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सोनिया के वर्चस्व को भाजपा देगी चुनौती, ठाकुर-ब्राह्मण में से एक विकल्प की तलाशना, सपा नेता पर भी नजर - कांग्रेस नेता सोनिया गांधी

लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Election 2024) के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है. बीजेपी के लिए रायबरेली सीट बहुत महत्वपूर्ण हो गई है. बीजेपी अमेठी के बाद सोनिया गांधी की रायबरेली सीट (Sonia Gandhi Raebareli seat) को हथियाने की योजना बना रही है. इसके लिए बीजेपी कई चेहरों में से किसी एक पर अपना दांव लगा सकती है. पढ़िए वह कौन से चेहरे हैं, जिन पर विचार किया जा रहा है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 11, 2024, 4:42 PM IST

लखनऊ: रायबरेली सीट इस बार सोनिया गांधी के लड़ने की कम होती संभावनाओं के चलते भारतीय जनता पार्टी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो गई है. लंबे समय से गांधी परिवार का इसी पर कब्जा रहा है. भाजपा अब इस सीट को अपने हाथ में लेना चाहती है. लेकिन, भाजपा के सामने पशोपेश की स्थितियां हैं कि यहां ठाकुर या ब्राह्मण किस उम्मीदवार को उतारा जाए. अगर उम्मीदवारों की बात की जाए तो मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी के लिए पूर्व एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह, वर्तमान में रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह के अलावा भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी का नाम भी सामने आ रहा है. यही नहीं अगर सियासी सूत्रों की बात मानें तो भारतीय जनता पार्टी संगठन समाजवादी पार्टी विधानमंडल दल के मुख्य सचेतक मनोज पांडे पर भी डोरे डाल रही है. मनोज पांडेय रायबरेली में मजबूत ब्राह्मण नेता हैं. जिन पर भाजपा दांव आजमा सकती है.

सोनिया गांधी के बारे में अलग-अलग तरह की खबरें आ रही हैं. कांग्रेस का एक धड़ा कह रहा है कि सोनिया गांधी बीमार होने की वजह से इस बार रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ सकेंगी, जबकि दूसरी ओर से कहा जा रहा है कि जिस तरह से राहुल गांधी ने केरल में वायानाड का रास्ता पकड़ा है, वैसे ही सोनिया गांधी भी इस बार तेलंगाना की किसी आसान सीट से चुनाव लड़ सकती हैं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की पैनी नजर रायबरेली की सीट पर लगी हुई है. सोनिया गांधी लगातार इस सीट पर मजबूत जीत दर्ज करती चली आ रही हैं. 2014 और 2019 में भारतीय जनता पार्टी की लहर के बावजूद रायबरेली सीट को भाजपा नहीं जीत सकी. लेकिन, 2024 में इस रिकार्ड को भाजपा तोड़ना चाहती है.

इन चेहरों पर रहेगी नजर

सपा के मनोज पांडेय पर भाजपा की नजर

रायबरेली सीट को लेकर भारतीय जनता पार्टी की नजर ऊंचाहार से समाजवादी पार्टी के विधायक मनोज पांडेय पर है. मनोज पांडे के बारे में भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि वे 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा का दामन थाम सकते हैं. भारतीय जनता पार्टी उनको रायबरेली सीट से लोकसभा चुनाव में उतार सकती है. भाजपा से लोकसभा चुनाव लड़ना मनोज पांडे के लिए विन सिचुएशन होगा. अगर वे लोकसभा चुनाव हार भी गए तो ऊंचाहार विधानसभा से होने वाले उपचुनाव में भी दोबारा विधायक पद पर भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर जीत सकते हैं. इसी गणित को लेकर भाजपा उन पर गांव खेल सकती है.

डॉ सुधांशु त्रिवेदी क्या रायबरेली में देंगे कौशल का परिचय?

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी का नाम भी रायबरेली में लोकसभा सीट के उम्मीदवार के तौर पर लिया जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता के तौर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और अगर भाजपा के टिकटों की सूची में उनका नाम नहीं शामिल हुआ तो इस संभावना को और बल मिल जाएगा कि वे लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं.

दिनेश प्रताप सिंह पर भी खेला जा सकता है दांव

पूर्व एमएलसी और पहले भी रायबरेली सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव लड़ चुके दिनेश प्रताप सिंह पर भी पार्टी दांव खेल सकती है. वह पार्टी का क्षत्रिय चेहरा हैं और रायबरेली में उनका जमीनी स्तर पर प्रभाव है.

विधायक अदिति सिंह क्या करेंगी सोनिया गांधी का सामना?

