रायपुर : लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के सभी 11 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान काफी पहले कर दिया है. इस लिस्ट में दो सांसदों को छोड़कर बाकी नौ लोकसभा सीटों पर नए प्रत्याशियों को मौका दिया है.यदि प्रत्याशियों की बात करें तो बीजेपी ने एक ही सूची में 11 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया था.
दुर्ग: विजय बघेल
राजनांदगांव: संतोष पांडेय
रायपुर: बृजमोहन अग्रवाल
महासमुंद: रुप कुमारी चौधरी
कांकेर: भोजराज नाग
कोरबा: सरोज पांडेय
सरगुजा: चिंतामणि महाराज
जांजगीर चांपा: कमलेश जांगड़े
रायगढ़: राधेश्याम राठिया
बिलासपुर: तोखन साहू
बस्तर: महेश कश्यप
विजय बघेल : विजय बघेल भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर और तेजतर्रार नेता हैं. साल 2000 में वह नगर पालिका निगम चरोदा के प्रथम अध्यक्ष बने थे. वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रिश्तेदार होने के साथ साथ उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी भी माने हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव में भूपेश बघेल के खिलाफ विजय बघेल को पार्टी ने उतारा था. जिसमें कड़ी टक्कर के बाद भूपेश बघेल को जीत मिली थी. दुर्ग लोकसभा के लिए एक बार फिर पार्टी ने सांसद विजय बघेल पर भरोसा जताया है. आपको बता दें कि विजय बघेल ने छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. विजय बघेल को घोषणापत्र समिति का अध्यक्ष बनाया गया था.जिसके बाद उन्होंने पूरे प्रदेश में जाकर पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनता से बीजेपी के घोषणापत्र को लेकर राय मांगी थी. बताया जाता है कि बीजेपी के घोषणापत्र मोदी की गारंटी के कारण ही छत्तीसगढ़ में वोटर्स का मन बदला और प्रदेश में पंद्रह साल बाद सत्ता से बाहर हुई बीजेपी के लिए जीत के रास्ते खुले.
संतोष पाण्डेय - संतोष पाण्डेय को बीजेपी ने दूसरी बार राजनांदगांव से लोकसभा उम्मीदवार बनाया है. 17वीं लोकसभा 2019 में पहली बार सदन पहुंचे थे. संतोष पाण्डेय की आरएसएस में अच्छी पकड़ है. बीजेपी कवर्धा मंडल के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. संतोष पाण्डेय दो बार प्रदेश बीजेपी में महामंत्री के साथ कृषि उपज मंडी कवर्धा के अध्यक्ष भी रहे हैं. संतोष पाण्डेय को रमन शासन के दूसरे कार्यकाल में छत्तीसगढ़ युवा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था. साल 2003 विधानसभा चुनाव लड़ा,लेकिन सफल नहीं हुए. इसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश प्रभारी रह चुके हैं. बीजेपी प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के प्रदेश सह-संयोजक रह चुके हैं. स्वर्गीय शिवप्रसाद पाण्डेय सहसपुर लोहारा मंडल के दो बार बीजेपी अध्यक्ष रहे. इनकी माता अविभाजित मध्यप्रदेश में कवर्धा जिले में जो बार जिला पंचायत सदस्य चुनी गईं थीं.
बृजमोहन अग्रवाल : रायपुर लोकसभा सीट के प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल आठवीं बार विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे थे. छत्तीसगढ़ कैबिनेट में चौथी बार मंत्री पद की शपथ लेने वाले बृजमोहन अग्रवाल का जन्म एक मई 1959 को रायपुर में हुआ था. काॅमर्स और आर्ट्स दोनों विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन, एलएलबी की डिग्री भी ली है. साल 1986 में इनकी शादी सरिता देवी अग्रवाल से हुई. इनके 2 बेटे और 1 बेटी हैं. बृजमोहन रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक हैं.साल 1990 को महज 31 साल की उम्र में पहली बार विधायक बने थे. छात्र जीवन से ही इन्होंने राजनीति की शुरुआत कर दी थी.1984 में वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बने.1988 से 1990 तक वे भाजयुमो के युवा मंत्री रहे. 1990 में वे पहली बार मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायक बने. इसके बाद से 1993, 1998, 2003, 2008, 2013, 2018 और 2023 में वे लगातार विधायक बनते आ रहे हैं.
