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पूर्वांचल की कई सीटों पर जातीय समीकरण, भाजपा और विपक्ष खुद को बता रहे मजबूत, पढ़िए डिटेल - lok sabha election 2024

लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे चरण की वोटिंग हो चुकी है. अब तीन चरणों का चुनाव शेष रह गया है. पूरब की कई सीटों पर प्रत्याशी की जीत में जातीय समीकरण अहम भूमिका निभाते हैं. यहां भाजपा और विपक्ष दोनों खुद को मजबूत बता रहे हैं.

अब तीन चरणों का चुनाव शेष रह गया है.
अब तीन चरणों का चुनाव शेष रह गया है. (VIDEO Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 14, 2024, 8:41 AM IST

लखनऊ : पूर्वांचल की कई सीटों पर जातियों का समीकरण चलता है. हालांकि भारतीय जनता पार्टी और विपक्ष दोनों खुद को मजबूत बता रहे हैं. बलिया, आजमगढ़, गाजीपुर, घोसी और अंबेडकर नगर कुछ ऐसी सीटें हैं, जहां जातीय समीकरण है. बलिया छोड़कर ये वे सारी सीटें हैं, जहां साल 2019 में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. इस बार इस सीट को लेकर विपक्ष उत्साहित है तो भाजपा भी खुद को यहां से दमदार बता रही है. इस बार की कम वोटिंग से किस दल को फायदा होगा, और किस दल को नुकसान, इसके लिए परिणाम आने तक का इंतजार करना होगा.

बलिया : बलिया सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार हैं. यहां से समाजवादी पार्टी ने सनातन पांडे को उम्मीदवार के तौर पर उतारा है. वह पिछली बार नजदीकी अंतर से बीजेपी के वीरेंद्र सिंह मस्त से हार गए थे. बलिया विधायक दयाशंकर सिंह राजपूत हैं. एमएलसी रविंद्र सिंह पप्पू क्षत्रिय हैं. भूमिहार नेता उपेंद्र तिवारी को भाजपा से टिकट नहीं मिला.

आजमगढ़ : आजमगढ़ सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने भोजपुरी गायक दिनेश लाल यादव निरहुआ को उतारा है. इसी पर 2 साल पहले हुए उप चुनाव के बाद दिनेश लाल यादव निरहुआ को चुना गया था. 2019 में यहां से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जीत हासिल की थी. उपचुनाव में निरहुआ की जीत के पीछे सबसे बड़ा कारण बहुजन समाज पार्टी की ओर से लड़े शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली थे. गुड्डू जमाली को लगभग 3.75 लाख वोट मिले थे. जबकि दिनेश लाल यादव मात्र 12000 वोटों से जीते थे.

इस बार जमाली समाजवादी पार्टी में शामिल होकर एमएलसी बन चुके हैं. इसलिए कयास है कि वे अपने हिस्से का पूरा वोट समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव को दिलाएंगे.

अम्बेडकरनगर : साल 2019 में अंबेडकर नगर सीट भी भारतीय जनता पार्टी हार गई थी. यहां से बहुजन समाज पार्टी के रितेश पांडेय ने जीत हासिल की थी. रितेश पांडेय ने इस बार भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली है. इसके बाद उनको टिकट भी दिया गया है. सपा की ओर से यहां लालजी वर्मा उम्मीदवार हैं. वह अनुसूचित जाति से आते हैं.

गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी यहां से उम्मीदवार हैं. घोसी लोकसभा सीट पर एनडीए गठबंधन की ओर से भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के उम्मीदवार अरुण राजभर मैदान में हैं.

यह भी पढ़ें : 53 साल के राहुल गांधी जल्द बनेंगे दूल्हा! शादी को लेकर महिला के सवाल पर कहा- जल्द करनी पड़ेगी

लखनऊ : पूर्वांचल की कई सीटों पर जातियों का समीकरण चलता है. हालांकि भारतीय जनता पार्टी और विपक्ष दोनों खुद को मजबूत बता रहे हैं. बलिया, आजमगढ़, गाजीपुर, घोसी और अंबेडकर नगर कुछ ऐसी सीटें हैं, जहां जातीय समीकरण है. बलिया छोड़कर ये वे सारी सीटें हैं, जहां साल 2019 में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. इस बार इस सीट को लेकर विपक्ष उत्साहित है तो भाजपा भी खुद को यहां से दमदार बता रही है. इस बार की कम वोटिंग से किस दल को फायदा होगा, और किस दल को नुकसान, इसके लिए परिणाम आने तक का इंतजार करना होगा.

बलिया : बलिया सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार हैं. यहां से समाजवादी पार्टी ने सनातन पांडे को उम्मीदवार के तौर पर उतारा है. वह पिछली बार नजदीकी अंतर से बीजेपी के वीरेंद्र सिंह मस्त से हार गए थे. बलिया विधायक दयाशंकर सिंह राजपूत हैं. एमएलसी रविंद्र सिंह पप्पू क्षत्रिय हैं. भूमिहार नेता उपेंद्र तिवारी को भाजपा से टिकट नहीं मिला.

आजमगढ़ : आजमगढ़ सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने भोजपुरी गायक दिनेश लाल यादव निरहुआ को उतारा है. इसी पर 2 साल पहले हुए उप चुनाव के बाद दिनेश लाल यादव निरहुआ को चुना गया था. 2019 में यहां से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जीत हासिल की थी. उपचुनाव में निरहुआ की जीत के पीछे सबसे बड़ा कारण बहुजन समाज पार्टी की ओर से लड़े शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली थे. गुड्डू जमाली को लगभग 3.75 लाख वोट मिले थे. जबकि दिनेश लाल यादव मात्र 12000 वोटों से जीते थे.

इस बार जमाली समाजवादी पार्टी में शामिल होकर एमएलसी बन चुके हैं. इसलिए कयास है कि वे अपने हिस्से का पूरा वोट समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव को दिलाएंगे.

अम्बेडकरनगर : साल 2019 में अंबेडकर नगर सीट भी भारतीय जनता पार्टी हार गई थी. यहां से बहुजन समाज पार्टी के रितेश पांडेय ने जीत हासिल की थी. रितेश पांडेय ने इस बार भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली है. इसके बाद उनको टिकट भी दिया गया है. सपा की ओर से यहां लालजी वर्मा उम्मीदवार हैं. वह अनुसूचित जाति से आते हैं.

गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी यहां से उम्मीदवार हैं. घोसी लोकसभा सीट पर एनडीए गठबंधन की ओर से भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के उम्मीदवार अरुण राजभर मैदान में हैं.

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