लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवें चरण में यूपी की 14 सीटों पर 20 मई को मतदान होना है. भाजपा के लिए ये चरण काफी अहम माना जा रहा है. क्योंकि, लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने इन 14 में से 13 सीट पर कब्जा जमाया था. पांचवें चरण में अमेठी, बांदा, बाराबंकी, फैजाबाद, फतेहपुर, गोंडा हमीरपुर, जालौन, झांसी, कैसरगंज, कौशांबी, लखनऊ, मोहनलालगंज, रायबरेली सीट पर मतदान होना है. इस चरण में देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा क्लीन स्वीप करती है या विपक्ष अपना दम दिखाकर भाजपा से सीटें छीनने में कामयाब होगी. इसका पता 4 जून को लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election Result 4th June) की मतगणना में चलेगा.
अमेठी: अमेठी सीट वर्तमान में भाजपा के पास है. भाजपा की स्मृति ईरानी ने 2019 में राहुल गांधी को हराकर कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाई थी. भाजपा ने इस बार फिर से स्मृति ईरानी पर दांव खेला है. उन्हें प्रत्याशी बनाया है. जबकि, कांग्रेस ने राहुल गांधी की जगह गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा को उतारा है. केएल शर्मा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सचिव रहे हैं. वहीं बसपा ने नन्हे सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया है.
बांदा: बांदा सीट पर भी भाजपा का ही कब्जा है. लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने आरके सिंह पटेल को उतारा है. यहां ब्राह्मणों की नाराजगी भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती मानी जा रही है. समाजवादी पार्टी ने भी बांदा में पटेल पर दांव खेला है. इंडी गठबंधन के तहत सपा के खाते में आई बांदा सीट पर अखिलेश यादव ने महिला प्रत्याशी को उतारा है. कृष्णा देवी पटेल भाजपा के पटेल को कड़ी टक्कर देते हुए दिख रही हैं. वहीं, बसपा ने मयंक द्विवेदी के रूप में ब्राह्मण चेहरा मैदान में उतारकर भाजपा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है.
बाराबंकी: बाराबंकी अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट है. यहां पर भाजपा ने महिला प्रत्याशी पर दांव खेला है. भाजपा ने राजरानी रावत को मैदान में उतारा है. ये सीट भी पिछले चुनाव में भाजपा के कब्जे में रही. भाजपा ने अपने सांसद उपेंद्र रावत को पहले टिकट दिया था लेकिन, एक वीडियो वायरल होने के बाद टिकट बदल दिया गया. कांग्रेस ने बाराबंकी में पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया को उतारकर युवाओं को एक संदेश देने की कोशिश की है. तनुज पिछले चुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी थे लेकिन हार गए थे. वहीं, बसपा ने शिव कुमार दोहरे को अपना प्रत्याशी बनाया है.
फैजाबाद: भाजपा के लिए फैजाबाद सीट प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है. पिछले चुनाव में यहां से भाजपा के लल्लू सिंह चुनाव जीतकर सांसद बने थे. इस बार भी भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है. रामनगरी अयोध्या इसी संसदीय क्षेत्र में आता है. इस बार ही राम मंदिर का निर्माण हुआ है. इसलिए ये सीट भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है. भाजपा के लल्लू सिंह को यहां पर टक्कर देने के लिए सपा ने सपा अवधेश प्रसाद को और बसपा ने सच्चिदानंद पाण्डेय को मैदान में उतारा है.
फतेहपुर: भाजपा यहां हैट्रिक लगाने की तैयारी में है. 2014 और 2019 में लगातार साध्वी निरंजना ज्योति ने फतेहपुर में कमल खिलाया. इस बार साध्वी निरंजना ज्योति की हैट्रिक रोकने के लिए सपा अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को मैदान में उतारा है. वहीं, बसपा नरेश सचान भी टक्कर दे रहे हैं.
गोंडा: गोंडा लोकसभा सीट अयोध्या से सटी हुई है. यहां पर राजा बनाम बाहुबली के बीच का दिलचस्प किस्सा है. भाजपा ने यहां से अपने दो बार के सांसद कीर्ति वर्धन सिंह फिर से उतारा है. कीर्ति वर्धन सिंह की बृजभूषण शरण सिंह से चुनावी लड़ाई काफी चर्चा में रही है. आज भी भले ही दोनों एक ही पार्टी में हो लेकिन, कैसरगंज सांसद राजघराने पर कीर्ति वर्धन निशाना साधने में कभी नहीं चूकते हैं. कीर्ति वर्धन के विजयी अभियान को रोकने के लिए सपा ने श्रेया वर्मा को लगाया है तो बसपा ब्राह्मण कार्ड खेलकर सौरभ मिश्रा को मैदान में उतारा है.
