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हरियाणा में चुनावी रैलियों में स्कूल-कॉलेजों के मैदान के इस्तेमाल पर रोक, आचार संहिता के पालन पर चुनाव आयोग का जोर - Lok sabha election 2024

Lok sabha election 2024: हरियाणा में चुनावी रैलियों के लिए राजनीतिक दलों और चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को स्कूल और कॉलेजों के खेल मैदान का उपयोग नहीं करना है. इस बात की जानकारी हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने दी है. यहां उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर हरियाणा व पंजाब के अलावा अन्य प्रदेशों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्कूल प्रबंधन की अनुमति से खेल मैदान का उपयोग किया जा सकेगा. लेकिन पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा इस मुद्दे पर व्यक्त निषेध (एक्सप्रेस प्रोहिबिशन) लगा हुआ है.

Lok sabha election 2024
आचार संहिता के पालन पर चुनाव आयोग का जोर (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : May 4, 2024, 5:27 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में 25 मई को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होना है. लिहाजा चुनाव प्रचार भी जोर पकड़ता जा रहा है. लेकिन चुनाव प्रचार को लेकर चुनाव आयोग ने कुछ गाइडलाइन भी जारी किये हैं.

मतदाताओं की भावनाओं को प्रभावित न करें: मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान जाति, धर्म, समुदाय के आधार पर मतदाताओं की भावनाओं को प्रभावित नहीं किया जाएगा. साथ ही चुनाव प्रचार के दौरान उच्च मानदंडों का बनाए रखना होगा. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (अ) के तहत भारतीय नागरिकों को अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार है. लेकिन आदर्श चुनाव आचार संहिता का उद्देश्य इसके विभिन्न प्रावधानों के तहत निहित है.

धार्मिक स्थलों का प्रचार के लिए इस्तेमाल नहीं: मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान किसी मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा साहिब या अन्य धार्मिक स्थलों का चुनाव प्रचार के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकेगा. इसके अलावा इनमें भाषण, पोस्टर, संगीत, चुनाव से संबंधित सामग्री का उपयोग भी नहीं किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान रक्षा कर्मियों के फोटो या विज्ञापनों में रक्षा कर्मियों के कार्यक्रमों के फोटो का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.

आचार संहिता की उल्लंघन पर करें कार्रवाई: अनुराग अग्रवाल ने कहा कि स्टार प्रचारकों द्वारा चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन मामले में चुनाव आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारियों, रिटर्निंग अधिकारियों, पर्यवेक्षकों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारियों को चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामलों की निगरानी के लिए पार्टियों के अनुसार एक रजिस्टर लगाना भी अनिवार्य होगा. रजिस्टर में उम्मीदवार, प्रचारक और राजनीतिक पार्टी का नाम दर्ज करना होगा. साथ ही उल्लंघन की तिथि, कार्यवाही, निर्वाचन कार्यालय या चुनाव आयोग द्वारा पारित आदेशों की संक्षिप्त टिप्पणी दर्ज करनी होगी. उल्लंघन के मामलों को सार्वजनिक करना होगा. मीडिया सहित इच्छुक पार्टियां इनसे इनपुट भी ले सकते हैं.

ये भी पढ़ें: चुनाव आयोग का फैसला: हरियाणा में चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की मृत्यु/स्थाई दिव्यांगता पर परिवार को मिलेगी आर्थिक मदद

ये भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव प्रचार में पशुओं और स्कूल वर्दी में बच्चों को शामिल करने पर प्रतिबंध, 10 गाड़ी से ज्यादा नहीं होगा काफिला

चंडीगढ़: हरियाणा में 25 मई को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होना है. लिहाजा चुनाव प्रचार भी जोर पकड़ता जा रहा है. लेकिन चुनाव प्रचार को लेकर चुनाव आयोग ने कुछ गाइडलाइन भी जारी किये हैं.

मतदाताओं की भावनाओं को प्रभावित न करें: मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान जाति, धर्म, समुदाय के आधार पर मतदाताओं की भावनाओं को प्रभावित नहीं किया जाएगा. साथ ही चुनाव प्रचार के दौरान उच्च मानदंडों का बनाए रखना होगा. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (अ) के तहत भारतीय नागरिकों को अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार है. लेकिन आदर्श चुनाव आचार संहिता का उद्देश्य इसके विभिन्न प्रावधानों के तहत निहित है.

धार्मिक स्थलों का प्रचार के लिए इस्तेमाल नहीं: मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान किसी मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा साहिब या अन्य धार्मिक स्थलों का चुनाव प्रचार के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकेगा. इसके अलावा इनमें भाषण, पोस्टर, संगीत, चुनाव से संबंधित सामग्री का उपयोग भी नहीं किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान रक्षा कर्मियों के फोटो या विज्ञापनों में रक्षा कर्मियों के कार्यक्रमों के फोटो का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.

आचार संहिता की उल्लंघन पर करें कार्रवाई: अनुराग अग्रवाल ने कहा कि स्टार प्रचारकों द्वारा चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन मामले में चुनाव आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारियों, रिटर्निंग अधिकारियों, पर्यवेक्षकों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारियों को चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामलों की निगरानी के लिए पार्टियों के अनुसार एक रजिस्टर लगाना भी अनिवार्य होगा. रजिस्टर में उम्मीदवार, प्रचारक और राजनीतिक पार्टी का नाम दर्ज करना होगा. साथ ही उल्लंघन की तिथि, कार्यवाही, निर्वाचन कार्यालय या चुनाव आयोग द्वारा पारित आदेशों की संक्षिप्त टिप्पणी दर्ज करनी होगी. उल्लंघन के मामलों को सार्वजनिक करना होगा. मीडिया सहित इच्छुक पार्टियां इनसे इनपुट भी ले सकते हैं.

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