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भाजपा में बगावत : बागी चौधरी रामेश्वर ने नहीं लिया पर्चा वापस, विधायक दिल्ली तलब - Lok Sabha seat Fatehpur Sikri - LOK SABHA SEAT FATEHPUR SIKRI

यूपी की फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर भाजपा की बगावत (Rebel Chaudhary Rameshwar) चरम पर पहुंच गई है. नामांकन वापसी के आखिरी दिन बागी चौधरी रामेश्वर के नाम वापस न लेने पर भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल को दिल्ली तलब किया गया है. पढ़ें विस्तृत खबर...

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 22, 2024, 10:42 PM IST

आगरा : सीएम योगी के मंच पर एक बार फिर सोमवार दोपहर फतेहपुर सीकरी के भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल नहीं पहुंचे. जिससे भाजपा के विधायक के बागी बेटे चौधरी रामेश्वर के चुनाव मैदान से हटने और नाम वापसी के आसार भी धूमिल हो गए. चौधरी रामेश्वर भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी में सदस्य रहे हैं. अब वे फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर चुनाव मैदान में निर्दलीय उतरे हैं. उन्हें चारपाई चुनाव चिन्ह मिला है. इधर, जिले में चर्चा है कि भाजपा संगठन ने भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल को दिल्ली तलब किया है.

फतेहपुर सीकरी भाजपा में बगावत.
फतेहपुर सीकरी भाजपा में बगावत.
बता दें, आगरा की फतेहपुर सीकरी सीट पर भाजपा ने मौजूदा सांसद राजकुमार चाहर को उतारा है. जिससे इस सीट पर भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल और उनके बेटे चौधरी रामेश्वर ने राजकुमार चाहर के खिलाफ मोर्चा खोला है. जनता की मांग का हवाला देकर भाजपा विधायक के बेटे चौधरी रामेश्वर ने महापंचायत की. इसके बाद फतेहपुर सीकरी से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन कर दियाा. भाजपा में हुई बगावत पार्टी संगठन के पास पहुंची. जहां पिता और पुत्र ने यही बात रखी कि जनता राजकुमार को नहीं चाहती है. रामेश्वर ने कहा कि आप प्रत्याशी बदल दीजिए, मैं चुनाव नहीं लडूंगा. भाजपा विधायक ने भी संगठन से साफ कहा दिया था कि मर जाएंगे, लेकिन राजकुमार चाहर का समर्थन नहीं करेंगे. इतना नहीं, उसे हराने के लिए बेटे को चुनाव लड़ाएंगे. सीएम योगी जब भी आगरा आए. उन्होंने इस मामले की जानकारी ली, क्योंकि दोनों ही बार सीएम योगी के मंच पर चौधरी बाबूलाल नहीं पहुंचे तो कोई स्थिति साफ नहीं हो सकी. बहरहाल नामांकन वापस न होने से समीकरण बदलने के आसार बन गए हैं.

आज थी नाम वापसी की संभावना : सीएम योगी की किरावली में सोमवार को होने वाली जनसभा में चौधरी बाबूलाल के पहुंचने की संभावना थी. यही से चौधरी रामेश्वर के नाम वापस लेने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल जनसभा में पहुंचे हीं नहीं. बता दें, बेटे के चुनाव मैदान में उतरने के बाद से ही चौधरी बाबूलाल ने भाजपाइयों से दूरी बना ली है. 22 अप्रैल को चुनाव आयोग से चौधरी रामेश्वर को चुनाव चिन्ह भी मिल गया. चौधरी रामेश्वर को चारपाई चुनाव चिन्ह मिला है. इससे अब मिनी छपरौली यानी जाट लैंड में समीकरण बदल गए हैं.

रामेश्वर ने दो बार चुनाव लड़ा : भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल के बेटे चौधरी रामेश्वर ने फतेहपुर सीकरी 1998 में आगरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था. तब उन्हें 1.99 लाख वोट मिले थे. इसके बाद 1999 में मथुरा लोकसभा सीट से राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) से चुनाव लड़े. इस बार महज 11 हजार वोटों से हार गए थे.

