कोटा. लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल अलग-अलग तरीके से चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. इसी क्रम में कोटा में भी कांग्रेस पार्टी ने एक अनोखे तरह से प्रचार शुरू किया है. कांग्रेस नेता क्रांति तिवारी ने एक एयरप्लेन का मॉडल 'जुमला एयरलाइंस' बनाया और उसके साथ प्रदर्शन किया है. इसमें बैठकर वह सड़क पर चलते नजर आए और कांग्रेस के कार्यकर्ता उसे धक्का दे रहे थे. इसके जरिए उन्होंने भाजपा प्रत्याशी ओम बिरला पर हमला बोला.
कांग्रेस नेता क्रांति तिवारी का कहना है कि बिरला ने साल 2014 में लोकसभा का चुनाव लड़ा था. इसके बाद 2014 में ही विधानसभा उपचुनाव में उन्होंने दावा किया था कि कोटा में वह एयरपोर्ट का निर्माण करवा देंगे. अगर ऐसा नहीं होता है तो बिरला एयरलाइंस चला देंगे और 2019 का चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन बिरला ने 2019 में भी चुनाव लड़ा. तब भी एयरपोर्ट का निर्माण नहीं हुआ और 2024 तक भी एयरपोर्ट कोटा में नहीं बना है. उन्होंने स्पीकर बिरला के बयान और वादे को झूठा बताया और उसे जुमला कहते हुए इस तरह से प्रदर्शन किया है.
क्रांति तिवारी का कहना है कि इस तरह का प्रदर्शन अभी वह कोटा दक्षिण में कर रहे हैं. इसके बाद कोटा उत्तर, लाडपुरा, बूंदी और अन्य विधानसभा में भी इस प्लेन की रेप्लिका को लेकर जाएंगे. आम जनता को बताएंगे कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने वादा पूरा नहीं किया है. क्रांति तिवारी का कहना है कि कोटा-बूंदी सांसद रहते हुए बिरला ने कोई काम नहीं किया, इसलिए 'जब नहीं किया कोई काम तो जनता देगी उन्हें आराम' का नारा देते हुए हम प्रदर्शन कर रहे हैं.
बताया जुमला एयरलाइंस और झूठा वादा : उन्होंने कहा कि जुमला एयरलाइंस को कोटा की रोड पर लॉन्च किया गया है, क्योंकि हमारे यहां हवाई अड्डा नहीं है. कोटा इंडस्ट्रियल और कोचिंग का हब है. आर्थिक विकास के लिए रेलवे और हवाई अड्डा काफी जरूरी है. हवाई अड्डा शहर की लाइफ लाइन बन जाता है. इससे केवल यात्रा करने वालों को फायदा नहीं होता है, पूरे शहर को फायदा होता है. वहीं, बिरला ने जन्मदिन पर घर-घर पोस्टकार्ड भेजने का काम किया. बारिश में पौधा, गर्मी में चप्पल और सर्दी में कंबल बंटवाने का काम किया है. इसके बाद कोई काम नहीं किया है. अब झूठा वादा और मीठी गोली शहर बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है.
नहीं करवा पाए एयरपोर्ट का काम: क्रांति तिवारी ने दावा करते हुए कहा कि देश का तीसरा सबसे बड़ा पद लोकसभा स्पीकर का होता है. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उसके बाद लोकसभा अध्यक्ष होते हैं. कांग्रेस सरकार में अशोक गहलोत और विधानसभा अध्यक्ष उन्हें रिसीव करने आते थे और चीफ गेस्ट उन्हें बुलाते थे. इतनी बड़ी शख्सियत होने के बाद भी वह हवाई अड्डा नहीं बना पाए. वह कह रहे हैं कि राज्य सरकार ने सपोर्ट नहीं किया, जबकि पैसे की कोई कमी नहीं थी. इनमें आत्मबल की कमी थी. कांग्रेस शासन में शांति धारीवाल ने मंत्री रहते हुए चौराहों को चमन कर दिया. सड़कें चौड़ी और पुलिया बना दी है. अजमेर के पहली बार सांसद बनते ही सचिन पायलट ने किशनगढ़ एयरपोर्ट का काम शुरू करवा दिया था, जबकी ओम बिरला लोकसभा स्पीकर होने के बावजूद नहीं कर पाए.