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बिहार में NDA के लिए 2019 दोहराना मुश्किल, इंडी गठबंधन को हो सकता है 7 सीटों का फायदा - INDI ALLIANCE - INDI ALLIANCE

INDI ALLIANCE: 2024 के लोकसभा चुनाव की वोटिंग संपन्न है और अब नतीजों की बारी. 4 जून को आनेवाले नतीजों के पहले चर्चाओं का दौर तेज हो गया है. बात बिहार की करें तो चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि 2019 वाली सफलता दोहरा पाना NDA के लिए काफी मुश्किल है और INDI गठबंधन को बिहार में 7 सीटों का फायदा हो सकता है, पढ़िये कड़ी टक्कर वाली सीटों का रोचक विश्लेषण,

कई सीटों पर कड़ी टक्कर
कई सीटों पर कड़ी टक्कर (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 1, 2024, 10:12 PM IST

कई सीटों पर कड़ी टक्कर (ETV BHARAT)

पटनाः लोकसभा चुनाव का मतदान समाप्त होने के बाद अब दावों और पूर्वानुमान की बारी है. 4 जून को आनेवाले रिजल्ट से पहले गांव की गलियों से सत्ता के गलियारों तक चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है. बात बिहार की करें तो यहां कई सीटों पर कांटे की टक्कर है और माना जा रहा है कि 2019 के मुकाबले इस बार इंडी गठबंधन को कई सीटों का फायदा हो सकता है.

बिहार में 7 चरणों में हुई वोटिंगः बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर 7 चरणों में वोट डाले गये. 19 अप्रैल को पहले चरण में 4 सीटों पर वोटिंग हुई तो 26 अप्रैल को दूसरे चरण में 5 सीटों पर ही वोट डाले गये. तीसरे चरण की वोटिंग 7 मई को हुई और इस चरण में भी 5 सीटों पर मतदान हुआ जबकि 13 मई को चौथे चरण में 5 और 20 मई को पांचवें चरण में भी 5 सीट पर वोटिंग हुई. वहीं छठे चरण में 25 मई को 8 और आखिरी चरण में 1 जून को 8 सीटों पर वोट डाले गये.

2019 में NDA को मिली शानदार सफलताः 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों के पूर्वानुमान से पहले 2019 के नतीजों पर नजर डालना जरूरी है जब NDA ने बिहार में शानदार सफलता अर्जित की थी. सूबे की 40 सीट में से NDA ने 39 सीटों पर जीत दर्ज की. सिर्फ किशनगंज सीट कांग्रेस के खाते में आई जबकि आरजेडी का खाता तक नहीं खुला.

2024 में कई सीटों पर कड़ी टक्करः 2019 की तरह ही 2024 में NDA और महागठबंधन के बीच आमने-सामने की लड़ाई है, लेकिन इस बार महागठबंधन कई सीटों पर कड़ी टक्कर दे रहा है. चुनावी विशेषज्ञों का तो यहां तक मानना है कि 2019 के मुकाबले महागठबंधन इस बार बहुत बेहतर प्रदर्शन करेगा.

इंडी गठबंधन 8 सीटों पर मजबूतः इंडी गठबंधन ने 2024 का लोकसभा चुनाव बिहार में मजबूती से लड़ा है. वैसे तेजस्वी यादव हो या राहुल गांधी सब ने बिहार की सभी 40 सीटों पर जीत का दावा किया है लेकिन बिहार की ऐसी 8 सीटें हैं जिन सीटों पर इंडी गठबंधन के प्रत्याशी मजबूत स्थिति में दिखाई दे रहे हैं.

किशनगंजः 2019 लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को जिस एकमात्र सीट पर जीत मिली थी वो सीट किशनगंज ही थी, जहां से कांग्रेस के मो. जावेद ने चुनाव जीता था. 2024 में भी कांग्रेस ने जावेद पर भरोसा जताया है औरा उनका मुकाबला AIMIM के अख्तरूल इनाम और जेडीयू के मुजाहिद आलम से है. किशनगंज में लड़ाई तो त्रिकोणीय है लेकिन कांग्रेस का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है.

कटिहारः 2019 के चुनाव में जेडीयू के दुलालचंद गोस्वामी ने कांग्रेस के तारिक अनवर को हराया था. 2024 में भी कटिहार से दोनों प्रत्याशी आमने-सामने हैं. ऐसा माना जा रहा है कि कटिहार में इस बार मुसलमानों ने तारिक अनवर के पक्ष में एकतरफा वोटिंग की है और तारिक अनवर यहां से बाजी पलट सकते हैं.

