मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर में शराब तस्करी मामले में उत्पाद विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. इस कार्रवाई से साफ है कि सरकारी अधिकारी की ही मिलीभगत से राज्य में शराब बेची और पिलाई जाती है. इसका ताजा उदाहरण कुछ दिन पहले बक्सर से ही सामने आया था. जहां माफियाओं के मिलीभगत से शराब की तस्करी कराने वाले उत्पाद अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया गया.
मुजफ्फरपुर सरकारी भवन में शराबः ताजा मामला मुजफ्फरपुर के पारू थाना क्षेत्र से आया है, जहां पर सरकारी भवन को शराब का अड्डा बनाया गया था. भवन से 135 कार्टन शराब बरामद किया गया है. सरकारी भवन से शराब मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. बता दें कि जिस भवन से शराब की बरामदगी की गयी है उस भवन पर महिला विकास मंडल का बोर्ड लगा हुआ है.
8 लोगों पर केस दर्जः बता दें कि इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है लेकिन भवन की देखरेख करने वाले मुखिया पति के खिलाफ कार्रवाई की गयी है. भवन के देखरेख की जिम्मेदारी चिंतामणपुर पंचायत की मुखिया के पति मोती राम के पास थी. मोती राम, फंदा गांव का संदीप सिंह, नीतेश सिंह, मोहम्मद आबिद, रंजन सिंह, भिखनपुरा का जयनाथ राय, सरैया मधौल का विक्रम राय पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
अंधेरा का फायदा उठाकर धंधेबाज फरारः उत्पाद इंस्पेक्टर शिवेंद्र कुमार ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि पारू प्रखंड के एक सरकारी भवन में शराब की खेप छिपाने की सूचना मिली थी. त्वरित कार्रवाई करते हुए छापेमारी कर शराब जब्त की गई. बताया कि रात में अंधेरे का फायदा उठाकर धंधेबाज फरार हो गए. धंधेबाजों की गिरफ्तारी को लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
"पारू थाना अंतर्गत महिला विकास मंडल के भवन में शराब होने की सूचना मिली थी. इस सूचना पर देर रात छापेमारी की गयी. 135 कार्टन अंग्रेजी शराब बरामद की गयी है. 8 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है, जिसकी गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है." - शिवेंद्र कुमार, उत्पाद इंस्पेक्टर
सरकारी अधिकारी पर मिलीभगत का आरोपः बता दें कि सरकारी भवन में शराब मिलने के बाद लोग कई तरह के सवाल उठा रहे हैं. स्थानीय लोग कह रहे हैं कि सरकारी भवन शराब कैसे पहुंच गयी? अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप लगाया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि महंगे ब्रांड की शराब किसी पार्टी के लिए मंगायी गयी होगी.
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