हल्द्वानी: अल्मोड़ा के सल्ट में 4 नवंबर को हुई बस दुर्घटना में घायल मरीज को अस्पताल ले जाने के एवज में परिजनों से रुपए मांगने वाले एंबुलेंस चालक के खिलाफ मुख्य चिकित्सा अधिकारी नैनीताल की संस्तुति पर संभागीय परिवहन अधिकारी उधमसिंह नगर ने कार्रवाई की है. चालक का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया है.
मामले के मुताबिक, चार नवंबर को अल्मोड़ा के सल्ट तहसील के मार्चुला में बस हादसे का शिकार हुई थी. हादसे में घायल 41 वर्षीय रमेश रावत को रामनगर संयुक्त अस्पताल में प्राथमिक उपचार देने के बाद हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर किया गया था. लेकिन आधे रास्ते में आयुष्मान मल्टी स्पेशलिटी चिकित्सालय काशीपुर की एंबुलेंस चालक योगेश कुमार द्वारा वाहन में पेट्रोल भराने के एवज में परिजनों से 1500 रुपए की मांग की गई थी. परिजनों ने आरोप लगाया था कि 1500 रुपए देने के बाद ही एंबुलेंस चालक एंबुलेंस को लेकर अस्पताल पहुंचा था.
वहीं, परिजनों की आपबीती पर जिलाधिकारी नैनीताल ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को एंबुलेंस चालक के खिलाफ कार्रवाई करने हेतु निर्देश दिए थे. मामले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी नैनीताल ने संभागीय परिवहन अधिकारी उधमसिंह नगर को एंबुलेंस के वाहन चालक का लाइसेंस सस्पेंड करने के लिए पत्र लिखा था.
जिस क्रम में सहायक सम्भागीय अधिकारी ने आयुष्मान मल्टीस्पेशलिटी चिकित्सालय काशीपुर की एम्बुलेंस संख्या यूके 18 पीए-0290 के चालक योगेश कुमार का लाइसेंस तीन माह के लिए सस्पेंड कर दिया है. इस बीच अगर योगेश कुमार वाहन का संचालन करते हुए पाया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी नैनीताल हरीश पंत ने बताया कि मरीज रमेश रावत के परिजनों के 1500 रुपये एंबुलेंस चालक योगेश से वापस दिलवा दिए गए हैं. चालक योगेश कुमार द्वारा उक्त कार्य हेतु क्षमा मांगने और भविष्य में इस प्रकार का कृत्य फिर से नहीं किए जाने का आश्वासन दिया गया है.
गौर है कि हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 27 लोग घायल हुए. घायलों में कई लोगों का इलाज अभी भी प्रदेश के अलग-अलग अस्पतालों में जारी है.
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