रुपकुमारी चौधरी: बीजेपी ने महासमुंद लोकसभा सीट से बसना निवासी रूपकुमारी चौधरी को प्रत्याशी बनाया है. साल 2013 से 2018 तक रुपकुमारी बसना से विधायक रह चुकी हैं. मई 2015 से दिसंबर 2018 तक संसदीय सचिव का जिम्मा भी रूपकुमारी ने संभाला है. रुपकुमारी वर्तमान में महासमुंद जिलाध्यक्ष हैं.अघरिया समाज में रुपकुमारी चौधरी की अच्छी पकड़ मानी जाती है.रुपकुमारी विधायक बनने से पहले जिला पंचायत सदस्य रह चुकी हैं. रूपकुमारी की उम्र 47 साल है.शिक्षा की बात की जाए तो रूपकुमारी 10वीं तक पढ़ी हैं. रूपकुमारी के पति ओम प्रकाश चौधरी भूमि विकास बैंक के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं.परिवार का काम खेती किसानी है.
भोजराज नाग : भोजराज नाग 2014 में हुए अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी से जीत हासिल कर विधायक बने थे. भोजराज अनुसूचित जनजाति सुरक्षा मंच के संयोजक हैं. पूर्व विधायक भोजराज नाग ने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत साल 1992 में की थी. सबसे पहले अपने गांव हिमोड़ा के सरपंच बने. साल 2000 से 2005 तक जनपद पंचायत अंतागढ़ के अध्यक्ष रहे. 2009 से 2014 तक जिला पंचायत सदस्य भी रहे. मौजूदा समय में भोजराज बीजेपी अंतागढ़ के मंडल अध्यक्ष हैं. लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के बस्तर के दोनों लोकसभा सीटों में हिंदुत्व के छवि वाले नेताओं पर अपना दाव खेला है. बस्तर लोकसभा सीट से महेश कश्यप और कांकेर लोकसभा सीट से भोजराज नाग को सांसद प्रत्याशी बनाया गया है.
सरोज पाण्डेय : कोरबा से सरोज पाण्डेय को बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में उतारा है. पहली बार वर्ष 2000 और 2005 में दो बार दुर्ग की मेयर चुनीं गईं. वर्ष 2008 में पहली बार वैशाली नगर विधानसभा सीट से विधायक चुनी गईं.बीजेपी ने साल 2009 के आम चुनाव में दुर्ग से उतारा,जिसमें उन्होंने जीत हासिल की. साल 2013 में महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनीं. वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा. लेकिन कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू से हार गईं. हार के बावजूद बीजेपी की राष्ट्रीय महासचिव बनीं और मार्च 2018 में राज्यसभा के लिए चुना गया. एक ही समय में मेयर, विधायक और सांसद का पद संभालने का अनूठा विश्व रिकॉर्ड, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में सरोज पाण्डेय का नाम शामिल है. इसके अलावा लगातार 10 वर्षों तक दुर्ग से मेयर रहकर सबसे लंबे कार्यकाल का रिकॉर्ड भी सरोज पाण्डेय ने बनाया है.
चिंतामणि महाराज : चिंतामणि महाराज का जन्म गणतंत्र दिवस के दिन 26 जनवरी सन् 1968 को हुआ. पिता का नाम रामेश्वर है. चिंतामणि ने 11 वीं मैट्रिक तक की पढ़ाई की है. जिसमें वह संस्कृत विषय के प्रति खास रूचि रखते थे. चिंतामणि महाराज पूर्व की बीजेपी शासन के समय राज्य संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके. चिंतामणि ने संस्कृत शिक्षा के लिए राज्य के जशपुर जिले में संस्कृत कॉलेज भी अपनी कोशिशों से खुलवाया.चिंतामणि महाराज ने दूसरी बार कांग्रेस की टिकट से बलरामपुर जिले के सामरी विधानसभा से जीत हासिल कर विधानसभा में पहुंचे थे.लेकिन साल 2023 में कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया.जिससे नाराज होकर चिंतामणि ने बीजेपी की सदस्यता ले ली. जिसका नतीजा ये हुआ कि कांग्रेस का सरगुजा से सूपड़ा साफ हो गया.वहीं इस जीत के बाद बीजेपी ने चिंतामणि को लोकसभा टिकट देकर उनका सम्मान किया है.
