बलरामपुर : जिला एवं सत्र न्यायालय ने शनिवार को 14 साल पुराने हत्या के एक मामले में दोषी पिता और दो पुत्रों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने सजा सुनाते हुए हत्या के दोषियों पर 40-40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इस मामले में पीड़ित पक्ष को लंबे अरसे बाद इंसाफ मिला है. वर्ष 2010 में युवक की गला दबाकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पिता-पुत्र आरोपी बनाए गए थे.
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नवीन कुमार तिवारी ने बताया कि कोतवाली देहात क्षेत्र में गंगापुर वीरपुर निवासी विमलावती ऊर्फ चिरायता ने 19 अगस्त 2010 को तहरीर दी थी कि उसके 22 वर्षीय पुत्र विश्वेशर को अरुण कुमार उर्फ बबलू, तरुण कुमार उर्फ लल्लू तथा उनके पिता राम सागर मिश्र (निवासी गंगापुर वीरपुर कोतवाली देहात) ने गला दबाकर मार डाला है. आरोपियों ने अपराध छिपाने के लिए उसके बेटे का शव सरयू नहर में ले जाकर फेंक दिया.
विमलावती की तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की. इसके बाद राम सागर मिश्र, उसके दो पुत्रों तरुण कुमार व अरुण कुमार के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया. न्यायालय में मुकदमे के दौरान शवेंद्र नाथ एवं देहात कोतवाली की पुलिस द्वारा प्रभावी पैरवी की गई. मुकदमे के दौरान दोनों पक्षों की तरफ से तमाम गवाह और सबूत पेश किए गए. दोनों पक्षों को सुनने और साक्ष्यों को देखते हुए अपर जिला जज इफ्तेखार अहमद की अदालत ने तीनों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने दोषियों पर 40-40 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. अदालत ने जुर्माने की राशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है.
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