लखनऊ : यूपी में 14 सीटों के लिए शनिवार को हुए मतदान के आंकड़े थोड़े हैरान करने वाले रहे. अब तक के पांच चरणों के मतदान की तुलना में छठवें चरण में सबसे कम वोटिंग हुई. पिछली बार के 2019 के लोकसभा चुनाव से भी यह कम है. छठवें चरण में कुल 54.03% वोटिंग हुई. 2019 में इन्हीं सीटों पर यह आंकड़ा लगभग 55.50% था. पिछले 5 साल में वोटों की संख्या भी यहां बढ़ी है. मतदान थोड़ा कम होने के बावजूद कुल पड़े वोटों की संख्या पिछली बार से कुछ अधिक है. इससे भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी और उनके समर्थक खुश नजर आ रहे हैं. सबसे ज्यादा 61.54% मतदान अंबेडकर नगर में दर्ज किया गया. प्रयागराज के फूलपुर लोकसभा क्षेत्र में सबसे कम 48.94% वोटिंग हुई. चुनाव आयोग से जारी आंकड़ों के मुताबिक सबसे अधिक वोटिंग पहले चरण में 61.11% हुई थी. उसके बाद यह आंकड़ा लगातार नीचे जा रहा है.
लोकसभा क्षेत्र सुलतानपुर में 55.50 प्रतिशत वोटिंग हुई है. साल 2019 में इसी सीट पर 56.37% वोटिंग हुई थी. प्रतापगढ़ सीट पर 51.60% वोटिंग हुई है जबकि 2019 में 53.56% मतदान हुआ था. फूलपुर लोकसभा सीट में इस बार मतदान 48.94% हुआ है. 2019 में यहां 48.70% वोटिंग हुई थी. इलाहाबाद सीट पर 51.75% वोटिंग हुई है. साल 2019 में मतदान 51.83% हुआ था. अंबेडकर नगर सीट पर 61.54% मतदान दर्ज किया गया है. जबकि साल 2019 में वोटिंग 61.08% हुई थी.
श्रावस्ती सीट पर 52.76% वोटिंग हुई है, जबकि 2019 में इस सीट पर 52.5% वोटिंग हुई थी. डुमरियागंज लोकसभा सीट का मतदान 51.94% है, साल 2019 में यहां 52.26% मतदान हुआ था. बस्ती लोकसभा सीट में 56.67% मतदान हुआ है, साल 2019 में यहां 57.19% मतदान हुआ था. संत कबीर नगर सीट पर 52.63% मतदान हुआ. 2019 के चुनाव में यहां 54.2 प्रतिशत मतदान हुआ था.
लालगंज सीट पर इस बार 54.114% मतदान हुआ. साल 2019 में यहां 54.86% मतदान हुआ था. आजमगढ़ सीट पर 56.07 प्रतिशत वोटिंग की गई. साल 2019 में यहां 57.56% वोटिंग हुई. जौनपुर में 55.5 2% मतदान किया गया. यहां साल 2019 में 55.77% मतदान हुआ था. मछली शहर लोकसभा सीट पर 54.43% मतदान हुआ, साल 2019 में यहां 56.02% वोटिंग हुई थी. भदोही लोकसभा सीट पर 53.07 प्रतिशत मतदान हुआ है, साल 2019 में यहां 53.53 मतदान हुआ था.
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पहले चरण में 61.11%, दूसरे चरण में 55.19%, तीसरे चरण में 57.55%, चौथे चरण में 58.22%, पांचवें चरण में 58.02 प्रतिशत और छठे चरण में 54.02% मतदान हुआ है.
छठवें चरण की 14 लोकसभा सीटों के रूझान
सुलतानपुर लोकसभा सीट : सुलतानपुर सीट पर भारतीय जनता पार्टी की मेनका गांधी संघर्ष के बावजूद आगे बताई जा रही हैं. यहां उनका मुकाबला समाजवादी पार्टी के राम भुआल निषाद के साथ है. अंतिम समय में वरुण गांधी की जनसभाओं ने मेनका गांधी के लिए सकारात्मक काम किया है. इसके बावजूद इस सीट पर कांटे की लड़ाई बताई जा रही है.
प्रतापगढ़ लोकसभा सीट : प्रतापगढ़ सीट पर भारतीय जनता पार्टी के संगम लाल गुप्ता का मुकाबला समाजवादी पार्टी के एसपी सिंह के साथ है. दोनों ही पिछड़े वर्ग से आते हैं. राजा भैया के विरोध के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के संगम लाल गुप्ता यहां बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. विपक्षी समाजवादी पार्टी के एसपी सिंह कुर्मी वर्ग से आते हैं. ऐसे में अपना दल के प्रयासों से बीजेपी को कुर्मी वोट हासिल करने में भी मदद मिल रही है.
