मुंगेर: बिहार के मुंगेर में 4 आरोपियों पर कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा और 25-25 हजार का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने यह कार्रवाई पोक्सो एक्ट के तहत की है. यह मामला साल 2021 का है, जब चारों दरिंदो ने अंधविश्वास के चक्कर में 8 साल की मासूम बच्ची की बेरहमी से हत्या कर दी थी.
पोक्सो के तहत 4 आरोपियों को सजा: बता दें कि अपर जिला सत्र न्यायधीश प्रदीप कुमार चौधरी ने इस मामले पर सुनवाई की है. विशेष लोक अभियोजक प्रीतम कुमार वैश्य ने जानकारी देते हुए बताया कि नयारामनगर थाना क्षेत्र के फरदा गांव में 5 अगस्त 2021 को अंधविश्वास के चक्कर में आकर चार आरोपितों ने मिलकर 8 वर्षीय बच्ची की निर्ममता पूर्वक हत्या कर दी गई थी.
अंधविश्वास में बच्ची की हत्या: उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपित दिलीप चौधरी की पत्नी लगातार बीमार रहा करती थी. वहीं दिलीप के मित्र ने पत्नी को बीमारी से मुक्त कराने के लिए उसे खगड़िया जिले के एक तांत्रिक परवेज आलम से मिलने की सलाह दी. जब दिलीप खगड़िया जाकर उस तांत्रिक से मिला, तो उसने उसे 13 वर्ष से कम उम्र की बच्ची का शरीर व खून लेकर पूजा करने को कहा.
दोस्तों के साथ मिलकर की हत्या: इसके बाद दिलीप चौधरी ने अपने दोस्तों को यह बात बताई. जिसपर दिलीप के दोस्तों ने उसे बच्ची मिलने की बात कह कर घटनास्थल पर बुलाया था. इसके बाद सभी लोगों ने मिलकर बच्ची को तनवीर आलम के मुर्गाफार्म में बंद कर दिया और देर रात गला दबाकर बच्ची की हत्या कर दी. इसके बाद उसकी आंख और हाथ-पैर के नाखून को निकाल लिया.
पुलिस ने बच्ची के शव को किया बरामद: फिर तांत्रिक के निर्देशानुसार दिलीप ने पूजा की. वहीं पुलिस ने दूसरे ही दिन बच्ची की लाश घटनास्थल से बरामद की और दिलीप चौधरी के घर से खून से सना थैला के साथ पूजन सामग्री भी बरामद की गई. जिसके बाद मामले में कोर्ट ने दिलीप चौधरी सहित तीन अन्य आरोपितों तांत्रिक परवेज आलम, मुर्गाफार्म मालिक तनवीर आलम और दशरथ मंडल उर्फ़ दशरथ कुमार को आजीवन कारवास की सजा सुनाई और 25-25 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.
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