रांची: झारखंड के परिप्रेक्ष्य में लोकसभा आम चुनाव 2024 के नतीजे इस बार कई मायनों में बेहद खास हैं. भारतीय जनता पार्टी को 2019 के मुकाबले जहां तीन लोकसभा सीटों का नुकसान झेलना पड़ा, वहीं उसके वोट प्रतिशत में भी कमी आई है. इस सबके बीच एक रोचक बात यह रही कि इस बार के लोकसभा चुनाव के नतीजों में राज्यभर में सबसे अधिक मत से जीतने वाली और सबसे कम वोट से हारने वाली भाजपा ही रही.
अन्नपूर्णा देवी को लोकसभा चुनाव 2024 में सबसे अधिक मत
कोडरमा लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार और निवर्तमान केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने 2024 लोकसभा आम चुनाव में सबसे अधिक 03 लाख, 77 हजार से अधिक मतों से जीत दर्ज की है. अन्नपूर्णा देवी को 791657 मत मिले, जबकि इंडिया गठबंधन की तरफ से सीपीआई माले उम्मीदवार विनोद कुमार सिंह को 414643 वोटों से ही संतोष करना पड़ा.
वहीं भाजपा की ही दुमका लोकसभा सीट से प्रत्याशी सीता सोरेन के नाम इस वर्ष सबसे कम मतों से हारने का रिकॉर्ड है. झामुमो छोड़ भाजपा में शामिल हुई शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन दुमका लोकसभा सीट जीतते-जीतते महज 22527 मतों से हार गईं. सीता सोरेन को दुमका लोकसभा आम चुनाव 2024 में 524843 मत मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी झामुमो प्रत्याशी नलिन सोरेन 547370 मत पाने में सफल रहें.
बड़े मार्जिन से जीत दर्ज करने वाले टॉप थ्री में ये भी शामिल
लोकसभा आम चुनाव 2024 में भाजपा की अन्नपूर्णा देवी के बाद दूसरे नंबर पर धनबाद से भाजपा उम्मीदवार ढुलू महतो रहे. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार अनुपमा सिंह को 331583 मतों से हराया. बिग मार्जिन से जीत दर्ज करने वालों में तीसरा नाम पलामू से सांसद वीडी राम का रहा. वीडी राम ने इंडिया ब्लॉक की ओर से राजद उम्मीदवार ममता भुइंया को 288807 मतों से हराया.
कम मतों से हारने वालों में ये रहे दूसरे और तीसरे स्थान पर
इस बार के लोकसभा आम चुनाव में सबसे कम मतों के अंतर से हारने वालों में पहला नाम भाजपा की सीता सोरेन का रहा तो दूसरे स्थान पर झामुमो के मथुरा महतो रहे. जिनको आजसू के चंद्रप्रकाश चौधरी के हाथों 80880 मतों से हार का मुंह देखना पड़ा. इसके बाद सबसे कम मतों से हारने वालों में गोड्डा के कांग्रेस उम्मीदवार प्रदीप यादव का नाम आता है. जिन्हें भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दुबे के हाथों 101813 मतों से हार का सामना करना पड़ा.
अन्नपूर्णा देवी की बड़े अंतर से जीत ने चौंकाया
राज्य की राजनीति पर पैनी नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं कि इस बार कोडरमा में इंडिया ब्लॉक की ओर से बगोदर से माले विधायक विनोद कुमार सिंह को चुनाव मैदान में उतार कर मुकाबले को करीबी बनाने का पूरा प्रयास गया था. स्वच्छ छवि और विरोधी दलों के वोटों के बिखराव रुकने से बेहद करीबी मुकाबले की उम्मीद थी, लेकिन चुनाव परिणाम के बाद यह साफ हो गया कि कोडरमा में भाजपा के मुकाबले में इंडिया थी ही नहीं. कोडरमा और बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र में अन्नपूर्णा देवी को मिली लीड ने लड़ाई को एकतरफा बना दिया.
दुमका फतह करते करते रहे गईं सीता सोरेन
वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं कि झामुमो और भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन गई दुमका लोकसभा सीट जीतते-जीतते सीता सोरेन हार गईं. उन्होंने कहा कि दुमका लोकसभा के अंतर्गत आनेवाली 06 विधानसभा क्षेत्र में सीता सोरेन ने लीड ले लिया था, लेकिन जामताड़ा और शिकारीपाड़ा में झामुमो उम्मीदवार नलिन सोरेन को मिली बड़ी बढ़त ने अंततः उन्हें सांसद बना दिया.
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