भोपाल। बयानों में सुनाई भले ना दें, लेकिन लोकसभा चुनाव के टिकट के दावेदारों में वो नेता भी हैं जो हाल के विधानसभा चुनाव में मुंह की खाये बैठे हैं. असल में 2019 के लोकसभा चुनाव में उज्जैन की लोकसभा सीट उम्मीद बनी इन हारे हताश नेताओं की. बीजेपी ने 2018 में विधानसभा चुनाव हारे अनिल फिरोजिया को 2019 में उज्जैन सीट से चुनाव लड़ाया था और वो जीते भी. अब पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा से लेकर अरविंद भदौरिया और कमल पटेल से लेकर रामपाल सिंह तक आस लगाए हैं कि ये सियासत में कहानियां दोहराई भी तो जाती हैं.
ढाई महीने पहले हारे, अब किस उम्मीद के सहारे...
करीब ढाई महीने पहले अपनी विधानसभा में चुनाव हार चुके एमपी में बीजेपी के दिग्गज नेता लोकसभा में अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं. इनमें सबसे आगे नाम पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का है. जानकारी के मुताबिक नरोत्तम मिश्रा मुरैना सीट से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. उधर, कमल पटेल भी होशंगाबाद सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक बताए जा रहे हैं. वहीं, भिंड की अटेर विधानसभा सीट से चुनाव हारे पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया भी भिंड लोकसभा सीट से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं.
इसी तरह रामपाल सिंह भी आस लगाए हैं कि विदिशा लोकसभा सीट से इस बार उन्हें मौका मिल जाए. हांलाकि, सियासी अटकलें हैं कि यहां से शिवराज सिंह चौहान पार्टी के मजबूत उम्मीदवार हो सकते हैं. इसके अलावा पूर्व मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया से लेकर बीते चुनाव में टिकट कटने से नाराज उमा शंकर गुप्ता भी भोपाल लोकसभा सीट पर निगाहें जमाए हैं. सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ाने के प्रयोग में दो नेता फग्गन सिंह कुलस्ते और गणेश सिंह चुनाव हार गए थे. अटकलें इस पर भी हैं कि क्या पार्टी इन्हें दुबारा मौका दे सकती है.
किसका क्या, कहां उपयोग...अंतिम निर्णय पार्टी का
बीजेपी के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल का कहना है कि "पार्टी में जीत की संभावना सबसे बड़ा आधार होती है और इसी आधार पर पार्टी आलाकमान और पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करता है कि किस कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाना है. पार्टी के सामने जो दावेदारों के नाम आएंगे, जाहिर है उनमें से जिन नामों पर मुहर लगेगी वही नाम फाईनल भी होंगे और श्रेष्ठ भी.