गाजीपुर : जिले के पॉक्सो कोर्ट प्रथम राकेश कुमार सप्तम की अदालत ने शुक्रवार को नए कानून बीएनएस की धारा के तहत पहली सजा का फैसला सुनाया है. पॉक्सो कोर्ट ने तीन साल की मासूम के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म के मामले में ढाई माह के अंदर आरोपी को आजीवन कारावास के साथ 40 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है. इस बात की पुष्टि विशेष लोक अभियोजक रविकांत पाण्डेय ने की है.
विशेष लोक अभियोजक रविकांत पाण्डेय ने बताया कि 27 जुलाई 2024 को करंडा थाना क्षेत्र के एक गांव की तीन साल की मासूम अपने घर के बाहर दादा के साथ खेल रही थी कि गांव का ही रहने वाला आरोपी युवक उसे गोद में उठाकर घर के पास ले जाकर अप्राकृतिक दुष्कर्म कर रहा था. बच्ची के चीखने चिल्लाने पर उसकी दादी मौके पर पहुंची और युवक के साथ छीना झपटी कर किसी तरीके से मासूम को वापस ले लिया, लेकिन उस दौरान तक बच्ची बदहवास हो चुकी थी, जिसे आनन-फानन में परिजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां से डॉक्टर ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए वाराणसी ट्राॅमा सेंटर के लिए रेफर कर दिया था. उस दौरान मासूम बच्ची वाराणसी में तीन दिनों तक भर्ती रही. उसके बाद मासूम को लाकर 183 का बयान मजिस्ट्रेट के सामने कराया गया, उसके बाद विवेचना हुई.
उन्होंने बताया कि विवेचना के बाद चार्जशीट न्यायालय में पेश की गई. चार्जशीट पेश होने के बाद 1 अक्टूबर 2024 को आरोपी पर आरोप गठित किया गया. आरोप गठित होने के बाद अभियोजन की तरफ से कुल आठ गवाह पेश किए गए. सभी आठ गवाहों ने अपना-अपना बयान मासूम के पक्ष में दर्ज कराया. जिसका परिणाम यह रहा कि पाॅक्सो कोर्ट राकेश कुमार सप्तम की अदालत ने 20 दिसंबर 2024 यानी शुक्रवार को आरोपी के खिलाफ फैसला सुनाते हुए आजीवन कारावास और 40 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है.
इस दौरान विशेष लोक अभियोजक रविकांत पाण्डेय ने बताया कि आरोपी और मासूम का डीएनए टेस्ट भी कराया गया था. डीएनए रिपोर्ट दोनों का मैच हुआ था. सजायाफ्ता आरोपी पहले भी इस तरह की घिनौनी हरकत कर चुका है और करंडा थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है.
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