जमुईः एक सप्ताह के अंदर जमुई में दूसरी बार चुनावी सभा करते हुए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने NDA कैंडिडेट के बाहरी होने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि चिराग ने 10 साल सांसद रहते हुए जमुई में एक दफ्तर तक नहीं खोला और अब अपने जीजाजी को मैदान में उतार दिया है. तो जीजाजी मेहमान हैं, उनका क्या भरोसा, उनका पता कहां है. तेजस्वी ने परिवारवाद को मुद्दा बनाने पर पीएम मोदी पर भी निशाना साधा.
जमुई की बेटी को जिताने की अपीलः तेजस्वी यादव ने कहा कि "लोकसभा का चुनाव मामूली नहीं है. इसलिए महागठबंधन ने जमुई के की बेटी अर्चना रविदास को प्रत्याशी बनाया है. पढ़ी-लिखी महिला हैं, लोकल, आधी आबादी हैं, आपकी घर की बेटी यही सोच कर हम लोगों ने टिकट दिया है कि अब तक लोगों ने जमुई को सिर्फ ठगने का काम किया है. लेकिन इस बार जमुई को ऐसा उम्मीदवार दिया है कि हर वक्त दुख, दर्द, तकलीफ में आपके साथ रहेगा."
'जीजाजी' का पता कहां है' ?: तेजस्वी यादव ने NDA प्रत्याशी अरुण भारती पर तंज कसा और कहा कि "चिराग पासवान भी मेरे भाई है. हम लोगों के साथ काम काम किए हैं. लेकिन चिराग यहां से सांसद रहे और अब इस बार उन्होंने अपनी जीजा को टिकट दिया है. लेकिन जो मेहमान हैं, जीजाजी हैं उनका पता कहां है?चिराग जी यहां से दो बार सांसद रहे लेकिन आज तक अपना पार्टी दफ्तर नहीं बना सके तो अब बाहरी क्या करेंगे ?"
'चिराग के जीजा को टिकट देना कौन सा वाद' ?: तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी पर भी निशाना साधा. उन्होेंने कहा कि मोदी से कोई दुश्मनी नहीं है. विपक्ष में है सवाल पूछने का अधिकार है. जनता को भी यह अधिकार है. मोदी की बात नहीं मुद्दे की बात होनी चाहिए. मोदी जी कहते हैं कि परिवारवाद ठीक नहीं, लेकिन इस बार मोदी जी और चिराग ने जो टिकट दिए हैं वह कौन वाद है?"
4 दिनों के अंदर दूसरा जमुई दौराः इससे पहले 6 अप्रैल को भी तेजस्वी यादव ने वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी के साथ जमुई के श्रीकृष्ण सिंह मेमोरियल स्टेडियम में चुनावी सभा को संबोधित किया था और अब बुधवार को भी मुकेश सहनी के साथ सोनो प्रखंड के आदर्श मध्य विद्यालय में आयोजित सभा को संबोधित किया और विरोधियों पर निशाना साधा.
जमुई में जीजा बनाम बेटीः जमुई लोकसभा सीट पर इस बार NDA ने अरुण भारती को अपना कैंडिडेट बनाया है. अरुण भारती एलजेपीआर के अध्यक्ष चिराग पासवान के जीजा हैं. वहीं महागठबंधन ने अर्चना रविदास को जमुई लोकसभा सीट के दंगल में उतारा है. जिसके बाद यहां जमुई के जीजा बनाम जमुई की बेटी का मुद्दा प्रमुखता से छाया हुआ है.