पटना: पूर्व सांसद अरुण कुमार ने चिराग पासवान का साथ छोड़ दिया है. लोकसभा चुनाव में अरुण कुमार को पार्टी के द्वारा कहीं से भी उम्मीदवार नहीं बनाये जाने से नाराज बताये जा रहे थे. इसी वजह से पूर्व सांसद अरुण कुमार ने लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास का साथ छोड़ दिया. इससे पहले अरुण कुमार ने अपने पार्टी का चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास में विलय करा दिया था. लगातार चिराग पासवान के साथ काम कर रहे थे.
"अब हम चिराग पासवान की पार्टी के साथ नहीं हैं. हमारी पार्टी के कुछ नेता हमारे पास बैठे हुए हैं. एक-दो दिन में पार्टी के जो लोग हमारे साथ हैं उनसे विचार विमर्श करके कुछ ना कुछ निर्णय लेंगे."- अरुण कुमार, पूर्व सांसद
हमारे साथ धोखा हुआः अरुण कुमार ने कहा कि हमनी अपनी पार्टी का विलय तक चिराग पासवान की पार्टी में कर दिया था, लेकिन हमारे साथ धोखा हुआ है. जो कुछ मेरे साथ हुआ है वह ठीक नहीं है. और अब हम अपने आप को चिराग पासवान की पार्टी से अलग कर लिए हैं. बता दें कि पूर्व सांसद अरुण कुमार जहानाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन, एनडीए गठबंधन में जहानाबाद सीट जदयू के खाते में चली गयी.
समर्थकों के साथ विचार विमर्शः जहानाबाद से जदयू ने अपने उम्मीदवार उतार दिये. इसके बाद यह कयास लगाये जा रहे थे कि पूर्व सांसद अरुण कुमार को चिराग पासवान किसी अन्य लोकसभा सीट पर एडजस्ट करेंगे. लेकिन, इसकी घोषणा नहीं हुई. जिससे नाराज होकर पूर्व सांसद अरुण कुमार ने चिराग पासवान की पार्टी का साथ छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में हमें क्या करना है इसको लेकर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ विचार विमर्श कर रहे हैं. जल्दी ही फैसला लेंगे.
निर्दलीय उतरने की संभावनाः सूत्रों से मिल रही खबर के अनुसार इस बार पूर्व सांसद अरुण कुमार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जहानाबाद सीट से मैदान में उतारने का मन बना लिया है. अब देखना यह है कि अरुण कुमार इस लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी के रूप में जहानाबाद लोकसभा सीट पर नजर आते हैं या नहीं. और अगर उतरते हैं तो एनडीए को कितना नुकसान पहुंचाएंगे, यह समय बताएगा.
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