दरभंगाःमिथिलांचल की दरभंगा लोकसभा सीट से 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के गोपाल जी ठाकुर ने जीत हासिल की थी. 2024 में भी बीजेपी ने गोपालजी ठाकुर को ही अपना प्रत्याशी बनाया जबकि आरजेडी ने ललित यादव को मैदान में उतारा. दरभंगा लोकसभा सीट पर इस बार ललित यादव और गोपाल जी ठाकुर के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है.

जहानाबादः 2019 में जहानाबाद से कांटे की टक्कर में जेडीयू के चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने आरजेडी के सुरेंद्र प्रसाद यादव को 1751 वोट से हराया था. 2024 के लोकसभा चुनाव में भी चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी और सुरेंद्र प्रसाद यादव के बीच सीधा मुकाबला है. जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार इस बार बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं जो कि जेडीयू उम्मीदवार को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

सारणः बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी 2014 और 2019 में सारण सीट पर जीत का परचम लहराया था. 2014 में उन्होंने राबड़ी देवी को हराया तो 2019 में लालू प्रसाद के समधी चंद्रिका राय को मात दी थी. 2024 में भी बीजेपी ने राजीव प्रताप रूडी को मैदान में उतारा तो आरजेडी ने लालू प्रसाद यादव की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य को मैदान में उतारा. बीमार लालू प्रसाद को अपनी किडनी देकर सुर्खियों में आई रोहिणी इस बार रूडी को कड़ी टक्कर दे रही हैं.

गया ( सुरक्षित): HAM के संरक्षक जीतन राम मांझी को NDA ने गया (सुरक्षित) लोकसभा सीट से अपना कैंडिडेट बनाया तो आरजेडी ने पूर्व कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत को मैदान में उतारा.कुमार सर्वजीत पासवान समुदाय से आते हैं. इसके अलावा उन्हें आरजेडी के परंपरागत वोट बैंक MY का साथ मिला है. जिसके कारण गया में मुकाबला कांटे का हो गया है.

बक्सरः 2014 और 2019 में बक्सर से कमल खिलानेवाले अश्विनी चौबे का टिकट काटकर बीजेपी ने 2024 में मिथिलेश तिवारी पर बक्सर से दांव लगाया जबकि आरजेडी ने 2019 में बक्सर से चुनाव हारे आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह को टिकट दिया. वहीं निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर आनंद मिश्रा और ददन पहलवान भी बक्सर के चुनावी मैदान में हैं.आनंद मिश्रा के पक्ष में युवाओं की भीड़ से बीजेपी इस सीट को लेकर संशय में है और सुधाकर सिंह का पलड़ा भारी दिख रहा है.

पाटलिपुत्रः जब से पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र का गठन हुआ है तब से लालू यादव का परिवार ही यहां से चुनाव लड़ रहा है लेकिन अभी तक जीत नसीब नहीं हुई है. 2009 में खुद लालू प्रसाद यहां से चुनाव हारे तो 2014 और 2019 में उनकी बेटी मीसा भारती को बीजेपी के रामकृपाल यादव ने हराया. 2024 में भी रामकृपाल और मीसा आमने-सामने हैं. पाटलिपुत्र सीट पर मुकाबला कांटे का माना जा रहा है.

क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ ?: वरिष्ठ पत्रकार सुनील पांडेय का मानना है "2024 के चुनाव में NDA के हिस्से में 30+ सीट आती दिख रही है. वहीं इंडी गठबंधन को 8 से 10 के आस पास सीट पर बढ़त होती दिख रही है. इंडी गठबंधन के प्रत्याशी किशनगंज, कटिहार, दरभंगा, सारण, गया, जहानाबाद, बक्सर और पाटलिपुत्र में बढ़त बनाते दिख रहे हैं.इन 8 सीट में 1 सीट पर कांग्रेस तो 7 सीट पर आरजेडी के प्रत्याशी हैं."

"2019 लोकसभा का चुनाव परिणाम 2024 में देखने को नहीं मिलेगा. इस बार दोनों गठबंधन के बीच में कांटे की लड़ाई है. यह बात बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को भी पता था. यही कारण है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहार में कई चुनावी सभाएं कीं और पटना में रोड शो भी किया. वहीं इंडी गठबंधन की ओर से चुनाव की पूरी कमान आरजेडी के हाथ में रही जिसका फायदा इंडी गठबंधन को होता दिख रहा है." सुनील पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार

अब 4 जून का इंतजारः इसमें कोई शक नहीं कि 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में बेहद ही दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला है. NDA और इंडी गठबंधन के नेताओं ने चुनाव प्रचार में एड़ी-चोटी का जोर लगाया. अधिकतर सीटों पर मुकाबला जोरदार है तो फाइनल रिजल्ट के लिए सभी को 4 जून का इंतजार है.