हमीरपुर: बेतवा और यमुना नदी के संगम पर स्थित हमीरपुर लोकसभा सीट को जीतने के लिए भाजपा ने पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को फिर से मैदान में उतारा है. चंदेल यहां से लगातार दो बार सांसद रहे हैं. इस बार हैट्रिक लगाने की तैयारी है. समाजवादी पार्टी ने यहां से अजेंद्र राजपूत को तो बसपा निर्दोष दीक्षित को मैदान में उतारा है.
जालौन: तीन जिलों कानपुर देहात, जालौन और झांसी को मिलाकर बनी जालौन लोकसभा सीट सुरक्षित है. भाजपा ने यहां से अपने दो बार के सांसद भानु प्रताप वर्मा को फिर से मैदान में उतारा है. भानु प्रताप जहां हैट्रिक लगाने की तैयारी कर रहे हैं वहीं समाजवादी पार्टी नारायण दास अहिरवार जालौन में दूसरी बार साइकिल चलाने की कोशिश कर रही है. सपा अभी तक सिर्फ एक बार 2009 में ही जीत दर्ज कर सकी है. वहीं, बसपा ने सुरेश चंद्र गौतम पर दांव खेला है.
झांसी: भाजपा ने झांसी में अपने मौजूदा सांसद अनुराग शर्मा को ही मैदान में उतारा हैं. 2019 में अनुराग शर्मा ने 3.65 लाख से अधिक वोटों के अंतर से बड़ी जीत दर्ज की थी. ऐसा तब हुआ था जब सपा और बसपा ने गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था. वहीं इंडी गठबंधन के तहत यह सीट कांग्रेस के खाते में है. कांग्रेस ने अपने पूर्व सांसद कांग्रेस प्रदीप जैन पर दांव खेला है. प्रदीप जैन 2009 में कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने थे. वहीं, बसपा ने रवि प्रकाश कुशवाहा को प्रत्याशी बनाया है.
कैसरगंज: महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले में घिरे भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह का इस बार आरोपों के चलते टिकट कट गया. हालांकि, भाजपा ने बृजभूषण के बेटे करण भूषण सिंह टिकट दिया है. जबकि, समाजवादी पार्टी और बसपा ने यहां पर ब्राह्मण कार्ड खेला है. सपा ने भगत राम मिश्रा और बसपा ने नरेंद्र पाण्डेय को मैदान में उतारा है.
कौशांबी: कौशांबी में इस बार मामला काफी रोचक हो गया है. भाजपा ने जहां अपने दो बार के सांसद विनोद सोनकर पर फिर दांव खेला है. वहीं सपा ने अपने पूर्व सांसद इंद्रजीत सरोज के बेटे पुष्पेंद्र सरोज को मैदान में उतारा है. जबकि बसपा पूर्व डीएसपी शुभ नारायण गौतम को टिकट दिया है.
लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ से भाजपा ने एक बार फिर से अपने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को टिकट दिया है. राजनाथ सिंह इस बार लखनऊ से रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज करने के लिए प्रयासरत हैं. वहीं राजनाथ को टक्कर देने के लिए समाजवादी पार्टी ने रविदास मेहरोत्रा को टिकट दिया है. जबकि, बसपा ने सरवर मलिक को मैदान में उतारा है.
मोहनलालगंज: भाजपा ने यहां से दो बार सांसद रहे और केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर को फिर से मैदान में उतारा है. मोहनलालगंज में भाजपा हैट्रिक लगाने को बेताब है, तो 1998 से 2009 तक लगातार चार बार जीत का दर्ज करने वाली सपा ने एक बार फिर से जीत का स्वाद चखने के लिए आरके चौधरी को मैदान में उतारा है. वहीं, लगातार चार बार चौथे स्थान पर रहने वाली बसपा ने मोहनलालगंज में खाता खोलने के लिए राजेश चौधरी पर दांव खेला है.
रायबरेली: लोकसभा चुनाव 2024 की सबसे हॉट सीट कोई है तो वो रायबरेली है. कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली रायबरेली सीट से अभी तक सोनिया गांधी जीतती आ रही थीं. लेकिन, इस बार वह चुनाव नहीं लड़ रहीं. उनकी जगह पर कांग्रेस ने बेटे राहुल गांधी को उतारा है. अमेठी सीट गंवा चुके राहुल के सामने रायबरेली में अपनी विरासत बचाने की चुनौती है. राहुल गांधी को यहां सीधी टक्कर भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह और बसपा के ठाकुर प्रसाद यादव से मिल रही है.
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