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पार्षद और दोस्त के सात हत्यारों को आजीवन कारावास, 1 लाख का जुर्माना, सैलून में घुसकर बरसाई थी गोलियां - Meerut Councilor murder case

मेरठ के सात साल पुराने बहुचर्चित आरिफ - सलमान डबल मर्डर केस में कोर्ट ने सात हत्या के आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, साथ ही एक लाख का जुर्माना भी लगाया. साल 2017 में दिनदहाड़े हुई थी दोनों की हत्या

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कोर्ट के फैसले की जानकारी देते हुए सरकारी वकील और एडीजीसी (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 20, 2024, 7:29 PM IST

7 साल बाद मिली डबल मर्डर के हत्यारों को सजा (Video Credit; ETV Bharat)

मेरठ: मेरठ के कोतवाली इलाके के बनीसराय इलाके में साल 2017 में निगम पार्षद आरिफ और उसके दोस्त शादाब उर्फ भूरा दोहरे हत्याकांड में कोर्ट ने हत्या के सात आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही एक लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया है. दो दिन पहले कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था और मामले में 20 अगस्त को फैसला सुनाने का दिन निश्चित किया था. जिसके बाद मंगलवार को जिला जज कोर्ट-दो प्रहलाद सिंह की अदालत ने सातों आरोपियों को सजा सुनाते हुए एक लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया.

बहुचर्चित इस डबल मर्डर मामले में जिला शासकीय अधिवक्ता सर्वेश शर्मा ने बताया कि, एडीजीसी प्रेरणा वर्मा ने कुल 12 गवाह पेश किए गये थे. कोर्ट ने दोनों पक्षों को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया और मंगलवार को फैसला सुना दिया. घटना में शामिल रहे आरोपी साकिब, शारिक, काशिफ उर्फ चीता, तारिक, राशिद, राजू और ताबिश को आरोपी माना.

वहीं इस केस में पर्याप्त साक्ष्य न होने की वजह से एक आरोपी नदीम को बरी कर दिया गया, जबकि हत्या के एक आरोपी की मुकदमे चलने के दौरान बीमारी से मौत हो चुकी है. फैसला सुनाने के दौरान कानून व्यवस्था नहीं बिगड़े इसको लेकर पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड में रहा. कोर्ट की कार्रवाई के दौरान पुलिस और पीएसी के अलावा क्यूआरटी तैनात रही. कोर्ट के आदेश के बाद सभी आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया गया था.

बता दें कि, साल 2016 में मेरठ में सोनाली उर्फ शमशाद किन्नर की हत्या हुई थी. इस हत्याकांड के गवाह कोतवाली क्षेत्र के इस्माइल नगर के रहने वाले आरिफ और शादाब उर्फ भूरा था. उस समय आरिफ मेरठ नगर निगम का पार्षद भी था. 9 जुलाई 2017 में कोतवाली थाने के पीछे एक सैलून में घुसकर हत्यारों ने आरिफ और शादाब को गोलियों से छलनी कर दिया था. जिसके बाद मृतक आरिफ के भतीजे आमीर की तहरीर पर मेरठ कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था.

इस पूरे हत्याकांड में यह भी तथ्य सामने आये थे कि जेल में ही शारीक गैंग की ओर से हत्या की पूरी प्लानिंग की गई थी. उस वक्त दिल्ली के सीलमपुर इलाके के रहने वाले सुपारी किलर नदीम को हत्या की सुपारी दी गई थी. जिसमें 5 लाख रूपये की सुपारी दी गई थी.

यह भी पढ़ें : राजसभा सांसद संजय सिंह, सपा नेता अनूप संडा को करना होगा सरेंडर; 23 साल पुराने मामले में NBW बरकरार

7 साल बाद मिली डबल मर्डर के हत्यारों को सजा (Video Credit; ETV Bharat)

मेरठ: मेरठ के कोतवाली इलाके के बनीसराय इलाके में साल 2017 में निगम पार्षद आरिफ और उसके दोस्त शादाब उर्फ भूरा दोहरे हत्याकांड में कोर्ट ने हत्या के सात आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही एक लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया है. दो दिन पहले कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था और मामले में 20 अगस्त को फैसला सुनाने का दिन निश्चित किया था. जिसके बाद मंगलवार को जिला जज कोर्ट-दो प्रहलाद सिंह की अदालत ने सातों आरोपियों को सजा सुनाते हुए एक लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया.

बहुचर्चित इस डबल मर्डर मामले में जिला शासकीय अधिवक्ता सर्वेश शर्मा ने बताया कि, एडीजीसी प्रेरणा वर्मा ने कुल 12 गवाह पेश किए गये थे. कोर्ट ने दोनों पक्षों को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया और मंगलवार को फैसला सुना दिया. घटना में शामिल रहे आरोपी साकिब, शारिक, काशिफ उर्फ चीता, तारिक, राशिद, राजू और ताबिश को आरोपी माना.

वहीं इस केस में पर्याप्त साक्ष्य न होने की वजह से एक आरोपी नदीम को बरी कर दिया गया, जबकि हत्या के एक आरोपी की मुकदमे चलने के दौरान बीमारी से मौत हो चुकी है. फैसला सुनाने के दौरान कानून व्यवस्था नहीं बिगड़े इसको लेकर पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड में रहा. कोर्ट की कार्रवाई के दौरान पुलिस और पीएसी के अलावा क्यूआरटी तैनात रही. कोर्ट के आदेश के बाद सभी आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया गया था.

बता दें कि, साल 2016 में मेरठ में सोनाली उर्फ शमशाद किन्नर की हत्या हुई थी. इस हत्याकांड के गवाह कोतवाली क्षेत्र के इस्माइल नगर के रहने वाले आरिफ और शादाब उर्फ भूरा था. उस समय आरिफ मेरठ नगर निगम का पार्षद भी था. 9 जुलाई 2017 में कोतवाली थाने के पीछे एक सैलून में घुसकर हत्यारों ने आरिफ और शादाब को गोलियों से छलनी कर दिया था. जिसके बाद मृतक आरिफ के भतीजे आमीर की तहरीर पर मेरठ कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था.

इस पूरे हत्याकांड में यह भी तथ्य सामने आये थे कि जेल में ही शारीक गैंग की ओर से हत्या की पूरी प्लानिंग की गई थी. उस वक्त दिल्ली के सीलमपुर इलाके के रहने वाले सुपारी किलर नदीम को हत्या की सुपारी दी गई थी. जिसमें 5 लाख रूपये की सुपारी दी गई थी.

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