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करौली-धौलपुर सीट से भाजपा-कांग्रेस ने अभी तक नहीं किए प्रत्याशी घोषित, जानें इसके पीछे की वजह - Karauli Dholpur Lok Sabha seat

Karauli Dholpur Lok Sabha Seat, एक ओर आगामी लोकसभा चुनाव की तारीख घोषित हो गई, बावजूद इसके फिलहाल तक करौली-धौलपुर सीट से भाजपा-कांग्रेस ने अपने प्रत्यशियों का ऐलान नहीं किया है. वहीं, अब बामुश्किल चुनाव को महीने भर का वक्त बचा है. ऐसे में पार्टियों के साथ भी प्रत्याशियों के लिए भी विधानसभावार प्रचार किसी चुनौती से कम नहीं होगी.

Karauli Dholpur Lok Sabha Seat
Karauli Dholpur Lok Sabha Seat
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 16, 2024, 10:39 PM IST

धौलपुर. आचार संहिता लगने के साथ ही देश और प्रदेश में लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. प्रदेश में दो चरण यानी 19 और 26 अप्रैल को चुनाव होने हैं. उसमें भी पूर्वी राजस्थान के जिलों में शामिल करौली-धौलपुर लोकसभा का चुनाव 19 अप्रैल को पहले चरण में होना है. वहीं, चुनावी तैयारी के लिए पार्टियों व प्रत्याशियों के पास करीब महीने भर का समय है, लेकिन अभी तक भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने यहां से अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है.

प्रत्याशियों की घोषणा के पीछे पार्टियां वेट एंड वॉच की स्थिति में है. दोनों ही पार्टियां एक-दूसरे के प्रत्याशी के मैदान में उतारने का इंतजार कर रही हैं. इधर, चुनाव में महज एक माह का समय बचा है. ऐसे में प्रत्याशियों के सामने दो जिलों के आठ विधानसभा क्षेत्रों में जनता तक पहुंचना संभव दिखाई नहीं दे रहा है. उधर, प्रत्याशी चयन को लेकर दिनों दिन हो रही देरी से दावेदारों का धैर्य भी अब जवाब देने लगा है. सूत्रों की मानें तो भाजपा और कांग्रेस एक-दो दिन में प्रत्याशी घोषित कर सकते हैं.

जोरदार मुकाबले के बने आसार : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही राज्य के सीएम भजनलाल शर्मा सहित भाजपाई राजस्थान में तीसरी बार 25 सीट जीतने का दावा कर रहे हैं. करौली-धौलपुर लोकसभा सीट को लेकर अब तक हुए तमाम सर्वे में इस सीट को कड़ी टक्कर वाली सीटों की सूची में रखा गया है. हालांकि, पिछले दो बार से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है, लेकिन पूरे प्रदेश में सबसे कम मार्जिन से भाजपा को इसी सीट पर जीती मिली थी. इस बार भी यहां जोरदार मुकाबला देखने को मिल सकता है.

इसे भी पढ़ें - राजस्थान में लोकसभा चुनाव की तारीखें तय, यहां जानिए पूरा लेखाजोखा

वहीं, पीएम मोदी की हवा को छोड़ दिया जाए तो इस सीट पर जातीय समीकरण कांग्रेस के पक्ष में दिखाई पड़ रहा है. कांग्रेस धौलपुर जिले में हाल ही में हुए विधानसभा में चार में से तीन सीटें जीती है तो भाजपा यहां खाता भी नहीं खोल सकी. करौली जिले में चार विधानसभा सीटों में से दो भाजपा और दो कांग्रेस पार्टी ने जीती है. ऐसे में 8 विधानसभा सीटों में भाजपा के पास दो सीटें हैं. देखा जाए तो यह समीकरण भाजपा की चिंता जरूर बढ़ा सकती है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर चली तो भाजपा इस सीट को निकालने में कामयाब हो सकती है.

इसे भी पढ़ें - Lok Sabha Elections 2024 : जानें राजस्थान में कब होगा मतदान, मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने किया तारीखों का ऐलान

टिकट को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म : भाजपा, कांग्रेस, बसपा समेत अन्य दलों की ओर से फिलहाल इस सीट पर प्रत्याशी घोषित नहीं किए जाने से चुनावी रंगत फीकी नजर आ रही है. आम मतदाताओं के साथ ही नेता भी टिकट कटने और मिलने की संभावनाओं को अपनी-अपनी तरह से देख रहे हैं. वहीं, ये सीट आरक्षित है, लेकिन टिकटों के दावेदारों की भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में भरमार है. भाजपा से वर्तमान सांसद डॉ. मनोज राजोरिया, मनरूप सिंह जाटव, उषा जाटव, इंदु देवी, पूर्व विधायक सुखराम कोली, पूर्व विधायक रानी सिलोटिया, विवेक सिंह, मदन कोली, प्रेम सिंह भास्कर, कमल पहाड़िया और बीड़ी इंदौरा दावेदारी कर रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी में रिटायर्ड आईएएस प्रेम सिंह मेहरा और रिटायर्ड आईएएस नन्नूमल पहाड़िया भी भाजपा से टिकट की डिमांड कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस से पूर्व मंत्री ममता भूपेश, अनीता जाटव, रक्षपाल सिंह और लखीराम बेरवा दावेदारी कर रहे हैं.