अपने पिता अखिलेश सिंह की क्षेत्र में पहचान को लेकर आगे बढ़ीं अदिति सिंह ने विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था. अदिति सिंह ने रायबरेली सदर सीट से जीत दर्ज की थी. अब उनका नाम भी इस क्षेत्र में लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर लिया जा रहा है.

यह भी पढ़ें: रामलला के दरबार में पहुंचे यूपी के विधायक, सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ की पूजा-अर्चना

यह भी पढ़ें: जयंत की अखिलेश से बढ़ी दूरियों की क्या है वजह?, किस कारण बदला रालोद मुखिया का नजरिया?, पढ़िए डिटेल

लखनऊ: रायबरेली सीट इस बार सोनिया गांधी के लड़ने की कम होती संभावनाओं के चलते भारतीय जनता पार्टी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो गई है. लंबे समय से गांधी परिवार का इसी पर कब्जा रहा है. भाजपा अब इस सीट को अपने हाथ में लेना चाहती है. लेकिन, भाजपा के सामने पशोपेश की स्थितियां हैं कि यहां ठाकुर या ब्राह्मण किस उम्मीदवार को उतारा जाए. अगर उम्मीदवारों की बात की जाए तो मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी के लिए पूर्व एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह, वर्तमान में रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह के अलावा भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी का नाम भी सामने आ रहा है. यही नहीं अगर सियासी सूत्रों की बात मानें तो भारतीय जनता पार्टी संगठन समाजवादी पार्टी विधानमंडल दल के मुख्य सचेतक मनोज पांडे पर भी डोरे डाल रही है. मनोज पांडेय रायबरेली में मजबूत ब्राह्मण नेता हैं. जिन पर भाजपा दांव आजमा सकती है.

सोनिया गांधी के बारे में अलग-अलग तरह की खबरें आ रही हैं. कांग्रेस का एक धड़ा कह रहा है कि सोनिया गांधी बीमार होने की वजह से इस बार रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ सकेंगी, जबकि दूसरी ओर से कहा जा रहा है कि जिस तरह से राहुल गांधी ने केरल में वायानाड का रास्ता पकड़ा है, वैसे ही सोनिया गांधी भी इस बार तेलंगाना की किसी आसान सीट से चुनाव लड़ सकती हैं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की पैनी नजर रायबरेली की सीट पर लगी हुई है. सोनिया गांधी लगातार इस सीट पर मजबूत जीत दर्ज करती चली आ रही हैं. 2014 और 2019 में भारतीय जनता पार्टी की लहर के बावजूद रायबरेली सीट को भाजपा नहीं जीत सकी. लेकिन, 2024 में इस रिकार्ड को भाजपा तोड़ना चाहती है.

इन चेहरों पर रहेगी नजर

सपा के मनोज पांडेय पर भाजपा की नजर

रायबरेली सीट को लेकर भारतीय जनता पार्टी की नजर ऊंचाहार से समाजवादी पार्टी के विधायक मनोज पांडेय पर है. मनोज पांडे के बारे में भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि वे 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा का दामन थाम सकते हैं. भारतीय जनता पार्टी उनको रायबरेली सीट से लोकसभा चुनाव में उतार सकती है. भाजपा से लोकसभा चुनाव लड़ना मनोज पांडे के लिए विन सिचुएशन होगा. अगर वे लोकसभा चुनाव हार भी गए तो ऊंचाहार विधानसभा से होने वाले उपचुनाव में भी दोबारा विधायक पद पर भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर जीत सकते हैं. इसी गणित को लेकर भाजपा उन पर गांव खेल सकती है.

डॉ सुधांशु त्रिवेदी क्या रायबरेली में देंगे कौशल का परिचय?

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी का नाम भी रायबरेली में लोकसभा सीट के उम्मीदवार के तौर पर लिया जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता के तौर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और अगर भाजपा के टिकटों की सूची में उनका नाम नहीं शामिल हुआ तो इस संभावना को और बल मिल जाएगा कि वे लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं.

दिनेश प्रताप सिंह पर भी खेला जा सकता है दांव

पूर्व एमएलसी और पहले भी रायबरेली सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव लड़ चुके दिनेश प्रताप सिंह पर भी पार्टी दांव खेल सकती है. वह पार्टी का क्षत्रिय चेहरा हैं और रायबरेली में उनका जमीनी स्तर पर प्रभाव है.

विधायक अदिति सिंह क्या करेंगी सोनिया गांधी का सामना?

अपने पिता अखिलेश सिंह की क्षेत्र में पहचान को लेकर आगे बढ़ीं अदिति सिंह ने विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था. अदिति सिंह ने रायबरेली सदर सीट से जीत दर्ज की थी. अब उनका नाम भी इस क्षेत्र में लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर लिया जा रहा है.

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