जयपुर. राजस्थान में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के कई नेता भाजपा के साथ जाने की कतार में खड़े दिखाई दे रहे हैं. वागड़ के बड़े चेहरे महेंद्रजीत सिंह मालवीय के भाजपा में जाने के बाद अब नागौर के मिर्धा परिवार से ताल्लुक रखने वाले रिछपाल मिर्धा ने भी सार्वजनिक तौर पर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं. रिछपाल मिर्धा पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में मंत्री रहे लालचंद कटारिया के समधी भी हैं. जबकि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से भाजपा में गई ज्योति मिर्धा उनकी भतीजी हैं.
उनके बेटे विजयपाल मिर्धा डेगाना से विधायक रहे हैं. पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में विजयपाल मिर्धा को अजय सिंह किलक के सामने हार का सामना करना पड़ा है. रिछपाल मिर्धा ने सार्वजनिक तौर पर कांग्रेस पर निशाना साधकर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं कि कांग्रेस के साथ अब वे ज्यादा दिन नहीं हैं. हालांकि, भाजपा में जाने को लेकर उनका कहना है कि परिवार के लोगों के साथ बैठकर तय करेंगे कि क्या करना है.
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सुनिए, कांग्रेस को लेकर क्या कहा रिछपाल मिर्धा ने : दरअसल, एक वीडियो में रिछपाल मिर्धा कहते दिख रहे हैं कि कांग्रेस में जनाधार वाले नेताओं को जगह नहीं है. जो चाटूकार-चमचे हैं, वो कांग्रेस में आगे बढ़ते हैं. आज मेरे जैसे वरिष्ठ नेता के पास कोई पद नहीं है. कोई पोस्ट नहीं दी गई है. संगठन में भी तवज्जो नहीं मिल रही है. हम 50 साल से कांग्रेस को लिए फिर रहे हैं. भाजपा में जाने के सवाल पर उनका कहना है कि मैं अभी किसी भी पार्टी का नहीं कह रहा हूं. हमारे परिवार के लोगों के साथ बैठकर चर्चा करेंगे कि किस पार्टी के साथ जाना है.
लालचंद कटारिया के समधी हैं रिछपाल मिर्धा : रिछपाल मिर्धा की भतीजी ज्योति मिर्धा ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को झटका देते हुए भाजपा का दामन थाम लिया था. भाजपा ने उन्हें नागौर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा था, जहां उन्हें अपने ही चाचा हरेंद्र मिर्धा के सामने हार का सामना करना पड़ा था. ज्योति मिर्धा के भाजपा में जाने के बाद से ही रिछपाल मिर्धा और उनके बेटे विजयपाल मिर्धा के भी भाजपा में जाने की चर्चा शुरू हो गई थी. रिछपाल मिर्धा के समधी लालचंद कटारिया के भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने की चर्चा पिछले दिनों जोरों पर थी.