ये भी पढ़ेंः'4 जून को सत्ता से बाहर हो जाएगा NDA', पटना में मतदान के बाद तेजस्वी का बड़ा दावा - Tejashwi Yadav cast vote

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कई सीटों पर कड़ी टक्कर (ETV BHARAT)

पटनाः लोकसभा चुनाव का मतदान समाप्त होने के बाद अब दावों और पूर्वानुमान की बारी है. 4 जून को आनेवाले रिजल्ट से पहले गांव की गलियों से सत्ता के गलियारों तक चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है. बात बिहार की करें तो यहां कई सीटों पर कांटे की टक्कर है और माना जा रहा है कि 2019 के मुकाबले इस बार इंडी गठबंधन को कई सीटों का फायदा हो सकता है.

बिहार में 7 चरणों में हुई वोटिंगः बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर 7 चरणों में वोट डाले गये. 19 अप्रैल को पहले चरण में 4 सीटों पर वोटिंग हुई तो 26 अप्रैल को दूसरे चरण में 5 सीटों पर ही वोट डाले गये. तीसरे चरण की वोटिंग 7 मई को हुई और इस चरण में भी 5 सीटों पर मतदान हुआ जबकि 13 मई को चौथे चरण में 5 और 20 मई को पांचवें चरण में भी 5 सीट पर वोटिंग हुई. वहीं छठे चरण में 25 मई को 8 और आखिरी चरण में 1 जून को 8 सीटों पर वोट डाले गये.

2019 में NDA को मिली शानदार सफलताः 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों के पूर्वानुमान से पहले 2019 के नतीजों पर नजर डालना जरूरी है जब NDA ने बिहार में शानदार सफलता अर्जित की थी. सूबे की 40 सीट में से NDA ने 39 सीटों पर जीत दर्ज की. सिर्फ किशनगंज सीट कांग्रेस के खाते में आई जबकि आरजेडी का खाता तक नहीं खुला.

2024 में कई सीटों पर कड़ी टक्करः 2019 की तरह ही 2024 में NDA और महागठबंधन के बीच आमने-सामने की लड़ाई है, लेकिन इस बार महागठबंधन कई सीटों पर कड़ी टक्कर दे रहा है. चुनावी विशेषज्ञों का तो यहां तक मानना है कि 2019 के मुकाबले महागठबंधन इस बार बहुत बेहतर प्रदर्शन करेगा.

इंडी गठबंधन 8 सीटों पर मजबूतः इंडी गठबंधन ने 2024 का लोकसभा चुनाव बिहार में मजबूती से लड़ा है. वैसे तेजस्वी यादव हो या राहुल गांधी सब ने बिहार की सभी 40 सीटों पर जीत का दावा किया है लेकिन बिहार की ऐसी 8 सीटें हैं जिन सीटों पर इंडी गठबंधन के प्रत्याशी मजबूत स्थिति में दिखाई दे रहे हैं.

किशनगंजः 2019 लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को जिस एकमात्र सीट पर जीत मिली थी वो सीट किशनगंज ही थी, जहां से कांग्रेस के मो. जावेद ने चुनाव जीता था. 2024 में भी कांग्रेस ने जावेद पर भरोसा जताया है औरा उनका मुकाबला AIMIM के अख्तरूल इनाम और जेडीयू के मुजाहिद आलम से है. किशनगंज में लड़ाई तो त्रिकोणीय है लेकिन कांग्रेस का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है.

कटिहारः 2019 के चुनाव में जेडीयू के दुलालचंद गोस्वामी ने कांग्रेस के तारिक अनवर को हराया था. 2024 में भी कटिहार से दोनों प्रत्याशी आमने-सामने हैं. ऐसा माना जा रहा है कि कटिहार में इस बार मुसलमानों ने तारिक अनवर के पक्ष में एकतरफा वोटिंग की है और तारिक अनवर यहां से बाजी पलट सकते हैं.

दरभंगाःमिथिलांचल की दरभंगा लोकसभा सीट से 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के गोपाल जी ठाकुर ने जीत हासिल की थी. 2024 में भी बीजेपी ने गोपालजी ठाकुर को ही अपना प्रत्याशी बनाया जबकि आरजेडी ने ललित यादव को मैदान में उतारा. दरभंगा लोकसभा सीट पर इस बार ललित यादव और गोपाल जी ठाकुर के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है.

