अजमेर. लोकसभा चुनाव दूसरे फेज में ख्वाजा नगरी अजमेर में वोट डाले जाने हैं. ऐसे में प्रत्याशियों को प्रचार के लिए पर्याप्त समय मिल गया है. यहां मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है. चुनाव प्रचार में कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी अपना पूरा दमखम लगाए हुए हैं. दूदू, किशनगढ़, पुष्कर, नसीराबाद, मसूदा, केकड़ी, अजमेर उत्तर और अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के हर हिस्से में पहुंच कर मतदाताओं से संपर्क किया जा रहा है.
अजमेर लोकसभा क्षेत्र में 19 लाख 95 हजार 699 मतदाता है. इनमें 10 लाख 95 हजार 988 पुरुष और 9 लाख 80 हजार 684 महिला और 27 थर्ड जेंडर मतदाता हैं. इनमें 10 लाख 14 हजार 988 पुरुष और 9 लाख 80 हजार 684 महिला मतदाता और 27 थर्ड जेंडर मतदाता हैं. अजमेर लोकसभा क्षेत्र में 1970 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं इनमें 1931 मूल और 39 सहायक मतदान केंद्र हैं.
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कमजोर संगठन से नही मिल रहा फायदा : कांग्रेस प्रत्याशी रामचन्द्र चौधरी ने अपना पूरा जोर ग्रामीण क्षेत्र में प्रचार पर लगा रखा है. शहरी क्षेत्रों में कांग्रेस का संगठन कमजोर है. विगत 5 वर्षों से शहर और देहात क्षेत्र में कांग्रेस का संगठन ही नहीं है. इसका नुकसान कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में भी हुआ और लोकसभा चुनाव में भी इसका असर नजर आ रहा है. कांग्रेस प्रत्याशी रामचंद्र चौधरी अपने स्तर पर चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. चौधरी 40 वर्षों से राजनीति में जुड़े हुए हैं. 30 वर्षों से जिला दूध सहकारी समिति के लगातार अध्यक्ष हैं. इस कारण जिले के हर गांव तक उनकी पंहुच है. खासकर पशु पालको और किसानों में उनकी अच्छी पैठ है. यही वजह है कि रामचंद्र चौधरी अपने चुनाव प्रचार का फोकस ग्रामीण क्षेत्रों पर रखे हुए हैं.
मजबूत संगठन खड़ा है साथ : इधर भाजपा प्रत्याशी भागीरथ चौधरी ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा के परंपरागत वोटों के साथ मोदी के सहारे चुनावी मैदान में हैं. यहां भागीरथ चौधरी के लिए भाजपा संगठन ताकत बना हुआ है. भागीरथ चौधरी सन 2019 में अजमेर लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके है. वहीं चौधरी 2003 और 2013 में किशनगढ़ से विधायक रह चुके है. इसके अलावा भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. ऐसे में संगठन के माध्यम से जिले के किसानों में उनकी पकड़ है. यही वजह है कि कांग्रेस प्रत्याशी की तरह भागीरथ चौधरी भी प्रचार का ज्यादा समय ग्रामीण क्षेत्रों में दे रहे हैं, मगर उनके लिए सकारात्मक बात यह है कि संगठन के माध्यम से भी उनके चुनाव के प्रचार की बागडोर संभाली जा रही है. उनके समर्थन में संगठन की ओर से कई सम्मेलनों के माध्यम से कई वर्गों और समाज को साधने की कोशिश की जा रही है.
अजमेर में राहुल गांधी और सचिन पायलट की मांग : कांग्रेस के चुनाव प्रचार में बड़े नेता के तौर पर अभी तक अशोक गहलोत ही अजमेर आए हैं. चुनाव प्रचार के लिए अजमेर में राहुल गांधी और सचिन पायलट की भी मांग उठ रही है. राहुल गांधी कांग्रेस के शीर्ष नेता है. वहीं सचिन पायलट अजमेर से दो बार सांसद का चुनाव लड़ चुके हैं. इसके अलावा अजमेर में गुर्जर समाज के मतदाताओं की संख्या भी अच्छी खासी है. यही वजह है कि गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में सचिन पायलट को बुलाने के लिए एआईसीसी को आग्रह किया गया है. वहीं 24 अप्रैल का राहुल गांधी का अजमेर शहर में रोड शो करवाने की भी मांग की गई है. अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान अध्यक्ष विजय जैन ने बताया कि सचिन पायलट का अजमेर से गहरा जुड़ाव रहा है. पायलट के अजमेर में प्रचार के लिए आने से काफी प्रभाव पड़ेगा और कांग्रेस की स्थिति पहले से और मजबूत होगी.
अमित शाह के रोड शो की मांग : इधर अजमेर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी भागीरथ चौधरी के समर्थन में प्रचार के लिए अजमेर शहर में अमित शाह के रोड शो करवाने के अलावा योगी आदित्यनाथ, सनी देओल और कंगना रानोत को बुलाने की मांग उठ रही है. शहर भाजपा अध्यक्ष रमेश सोनी ने बताया कि स्टार प्रचारकों को बुलाने के लिए प्रदेश चुनाव कार्य समिति को आग्रह किया गया है.