कमलेश जांगड़े : बीजेपी ने जांजगीर लोकसभा सीट से कमलेश जांगड़े को टिकट दिया है. मौजूदा समय में कमलेश भारतीय जनता पार्टी में महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष हैं. कमलेश इससे पहले जिला पंचायत का चुनाव हार चुकी हैं. कमलेश साल 2005 से जनवरी 2015 तक दो पंचवर्षीय कार्यकाल में ग्राम पंचायत मसनियां कला से सरपंच रह चुकी हैं. पहली बार सरपंच कार्यकाल में उत्कृष्ट कार्य के लिए जिले में सर्वश्रेष्ठ सरपंच का सम्मान कलेक्टर ने कमलेश को सौंपा था. साल 2002 में विधार्थी परिषद संयोजक का दायित्व संभाला था. साल 2015 से 2020 तक प्रदेश महिला मोर्चा में विशेष आमंत्रित सदस्य और प्रदेश अनुसूचित जाति मोर्चा सदस्य के रूप में दायित्व संभाला.साल 2015 से 2020 तक सरगुजा जिला में जिला प्रभारी का दायित्व मिला. साल 2020 से बीजेपी जिला उपाध्यक्ष जांजगीर-चांपा का दायित्व मिला.
राधेश्याम राठिया :राधेश्याम राठिया को बीजेपी ने रायगढ़ लोकसभा से उम्मीदवार बनाया है.गोमती साय के विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद इस सीट पर नए प्रत्याशी की तलाश बीजेपी कर रही थी. बीजेपी की तलाश 52 साल के राधेश्याम राठिया पर खत्म हुई. राधेश्याम का जन्म 12 जून 1972 को हुआ था. 12वीं तक की पढ़ाई करने वाले राधेश्याम घरघोड़ा, धरमजयगढ़ के रहने वाले हैं. वर्तमान में राधेश्याम जिला महामंत्री, बीजेपी किसान मोर्चा जिला रायगढ़ की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. इसके अलावा जिला सह संयोजक जनजाति सुरक्षा मंच और लघु वनोपज समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
तोखन साहू : बिलासपुर लोकसभा से बीजेपी ने तोखन साहू को उम्मीदवार बनाया है. तोखन का जन्म 15 अक्टूबर 1969 को मुंगेली में हुआ. पिता का नाम बलदाउ साहू और माता का नाम लीलावती साहू है.तोखन ने पोस्ट ग्रेजुएशन किया है.लोरमी विधानसभा से तोखन को पहली बार 2013 बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया था. जिसमें तोखन ने कांग्रेस प्रत्याशी धरमजीत सिंह को हराया था. साल 2014-15 में महिलाओं और बच्चों के कल्याण संबंधित समिति के सदस्य के तौर पर तोखन को जिम्मेदारी सौंपी गई. इसके अलावा तोखन छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रत्यायुक्त विधान समिति के सदस्य भी रहे. 2015 में छत्तीसगढ़ शासन के संसदीय सचिव का पद भी संभाला. तोखन साहू वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष हैं.
महेश कश्यप : महेश कश्यप को बीजेपी ने बस्तर से लोकसभा प्रत्याशी बनाया है. महेश कश्यप की छवि कट्टर हिंदूवादी के तौर पर जानी जाती है. वर्तमान में महेश कश्यप सरपंच संघ के अध्यक्ष के अलावा वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष हैं. महेश सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं. महेश कश्यप ने धर्मांतरण के विरोध में आया चोर द्वार कार्यक्रम चलाकर सुर्खियां बटोरी थी. महेश कश्यप 1996 से 2001 तक बजरंग दल के जिला संयोजक रहे. इसके बाद 2001 से 2007 तक विश्व हिंदू परिषद जिला संगठन मंत्री और 2007 से 2008 तक विश्व हिंदू परिषद के विभाग संगठन मंत्री बने. 2014 में पंचायत चुनाव जीतकर महेश ग्राम पंचायत कलचा के सरपंच भी बने. सरपंच चुनाव जीतने के बाद उन्हें बस्तर सरपंच संघ अध्यक्ष बनाया गया. महेश कश्यप छत्तीसगढ़ सरपंच महासंघ के सह संयोजक और भतरा समाज विकास परिषद के संभागीय सचिव का जिम्मा भी संभाल चुके हैं.