यह भी पढ़ें : फतेहपुर सीकरी सीट पर बगावत ने BJP का बिगाड़ा खेल, कांग्रेस और बसपा खेमे में खुशी - Lok Sabha Election

यह भी पढ़ें : भाजपा में बगावत, पार्टी विधायक के बेटे ने लोकसभा चुनाव के लिए भरा निर्दलीय पर्चा - Lok Sabha Election

आगरा : सीएम योगी के मंच पर एक बार फिर सोमवार दोपहर फतेहपुर सीकरी के भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल नहीं पहुंचे. जिससे भाजपा के विधायक के बागी बेटे चौधरी रामेश्वर के चुनाव मैदान से हटने और नाम वापसी के आसार भी धूमिल हो गए. चौधरी रामेश्वर भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी में सदस्य रहे हैं. अब वे फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर चुनाव मैदान में निर्दलीय उतरे हैं. उन्हें चारपाई चुनाव चिन्ह मिला है. इधर, जिले में चर्चा है कि भाजपा संगठन ने भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल को दिल्ली तलब किया है.

फतेहपुर सीकरी भाजपा में बगावत.
फतेहपुर सीकरी भाजपा में बगावत.
बता दें, आगरा की फतेहपुर सीकरी सीट पर भाजपा ने मौजूदा सांसद राजकुमार चाहर को उतारा है. जिससे इस सीट पर भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल और उनके बेटे चौधरी रामेश्वर ने राजकुमार चाहर के खिलाफ मोर्चा खोला है. जनता की मांग का हवाला देकर भाजपा विधायक के बेटे चौधरी रामेश्वर ने महापंचायत की. इसके बाद फतेहपुर सीकरी से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन कर दियाा. भाजपा में हुई बगावत पार्टी संगठन के पास पहुंची. जहां पिता और पुत्र ने यही बात रखी कि जनता राजकुमार को नहीं चाहती है. रामेश्वर ने कहा कि आप प्रत्याशी बदल दीजिए, मैं चुनाव नहीं लडूंगा. भाजपा विधायक ने भी संगठन से साफ कहा दिया था कि मर जाएंगे, लेकिन राजकुमार चाहर का समर्थन नहीं करेंगे. इतना नहीं, उसे हराने के लिए बेटे को चुनाव लड़ाएंगे. सीएम योगी जब भी आगरा आए. उन्होंने इस मामले की जानकारी ली, क्योंकि दोनों ही बार सीएम योगी के मंच पर चौधरी बाबूलाल नहीं पहुंचे तो कोई स्थिति साफ नहीं हो सकी. बहरहाल नामांकन वापस न होने से समीकरण बदलने के आसार बन गए हैं.

आज थी नाम वापसी की संभावना : सीएम योगी की किरावली में सोमवार को होने वाली जनसभा में चौधरी बाबूलाल के पहुंचने की संभावना थी. यही से चौधरी रामेश्वर के नाम वापस लेने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल जनसभा में पहुंचे हीं नहीं. बता दें, बेटे के चुनाव मैदान में उतरने के बाद से ही चौधरी बाबूलाल ने भाजपाइयों से दूरी बना ली है. 22 अप्रैल को चुनाव आयोग से चौधरी रामेश्वर को चुनाव चिन्ह भी मिल गया. चौधरी रामेश्वर को चारपाई चुनाव चिन्ह मिला है. इससे अब मिनी छपरौली यानी जाट लैंड में समीकरण बदल गए हैं.

रामेश्वर ने दो बार चुनाव लड़ा : भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल के बेटे चौधरी रामेश्वर ने फतेहपुर सीकरी 1998 में आगरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था. तब उन्हें 1.99 लाख वोट मिले थे. इसके बाद 1999 में मथुरा लोकसभा सीट से राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) से चुनाव लड़े. इस बार महज 11 हजार वोटों से हार गए थे.

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