आगरा: योगी सरकार का पूरा फोकस प्रदेश में धार्मिक पर्यटन पर है. जिसको लेकर ही योगी सरकार प्रदेश के प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार करा रही है. इसमें ही आगरा के छह प्राचीन शिवालय भी शामिल हैं. इसके साथ ही बटेश्वर धाम में मंदिरों की श्रृंखला भी संवारी जाएगी और यहां जन सुविधाएं विकसित की जाएंगी. पर्यटन विभाग इस पर करीब 150 करोड़ रुपये खर्च करेगा. जिससे सांस्कृतिक विरासत सहेजी जाएगी. इसके तहत शिव मंदिरों का जीर्णोद्धार कर शिवालय सर्किट बनाया जाएगा.
योगी सरकार प्रदेश के सभी 75 जिलों में स्थित करीब 300 मंदिरों का जीर्णोद्धार करा रही है. इसके लिए प्रत्येक मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए करीब 50 लाख रुपये की राशि आवंटित की गई है. आगरा मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने बताया कि शहर में ताजमहल के साथ ही प्राचीन शिवालय भी हैं. सरकार की मंशा के मुताबिक अब शहर के शिवालय भी पर्यटन का नया केंद्र बनाए जाएंगे.
शिवालय सर्किट में ये प्राचीन मंदिर शामिल : योगी सरकार की ओर से आगरा में धार्मिक पर्यटन के प्रोत्साहन व सांस्कृतिक विरासत सहेजने के लिए प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार करा रही है. जिसके लिए जिले के छह प्राचीन मंदिरों को चुना गया है. सरकार की मंशा जिले में शिवालय सर्किट बनाने की है. ये प्राचीन शिवालय जिले में आस्था के केंद्र हैं. जहां पर पर्यटन विभाग बुनियादी विकास करके सुविधाएं बढाने के साथ ही मंदिरों का जीर्णोद्धार कराएगा. कहें तो आगरा में वाराणसी व अयोध्या की तर्ज पर प्राचीन शिवालयों को संवाराने की योजना बनी है. जिसमें शहर के प्राचीन मनकामेश्वर, प्राचीन कैलाश महादेव, फूलेश्वर, वनखंडी मंदिर शामिल हैं. जहां पर पर्यटन विभाग की ओर से जनसुविधाएं विकसित की जाएगीं. इसके साथ ही बटेश्वरधाम में यमुना रिवर फ्रंट बनाया जाएगा.
बटेश्वरधाम में लेजर शो से शिव महिमा का बखान: बता दें कि जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर यमुना किनारे बटेश्वर धाम है. बटेश्वरधाम देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का पैतृक गांव हैं. बटेश्वरधाम में कभी यमुना किनारे 101 शिव मंदिर की श्रंखला थी. जिसमें से अब महज 42 मंदिर ही बचे हैं. पर्यटन विभाग के प्रोजेक्ट में ये 42 मंदिर हैं. जिनका जीर्णोद्धार किया जाएगा. इसके साथ ही लेजर शो से शिव महिमा बयां की जाएगी. इस काम में करीब 17.57 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इस प्रोजेक्ट में शिव मंदिरों को उनकी प्राचीन शैली में विकसित किया जाएगा. प्रोजेक्ट में बटेश्वर, पंचमुखेश्वर, नीलकंठ, रामेश्वर, नरबंधेश्वर, केदारनाथ, सोमनाथ, फुटा मंदिर, बैजनाथ, अमरनाथ, बड़े बांकेबिहारी, मल्लिकार्जुन आदि मंदिर शामिल हैं.
यमुना रिवर फ्रंट के साथ जन सुविधाएं विकसित होंगी : उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की उप निदेशक दीप्ति वत्स ने बताती हैं कि बटेश्वर धाम के साथ ही ताजनगरी के चारों कोनों पर प्राचीन शिव मंदिर हैं. इन शिव मंदिरों का चरणबद्ध तरीके से विकास किया जाएगा. इन शिवालयों में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी. सरकार की ओर से आगरा में धार्मिक पर्यटन पर पूरा फोकस है. जिसमें ही जिले में शिवालय सर्किट बनाने की योजना है. बटेश्वर धाम की बात करें तो वहां पर यमुना रिवर फ्रंट बनाने का प्रोजेक्ट भी है.
प्राचीन कैलाश मंदिर के महंत गौरव गोस्वामी ने बताया कि प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार और शिवालय सर्किट बनाए जाने का सरकार का कदम सराहनीय है. ये हमारी संस्कृति को उज्जव करने का काम हो रहा है. जो हमारे लिए गर्व की बात की. आगरा के सभी प्राचीन शिव मंदिर आस्था और प्रेरणा के केंद्र हैं.