मुजफ्फरनगरः कचहरी परिसर में की गई गवाह की हत्या के मामले में जिला कोर्ट ने तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, इस मामले में अन्य आरोपी नाबागलिग थे, जिनका मुकदमा किशोर न्याय बोर्ड में चल रहा है. लगभग 11 साल पहले हत्याकांड के एक मामले में गवाही देने पहुंचे एक चश्मदीद की थाना कोर्ट परिसर में हत्या कर दी गई थी. इस मामले में गांव बहावड़ी थाना फुगाना जनपद शामली निवासी धर्मेन्द्र ने मुकदमा दर्ज कराया था.
पुलिस के मुताबिक, 25 जनवरी 2011 को शामली के बहावड़ी गांव के मोरण, नरेश, विवेक, ब्रजपाल, चरण सिंह, अमित, सुमित ने शामली से लौटते हुए प्रधान बिजेन्द्र की हत्या कर दी थी. बिजेंद्र के भाई धर्मेंद्र ने थाना मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में धर्मेन्द्र, दूसरा भाई देवेन्द्र व देवेन्द्र का साला योगेश व कृष्णपाल चश्मदीद गवाह थे. मामले में गवाही के लिए कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 देवेन्द्र को बुलाया गया था. थाना सिविल लाइन क्षेत्र स्थित कोर्ट परिसर में गवाही के दौरान जब देवेन्द्र पानी पीने के लिए कोर्ट से बाहर आया तो समय अजय, यशपाल, सागर और सौरभ, ओमसिंह और रणवीर सिंह पुत्र महेन्द्र निवासी बहावड़ी ने तमंचों से गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी. कोर्ट ने इस मामले में ओमसिंह और रणवीर सिंह और सौरभ को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. तीनों पर पचास पचास हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. वही अन्य आरोपियों के विरुद्ध किशोर न्याय बोर्ड में मामला विचाराधीन चल रहा है.