इटावा : जिले के लायन सफारी में शावकों की मौतों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार देर रात लायन सफारी में शेरनी ने चार मृत शावकों को जन्म दिया. सफारी प्रशासन का कहना कि समय पूर्व प्रसव होने के कारण चारों शावक मृत पैदा हुए.
चार शावकों को दिया था जन्म : बता दें कि लायन सफारी पार्क में दो शेरनी रूपा व नीरजा गर्भवती थीं. सफारी के निदेशक डा. अनिल कुमार पटेल ने बताया कि शेरनी रूपा ने गुरुवार की रात को साढ़े नौ बजे से 12 बजे तक चार शावकों को जन्म दिया था. चारों शावक मृत पैदा हुए हैं. इन सभी को पोस्टमार्टम के लिए भारतीय पशु चिकित्सा संस्थान बरेली भेजा जा रहा है. उन्होंने बताया कि शेरनी रूपा पहली बार गर्भवती हुई थी. शेरनी के पहली बार गर्भवती होने के बाद शावकों के जन्म में कई दिक्कतें आती हैं. हालांकि, शावकों के जन्म को लेकर सारी व्यवस्थाएं की गई थीं. इसके लिए पशु चिकित्सा विशेषज्ञ डा. आरके सिंह को भी बुलाया गया था.
इटावा लायन सफारी के बारे में : इटावा शहर के बाहरी इलाके में शेर प्रजनन केंद्र व शेर सफारी स्थित है. लायन ब्रीडिंग सेंटर 1000 एकड़ (400 हेक्टेयर) और लायंस सफारी के भीतर 400 एकड़ और आसपास के आरक्षित जंगल में शेष 600 एकड़ की जमीन ली गई थी. इस पार्क में नीम, शीशम, पीपस, काला शीशम, बरगद, पाकर, बेल जैसी प्रजातियां कादंब, सिरीस, बबूल और सेंटर लायन सफारी के बाहरी क्षेत्र में बबूल और इमली के पेड़ की प्रजातियों को लगाया गया है. इस सफारी पार्क की खास बात यह है कि इसमें 5 तरह की सफारी करवाई जाती है, जिसमें लायन (सिंह) सफारी, डियर (हिरण) सफारी, बेयर (भालू) सफारी और लेपर्ड (तेंदुआ) सफारी शामिल हैं. इसके अलावा यहां एक 4डी थियेटर भी बनाया गया है. यह एशिया के सबसे बड़े सफारी पार्कों में से एक है.
2014 से अब तक 24वीं मौत
बीते वर्ष इटावा लायन सफारी में एक बब्बर शेर केसरी ने दम तोड़ दिया था. पूछ में चोट लगने की वजह से वह काफी दिनों सें संक्रमित था. उसकी उम्र करीब तीन साल छह माह थी. 2014 से अब तक यह बब्बर शेर की 24वीं मौत है. अभी तक 13 शावकों समेत कुल 24 शेर और शेरनी यहां दम तोड़ चुके हैं. सफारी प्रशासन के मुताबिक, बब्बर शेर केसरी चोट के संक्रमण से जूझ रहा था. उसने एक सप्ताह पहले ही खाना छोड़ दिया था. अभी तक उसका इलाज चल रहा था. इससे पहले उसकी मां शेरनी जेनिफर की भी बीमारी की चलते 10 नवंबर को मौत हो गई थी. इस साल सफारी में दो शेर-शेरनी और सात शावकों की मौत हुई है. सफारी पार्क में तब 16 शेर ही बचे थे.
सफारी पार्क के निदेशक ने बताया था कि शेर मनन और शेरनी जेनिफर की संतान केसरी का जन्म 15 अप्रैल 2020 को सफारी में हुआ था. तब से वह यहीं था. बीती 23 अप्रैल को पूंछ में चोट लग जाने के कारण वह संक्रमित था. लगातार खून बहने के कारण उसकी पूछ की सर्जरी कराई गई थी. शनिवार शाम करीब 7:10 बजे उसकी मौत हो गई थी. सफारी पार्क के डॉक्टर उसका इलाज कर रहे थे, लेकिन उसको बचा नहीं पाए. भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरई) बरेली समेत अन्य संस्थाओं के वन्य जीव चिकित्सा विशेषज्ञों का सहयोग लिया गया था. उसका सब पोस्टमार्टम के लिए आईवीआरआई भेजा गया था.
'बाहुबली' की भी हुई थी मौत : बब्बर शेर 'बाहुबली' भी बीमार था, उसको भूख कम लगने के साथ कब्ज की समस्या हो गई थी. छह वर्ष के बब्बर शेर बाहुबली की खुराक भी आधी हो गई थी. लेकिन, बीते साल बाहुबली भी मर गया था.
बता दें कि बीते वर्ष 10 नवंबर की शाम करीब छह बजकर 15 मिनट पर गंभीर बीमारी से ग्रसित शेर बाहुबली की मौत हो गई थी. वह करीब 1.5 साल से बीमार चल रहा था. उसे मेगा कोलन नाम की बीमारी थी. गंभीर हालत होने के बाद 10 नवंबर से सफारी के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद से लगातार बाहुबली की हालत बिगड़ती ही जा रही थी. मंगलवार देर शाम उसने दम तोड़ दिया था. उन्होंने बताया कि शेर बाहुबली को बचाने के लिए देश के जाने-माने विशेषज्ञों से भी मदद ली गई लेकिन, उसे बचाया न जा सका था.
उसका इलाज मथुरा वेटनरी काॅलेज के विशेषज्ञ डा आरपी पाण्डेय एवं डा मुकेश श्रीवास्तव की देखरेख में चल रहा था. 10 नवंबर से उसने खाना कम कर दिया था. 24 नवंबर से वह लड़खड़ाकर चलने लगा था. 26 नवंबर को उसके दोनों पिछले पैरों में लकवा मार गया था. सात दिसंबर को सफारी पार्क के पशु चिकित्सालय में स्थानान्तरित किया गया था. बब्बर शेर का पोस्टमार्टम आईवीआरआई बरेली के विशेषज्ञों एवं अन्य पशु चिकित्साधिकारियों के पैनल द्वारा कराया गया था.
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