चंडीगढ़: हरियाणा में 25 मई को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होना है. लिहाजा चुनाव प्रचार भी जोर पकड़ता जा रहा है. लेकिन चुनाव प्रचार को लेकर चुनाव आयोग ने कुछ गाइडलाइन भी जारी किये हैं.
मतदाताओं की भावनाओं को प्रभावित न करें: मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान जाति, धर्म, समुदाय के आधार पर मतदाताओं की भावनाओं को प्रभावित नहीं किया जाएगा. साथ ही चुनाव प्रचार के दौरान उच्च मानदंडों का बनाए रखना होगा. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (अ) के तहत भारतीय नागरिकों को अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार है. लेकिन आदर्श चुनाव आचार संहिता का उद्देश्य इसके विभिन्न प्रावधानों के तहत निहित है.
धार्मिक स्थलों का प्रचार के लिए इस्तेमाल नहीं: मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान किसी मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा साहिब या अन्य धार्मिक स्थलों का चुनाव प्रचार के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकेगा. इसके अलावा इनमें भाषण, पोस्टर, संगीत, चुनाव से संबंधित सामग्री का उपयोग भी नहीं किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान रक्षा कर्मियों के फोटो या विज्ञापनों में रक्षा कर्मियों के कार्यक्रमों के फोटो का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.
आचार संहिता की उल्लंघन पर करें कार्रवाई: अनुराग अग्रवाल ने कहा कि स्टार प्रचारकों द्वारा चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन मामले में चुनाव आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारियों, रिटर्निंग अधिकारियों, पर्यवेक्षकों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारियों को चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामलों की निगरानी के लिए पार्टियों के अनुसार एक रजिस्टर लगाना भी अनिवार्य होगा. रजिस्टर में उम्मीदवार, प्रचारक और राजनीतिक पार्टी का नाम दर्ज करना होगा. साथ ही उल्लंघन की तिथि, कार्यवाही, निर्वाचन कार्यालय या चुनाव आयोग द्वारा पारित आदेशों की संक्षिप्त टिप्पणी दर्ज करनी होगी. उल्लंघन के मामलों को सार्वजनिक करना होगा. मीडिया सहित इच्छुक पार्टियां इनसे इनपुट भी ले सकते हैं.