धौलपुर. आचार संहिता लगने के साथ ही देश और प्रदेश में लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. प्रदेश में दो चरण यानी 19 और 26 अप्रैल को चुनाव होने हैं. उसमें भी पूर्वी राजस्थान के जिलों में शामिल करौली-धौलपुर लोकसभा का चुनाव 19 अप्रैल को पहले चरण में होना है. वहीं, चुनावी तैयारी के लिए पार्टियों व प्रत्याशियों के पास करीब महीने भर का समय है, लेकिन अभी तक भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने यहां से अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है.

प्रत्याशियों की घोषणा के पीछे पार्टियां वेट एंड वॉच की स्थिति में है. दोनों ही पार्टियां एक-दूसरे के प्रत्याशी के मैदान में उतारने का इंतजार कर रही हैं. इधर, चुनाव में महज एक माह का समय बचा है. ऐसे में प्रत्याशियों के सामने दो जिलों के आठ विधानसभा क्षेत्रों में जनता तक पहुंचना संभव दिखाई नहीं दे रहा है. उधर, प्रत्याशी चयन को लेकर दिनों दिन हो रही देरी से दावेदारों का धैर्य भी अब जवाब देने लगा है. सूत्रों की मानें तो भाजपा और कांग्रेस एक-दो दिन में प्रत्याशी घोषित कर सकते हैं.

जोरदार मुकाबले के बने आसार : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही राज्य के सीएम भजनलाल शर्मा सहित भाजपाई राजस्थान में तीसरी बार 25 सीट जीतने का दावा कर रहे हैं. करौली-धौलपुर लोकसभा सीट को लेकर अब तक हुए तमाम सर्वे में इस सीट को कड़ी टक्कर वाली सीटों की सूची में रखा गया है. हालांकि, पिछले दो बार से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है, लेकिन पूरे प्रदेश में सबसे कम मार्जिन से भाजपा को इसी सीट पर जीती मिली थी. इस बार भी यहां जोरदार मुकाबला देखने को मिल सकता है.

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वहीं, पीएम मोदी की हवा को छोड़ दिया जाए तो इस सीट पर जातीय समीकरण कांग्रेस के पक्ष में दिखाई पड़ रहा है. कांग्रेस धौलपुर जिले में हाल ही में हुए विधानसभा में चार में से तीन सीटें जीती है तो भाजपा यहां खाता भी नहीं खोल सकी. करौली जिले में चार विधानसभा सीटों में से दो भाजपा और दो कांग्रेस पार्टी ने जीती है. ऐसे में 8 विधानसभा सीटों में भाजपा के पास दो सीटें हैं. देखा जाए तो यह समीकरण भाजपा की चिंता जरूर बढ़ा सकती है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर चली तो भाजपा इस सीट को निकालने में कामयाब हो सकती है.

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टिकट को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म : भाजपा, कांग्रेस, बसपा समेत अन्य दलों की ओर से फिलहाल इस सीट पर प्रत्याशी घोषित नहीं किए जाने से चुनावी रंगत फीकी नजर आ रही है. आम मतदाताओं के साथ ही नेता भी टिकट कटने और मिलने की संभावनाओं को अपनी-अपनी तरह से देख रहे हैं. वहीं, ये सीट आरक्षित है, लेकिन टिकटों के दावेदारों की भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में भरमार है. भाजपा से वर्तमान सांसद डॉ. मनोज राजोरिया, मनरूप सिंह जाटव, उषा जाटव, इंदु देवी, पूर्व विधायक सुखराम कोली, पूर्व विधायक रानी सिलोटिया, विवेक सिंह, मदन कोली, प्रेम सिंह भास्कर, कमल पहाड़िया और बीड़ी इंदौरा दावेदारी कर रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी में रिटायर्ड आईएएस प्रेम सिंह मेहरा और रिटायर्ड आईएएस नन्नूमल पहाड़िया भी भाजपा से टिकट की डिमांड कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस से पूर्व मंत्री ममता भूपेश, अनीता जाटव, रक्षपाल सिंह और लखीराम बेरवा दावेदारी कर रहे हैं.

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