जोधपुर. शहर के मंडोर नागादडी के पास पहाड़ी पर स्थित देवी मंदिर से मां चामुंडा की प्रचीन मूर्ति चोरी होने के मामले के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. इससे नाराज होकर क्षेत्रवासियों ने आंदोलन की राह पकड़ ली है. रविवार को क्षेत्रवासियों ने मंडोर गार्डन का मुख्य द्वार बंद कर दिया. इससे वहां पर्यटकों की आवाजाही रुक गई. द्वार के बाहर लोगों ने धरना देकर किर्तन शुरू कर दिया. साथ ही पुलिस व प्रशासन को अल्टीमेटम दिया है कि 2 बजे तक इस मामले को लेकर अधिकारी वहां आकर स्थिति स्पष्ट करे. ऐसा न करने पर पूरे चौराहे को बंद कर दिया जाएगा. फिलहाल, मौके पर पुलिस जाप्ते के साथ ही आरएसी की टुकड़ी को भी भेजने की तैयारी की जा रही है.
बता दें कि शनिवार सुबह शहर के प्राचीन मंदिर से चामुंडा माता की मूर्ति गायब होने का मामला सामने आया था. मंदिर के हालात से प्रतीत हुआ कि वहां किसी तरह की तोड़-फोड कर मूर्ति निकाली गई है. इसके अलावा जगह-जगह गंदगी भी फैलाई गई है. पहाड़ी की टेकरी स्थिति मंदिर के पुजारी हमेशा की तरह शनिवार सुबह जब पूजा करने पहुंचे तो वहां के हालात देखकर चौंक गए. उन्होंने क्षेत्रवासियों को सूचित किया था, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची. डॉग स्क्वाय, एफएसएल की टीम भी पहुंची. पूरे दिन पड़ताल हुई, लेकिन पुलिस को कुछ नहीं मिला. इसको लेकर देर शाम को भगवंत सिंह माली ने मंडोर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मूर्ति चोरी का मामला दर्ज करवाया.
विभाग ने शुरू की जांच : शनिवार को घटना की जानकारी मिलने के बाद पुरातत्व विभाग के अधिकारी भी मौके पर आए थे. उन्होंने कहा कि मंदिर एएसआई के अधीन है. मंदिर में जो मूर्ति थी, उसका रिकॉर्ड देखना पड़ेगा. उससे ही पता चलेगा कि मूर्ति कितनी पुरानी है. मंदिर पर भारतीय पुरातत्व विभाग के संरक्षण होने का बोर्ड लगा है, जिसमें इसे प्राचीन मंदिर बताया गया है. बताया जा रहा है कि मंदिर चौथी शताब्दी का है.