नई दिल्ली: गाजियाबाद में अधिवक्ता अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. कचहरी के गेट पर ताला लटका हुआ है. मेन गेट बंद होने के चलते कचहरी में आने जाने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है. कई लोग तो गेट को फांदकर अंदर आ रहे हैं. कचहरी में काम ठप है. वकीलों का प्रदर्शन जारी है. वकीलों का कहना है कि जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक कम पर वापस नहीं लौटेंगे. फिलहाल, कचहरी के आसपास भारी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती दिखाई दे रही है.
बार एसोसिएशन गाजियाबाद की हुई बैठक में 29 अक्टूबर को जिला न्यायालय परिसर में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज की घटना को लेकर प्रस्ताव पारित किए गए हैं. कचहरी परिसर में वकीलों के चेंबर बंद है. 6 नवंबर 2024 से कचहरी परिसर में टाइपिस्ट को भी कार्य न करने का आदेश दिया गया है. वकीलों की हड़ताल पर होने से आम लोगों को खासा परेशानी हो रही है. हड़ताल की जानकारी न होने के चलते कचहरी आने वाले लोगों को वापस लौटना पड़ रहा है.
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बार एसोसिएशन गाजियाबाद द्वारा पारित किए गए प्रस्ताव
सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया बार एसोसिएशन गाजियाबाद के प्रांगण में 29 अक्टूबर की घटना के विरोध मे धरना व प्रदर्शन किया गया. जिसमें उ प्र की संयुक्त बार एसोसिएशन, तहसील बार एसोसिएशन ने बार एसोसिएशन गाजियाबाद द्वारा जारी विरोध प्रदर्शन मे अभूतपूर्व सहयोग प्रदान किया है.
लाठीचार्ज के दोषी अधिकारियों पर हो एफआईआर
सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि जिला जज न्यायालय कक्ष में उपस्थित निहत्थे अधिवक्ताओ पर लाठीचार्ज के दोषी पुलिस अधिकारियो व पुलिस कर्मियो का स्थानान्तरण किया जाये और SIT गठित करके निष्पक्ष जांच करके दोषी पुलिस अधिकारियो व पुलिस कर्मियो पर एफआईआर दर्ज करायी जाये.
सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि उक्त प्रकरण में अधिवक्ताओ पर दर्ज फर्जी मुकदमों को तत्काल वापस किया जाये. सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि लाठीचार्ज में घायल अधिवक्ताओ को तत्काल प्रभाव से सहायता राशि उपलब्ध करायी जाये.
सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि 6 अक्टूबर से बार एसोसिएशन गाजियाबाद न्यायिक कार्य से अनिश्चितकालीन विरत रहेगी और धरना प्रदर्शन बार प्रांगण में जब तक उपरोक्त मांगे पूरी नही हो जाती, जारी रहेगा. सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि बार प्रांगण गाजियाबाद में स्थित सभी टाईपिस्ट को आदेशित किया जाता है कि 6 नवंबर 2024 में कोई भी टाईपिस्ट टाईप का कार्य नही करेगा.
क्या है पूरा मामला
पुलिस उपयुक्त दिनेश पी के मुताबिक 29 अक्टूबर 2024 को गाजियाबाद जिला जज के चेंबर में एक मुकदमे में अग्रिम जमानत से संबंधित सुनवाई चल रही थी. 971/24 वादी जितेंद्र सिंह यादव के द्वारा 175 BNSS सीजेएम के आदेश के तहत मुकदमा धारा 420, 467, 478, 471, 120 B के तहत थाना कवि नगर में दर्ज हुआ था. नौ मुलजिमों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. सभी मुलजिमों को 25 अक्टूबर को 28 अक्टूबर तक के लिए अग्रिम जमानत मिली थी. आगे की जमानत से संबंधित सुनवाई जिला जज के चेंबर में चल रही थी. इस दौरान वादी जितेंद्र सिंह यादव के साथ अधिवक्ता अभिषेक सिंह यादव, अधिवक्ता नाहर सिंह यादव, अधिवक्ता औरंगज़ेब एवं अन्य अधिवक्ता गण चेंबर में मौजूद थे.
अधिवक्ताओं द्वारा मांग की गई थी
दिनेश पी के मुताबिक अग्रिम जमानत से संबंधित सुनवाई अन्य को ट्रांसफर करने के लिए अधिवक्ताओं द्वारा मांग की गई थी. मना करने पर एग्रेसिव हो गए. कुछ देर बाद आक्रामक होते हुए जिला जिसके चेंबर में घुसने की कोशिश की गई. इस दौरान मौके पर मौजूद डीसीपी सिटी और एसीपी कवि नगर द्वारा जिला जज को सुरक्षित किया गया और अधिवक्ताओं के बीच से हटाकर उन्हें चेंबर में भेजा गया. इसी बीच अधिवक्ताओं को भी बाहर निकलवाने की कोशिश की गई. इसी दौरान जब पुलिस फोर्स जिला जज को चेंबर में लेकर जा रही थी तब अधिवक्ता मौके का फायदा उठाकर पुलिस चौकी पर पहुंचे और पुलिस चौकी में मौजूद सामन आदि मैं तोड़फोड़ और आगजनी की घटना कारीत की गई है.
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