भोपाल : मध्यप्रदेश में परीक्षा और भर्ती प्रक्रिया में पीपर लीक जैसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सरकार बेहद सख्त कानून बनाने जा रही है. पेपर लीक करने वालों या इसमें किसी भी तरह से शामिल होने पर आजीवन कारावास जैसी सख्त सजा भुगतनी पड़ सकती है. यही नहीं इसमें 1 करोड़ रु तक के जुर्माने का भी प्रावधान किया जा रहा है. केन्द्र सरकार के 'सार्वजनिक परीक्षा अनुचित साधनों की रोकथाम अधिनिमय 2024' के आधार पर राज्य सरकार नया कानून बनाने जा रही है.
विधानसभा में पेश होगा प्रस्ताव
मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार ने पेपर लीक के मामलों को रोकने और उसमें सख्त सजा के प्रावधान की तैयार कर ली है. इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है और इसे विधि विभाग के पास भेज दिया है. माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा सत्र में इसे पेश किया जाएगा.
परीक्षार्थी को भी मिलेगी सजा
नए कानून में परीक्षा में पेपर लीक करने वालों पर ही नहीं, बल्कि परीक्षार्थी और इससे जुड़े अन्य आरोपियों पर भी कार्रवाई के प्रावधान किए जा रहे हैं. इसमें पेपर लीक करने वालों को आजीवन कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया जा रहा है. वहीं इसमें लिप्त परीक्षार्थियों को सजा के तौर पर एक साल तक परीक्षा से वंचित रखा जाएगा. इतना ही नहीं सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों पर भी ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई की जाएगी. यदि वे गड़बड़ी पर पर्दा डालती हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
कई राज्य कर चुके सख्ती
नीट परीक्षा में गड़बड़ी के बाद केन्द्र सरकार ने पेपर लीक जैसी गड़बड़ियों को रोकने के लिए नया कानून बनाया है. केन्द्र सरकार के अलावा झारखंड, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्य पेपर लीक की घटनाओं को रोकने सजा के सख्त प्रावधान कर चुकी हैं. मध्यप्रदेश में भी कई भर्ती परीक्षाओं को लेकर सवाल खड़े हो चुके हैं. कई परीक्षाएं कैंसिल करनी पड़ी हैं. अब ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार भी कड़ी सजा के प्रावधान करने जा रही है, जिससे छात्रों को मेहनत से परीक्षा पास करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और नकल माफिया पर नियंत्रण किया जा सके.