जहानाबादः 2019 में जहानाबाद से कांटे की टक्कर में जेडीयू के चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने आरजेडी के सुरेंद्र प्रसाद यादव को 1751 वोट से हराया था. 2024 के लोकसभा चुनाव में भी चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी और सुरेंद्र प्रसाद यादव के बीच सीधा मुकाबला है. जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार इस बार बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं जो कि जेडीयू उम्मीदवार को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

सारणः बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी 2014 और 2019 में सारण सीट पर जीत का परचम लहराया था. 2014 में उन्होंने राबड़ी देवी को हराया तो 2019 में लालू प्रसाद के समधी चंद्रिका राय को मात दी थी. 2024 में भी बीजेपी ने राजीव प्रताप रूडी को मैदान में उतारा तो आरजेडी ने लालू प्रसाद यादव की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य को मैदान में उतारा. बीमार लालू प्रसाद को अपनी किडनी देकर सुर्खियों में आई रोहिणी इस बार रूडी को कड़ी टक्कर दे रही हैं.

गया ( सुरक्षित): HAM के संरक्षक जीतन राम मांझी को NDA ने गया (सुरक्षित) लोकसभा सीट से अपना कैंडिडेट बनाया तो आरजेडी ने पूर्व कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत को मैदान में उतारा.कुमार सर्वजीत पासवान समुदाय से आते हैं. इसके अलावा उन्हें आरजेडी के परंपरागत वोट बैंक MY का साथ मिला है. जिसके कारण गया में मुकाबला कांटे का हो गया है.

बक्सरः 2014 और 2019 में बक्सर से कमल खिलानेवाले अश्विनी चौबे का टिकट काटकर बीजेपी ने 2024 में मिथिलेश तिवारी पर बक्सर से दांव लगाया जबकि आरजेडी ने 2019 में बक्सर से चुनाव हारे आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह को टिकट दिया. वहीं निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर आनंद मिश्रा और ददन पहलवान भी बक्सर के चुनावी मैदान में हैं.आनंद मिश्रा के पक्ष में युवाओं की भीड़ से बीजेपी इस सीट को लेकर संशय में है और सुधाकर सिंह का पलड़ा भारी दिख रहा है.

पाटलिपुत्रः जब से पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र का गठन हुआ है तब से लालू यादव का परिवार ही यहां से चुनाव लड़ रहा है लेकिन अभी तक जीत नसीब नहीं हुई है. 2009 में खुद लालू प्रसाद यहां से चुनाव हारे तो 2014 और 2019 में उनकी बेटी मीसा भारती को बीजेपी के रामकृपाल यादव ने हराया. 2024 में भी रामकृपाल और मीसा आमने-सामने हैं. पाटलिपुत्र सीट पर मुकाबला कांटे का माना जा रहा है.

क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ ?: वरिष्ठ पत्रकार सुनील पांडेय का मानना है "2024 के चुनाव में NDA के हिस्से में 30+ सीट आती दिख रही है. वहीं इंडी गठबंधन को 8 से 10 के आस पास सीट पर बढ़त होती दिख रही है. इंडी गठबंधन के प्रत्याशी किशनगंज, कटिहार, दरभंगा, सारण, गया, जहानाबाद, बक्सर और पाटलिपुत्र में बढ़त बनाते दिख रहे हैं.इन 8 सीट में 1 सीट पर कांग्रेस तो 7 सीट पर आरजेडी के प्रत्याशी हैं."

"2019 लोकसभा का चुनाव परिणाम 2024 में देखने को नहीं मिलेगा. इस बार दोनों गठबंधन के बीच में कांटे की लड़ाई है. यह बात बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को भी पता था. यही कारण है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहार में कई चुनावी सभाएं कीं और पटना में रोड शो भी किया. वहीं इंडी गठबंधन की ओर से चुनाव की पूरी कमान आरजेडी के हाथ में रही जिसका फायदा इंडी गठबंधन को होता दिख रहा है." सुनील पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार

अब 4 जून का इंतजारः इसमें कोई शक नहीं कि 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में बेहद ही दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला है. NDA और इंडी गठबंधन के नेताओं ने चुनाव प्रचार में एड़ी-चोटी का जोर लगाया. अधिकतर सीटों पर मुकाबला जोरदार है तो फाइनल रिजल्ट के लिए सभी को 4 जून का इंतजार है.

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'अपने क्षेत्र में ना जाती हैं ना कुछ काम किया, वोट डालने के बाद रामकृपाल यादव का मीसा भारती पर जोरदार हमला - Voting In Pataliputra

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