फूलपुर लोकसभा सीट : यहां से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी प्रवीण निषाद हैं. उनका समाजवादी पार्टी से अमरनाथ मौर्या से मुकाबला है. यह लड़ाई तगड़ी दिखाई दे रही है. बीएसपी से जगन्नाथ पाल चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी में कुछ भितरघात का दूसरे को फायदा मिल सकता है.
भदोही लोकसभा सीट : भदोही की सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा के विनोद कुमार बिंद और टीएमसी के ललितेशपति त्रिपाठी के बीच देखने को मिला. बहुजन समाज पार्टी के हरिशंकर चौहान भी यहां अपने परंपरागत वोट के लिए लड़ रहे हैं. ललितेशपति को ब्राह्मण वोट मिला है. इसके बावजूद विनोद कुमार बिंद भारी नजर आ रहे हैं.
इलाहाबाद लोकसभा सीट : इस लोकसभा सीट में भारतीय जनता पार्टी को जातिगत चुनौतियों का सामने करना पड़ रहा है. पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल के श्रीनाथ त्रिपाठी के पुत्र नीरज त्रिपाठी और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे समाजवादी पार्टी के नेता रेवती रमण सिंह के पुत्र उज्जवल रमण सिंह के बीच कांटे का मुकाबला है. यहां ऊंट किसी भी करवट बैठ सकता है.
मछली शहर लोकसभा सीट : इस सुरक्षित सीट पर भारतीय जनता पार्टी के बीपी सरोज और समाजवादी पार्टी की प्रिया सरोज मैदान में हैं. इस सीट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रभाव नजर आ रहा है. इससे बीजेपी मुकाबले में पूरी तरह नजर आ रही है.
जौनपुर लोकसभा सीट : बीजेपी के कृपा शंकर सिंह और समाजवादी पार्टी के बाबू सिंह कुशवाहा के बीच यहां कड़ा मुकाबला है. जातिगत मुकाबले में दोनों ओर से जीत का दावा किया जा रहा है. इस सीट पर किसके सिर पर ताज सजेगा यह कह पाना मुश्किल है.
लालगंज लोकसभा सीट : जिले की लालगंज लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है. बहुजन समाज पार्टी की डॉ. इंदु चौधरी, भारतीय जनता पार्टी की नीलम सोनकर और सपा से दरोगा दरोज यहां मैदान में हैं. यहां राजभर समाज के मतदाताओं ने भारतीय जनता पार्टी का समर्थन किया है.
संत कबीर नगर लोकसभा सीट : सीट पर स्थानीय और बाहरी मुद्दा गरम हो गया है. भारतीय जनता पार्टी की ओर से यहां प्रवीण निषाद खड़े हैं. समाजवादी पार्टी से लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू निषाद चुनाव लड़ रहे हैं. बीएसपी के नदीम अशरफ कुछ खास असर नहीं डाल पा रहे.
डुमरियागंज लोकसभा सीट : सीट पर भारतीय जनता पार्टी के जगदंबिका पाल लगातार तीसरी बार उम्मीदवार है. ईडी गठबंधन की ओर से भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी चुनाव मैदान में है. यहां ब्राह्मण वोट दोनों ओर मिलते नजर आ रहे हैं. भाजपा के बेहतर प्रदर्शन करने की आशंका है.
बस्ती लोकसभा सीट : बस्ती लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के हरीश द्विवेदी और गठबंधन की ओर से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राम प्रसाद चौधरी मैदान में हैं. दोनों के बीच कड़ी टक्कर नजर आ रही है. सभी विधानसभा क्षेत्र में दोनों उम्मीदवारों को कुछ न कुछ वोट जरूर मिल रहा है.
अंबेडकर नगर लोकसभा सीट : इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी से रितेश पांडेय उम्मीदवार हैं. रितेश 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जीते थे. यहां समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी मजबूत नजर आ रहे हैं.
आजमगढ़ लोकसभा सीट : आजमगढ़ लोकसभा सीट से भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ और समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है. मुस्लिम, यादव समीकरण समाजवादी पार्टी के पक्ष में हैं. बीजेपी को गैर यादव ओबीसी और उच्च जातियों वर्ग का वोट जमकर मिला.
श्रावस्ती लोकसभा सीट : इस सीट से भाजपा से साकेत मिश्रा जबकि सपा से राम शिरोमणि वर्मा मैदान में हैं. प्रधानमंत्री के करीबी रहे नृपेंद्र मिश्रा के बेटे साकेत मिश्रा का मुकाबला निवर्तमान सांसद राम शिरोमणि वर्मा से है. वह हाथी का साथ छोड़ने के बाद इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बने. इस सीट पर भी कांटे का मुकाबला देखने को मिल सकता है.
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