 4,10,348 (24.09%) मत पाकर सांसद बने थे. जबकि सपा से अम्बेडकरनगर के रहने वाले पवन पांडेय 2,31,446 (13.59%) रनर रहे थे. इस चुनाव में सपा के शकील अहमद 2,28, 144 (13.39%) मत पाकर तीसरे स्थान पर थे.
कांग्रेस की अमिता सिंह को 41,983 (2.46%) मत मिला था. वह चौथे स्थान पर थीं. लोकसभा चुनाव 2014 की बात करें तो इस सीट से मेनका संजय गांधी के बेटे और बीजेपी प्रत्याशी वरुण गांधी भी यहां पहली बार चुनाव लड़ने आए. जनता ने उन्हें चुनाव में जीत दर्ज करने का मौका दिया और वो यहां से सांसद बने.
सुलतानपुर संसदीय सीट पर अबतक कांग्रेस पार्टी ने 8 बार अपनी जीत दर्ज की है. जबकि भारतीय जनता पार्टी ने यहां पर 5 बार अपनी जीत दर्ज कर चुकी है.
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