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यूपी में बहेगी ज्ञान की गंगा; 22000 ग्राम पंचायतों में बनेंगी लाइब्रेरी, जानें क्या सुविधाएं मिलेंगी - Libraries in UP

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 17, 2024, 4:38 PM IST

Updated : Sep 17, 2024, 4:48 PM IST

यूपी में 22000 ग्राम पंचायतों में लाइब्रेरी बनायी जाएंगी. उत्तर प्रदेश पंचायती राज के निदेशक अटल कुमार राय ने बताया कि इस योजना का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है.

Photo Credit- ETV Bharat
तीन कमरों वाले पंचायत घरों में एक कमरे में बनेगी लाइब्रेरी (Photo Credit- ETV Bharat)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पंचायती राज विभाग पहले 22000 ग्राम पंचायत में लाइब्रेरी बनाएगा, जिसमें हर विषय की किताब मौजूद होंगी. डिजिटल तकनीक के साथ-साथ लाइब्रेरी सभी सुविधाओं से लैस होगी. इसकी मदद से ग्रामीण इलाकों में रहने वाले युवा अपना भविष्य बेहतर बना सकेंगे. उत्तर प्रदेश पंचायती राज के निदेशक अटल कुमार राय ने बताया कि ग्राम पंचायत में लाइब्रेरी की स्थापना के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है. मुरादाबाद, रामपुर, बिजनौर और संभल जिलों में आयुक्तों ने ग्रामीण क्षेत्रों में लाइब्रेरी बनाने की पहल की है. इसकी काफी सराहना हो रही है.

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कमेटी स्थानीय लोगों की मदद से किताबों को चिन्हित करके लाइब्रेरी के लिए खरीदेगी. (Photo Credit- ETV Bharat)

पंचायती राज की योजना का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. जिन पंचायत घरों में तीन से ज्यादा कमरे हैं. उनमें से एक कमरे को लाइब्रेरी का रूप दिया जाएगा. इसके लिए कोई भवन निर्माण नहीं होगा. न ही कोई भूमि आवंटित की जाएगी. पंचायत घरों में ही लाइब्रेरी की स्थापना होगी. उन्होंने कहा कि ऐसे तकरीबन 22000 पंचायत घरों को चिन्हित कर लिया गया है. पहले इनमें लाइब्रेरी की स्थापना होगी. इन लाइब्रेरी में एक एलईडी स्क्रीन, दो टैबलेट और 50% किताबें नेशनल बुक ट्रस्ट के जरिए दी जाएगी. बाकी 50% किताबें डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की जाएगी, जो कमेटी स्थानीय लोगों की मदद से किताबों को चिन्हित करके लाइब्रेरी के लिए खरीदेगी.

उत्तर प्रदेश पंचायती राज के निदेशक अटल कुमार राय ने कहा कि लाइब्रेरी में डिजिटल किताबें भी मौजूद होंगी. किताबें भी मौजूद होंगी ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के युवा और किताबों से रुचि रखने वाले लोग ही किताबों का आनंद ले सकेंगे.

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लाइब्रेरी में डिजिटल किताबें भी मौजूद होंगी (Photo Credit- ETV Bharat)

समुदाय की आवश्यकताओं का मूल्यांकन: पंचायती राज के निदेशक ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों, युवाओं और वयस्कों की शिक्षा और ज्ञान की आवश्यकताओं को समझना जरूरी है. इसके बाद किताबें खरीदी जाएंगी. लाइब्रेरी के लिए एक पंचायत भवन का चयन होगा, जहां पर गांव के लोग आसानी से पहुंच सकेंगे. डिजिटल संसाधन और इंटरनेट सुविधा उपलब्ध होगी. लाइब्रेरी में कुछ कंप्यूटर और इंटरनेट की व्यवस्था होगी, ताकि ग्रामीण लोग डिजिटल शिक्षा और ऑनलाइन संसाधनों का लाभ उठा सकें.

ये भी पढ़ें- सीएम योगी बोले, पीएम मोदी के प्रयासों से 3 वर्ष में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगा - CM YOGI VISIT VARANASI

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पंचायती राज विभाग पहले 22000 ग्राम पंचायत में लाइब्रेरी बनाएगा, जिसमें हर विषय की किताब मौजूद होंगी. डिजिटल तकनीक के साथ-साथ लाइब्रेरी सभी सुविधाओं से लैस होगी. इसकी मदद से ग्रामीण इलाकों में रहने वाले युवा अपना भविष्य बेहतर बना सकेंगे. उत्तर प्रदेश पंचायती राज के निदेशक अटल कुमार राय ने बताया कि ग्राम पंचायत में लाइब्रेरी की स्थापना के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है. मुरादाबाद, रामपुर, बिजनौर और संभल जिलों में आयुक्तों ने ग्रामीण क्षेत्रों में लाइब्रेरी बनाने की पहल की है. इसकी काफी सराहना हो रही है.

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कमेटी स्थानीय लोगों की मदद से किताबों को चिन्हित करके लाइब्रेरी के लिए खरीदेगी. (Photo Credit- ETV Bharat)

पंचायती राज की योजना का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. जिन पंचायत घरों में तीन से ज्यादा कमरे हैं. उनमें से एक कमरे को लाइब्रेरी का रूप दिया जाएगा. इसके लिए कोई भवन निर्माण नहीं होगा. न ही कोई भूमि आवंटित की जाएगी. पंचायत घरों में ही लाइब्रेरी की स्थापना होगी. उन्होंने कहा कि ऐसे तकरीबन 22000 पंचायत घरों को चिन्हित कर लिया गया है. पहले इनमें लाइब्रेरी की स्थापना होगी. इन लाइब्रेरी में एक एलईडी स्क्रीन, दो टैबलेट और 50% किताबें नेशनल बुक ट्रस्ट के जरिए दी जाएगी. बाकी 50% किताबें डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की जाएगी, जो कमेटी स्थानीय लोगों की मदद से किताबों को चिन्हित करके लाइब्रेरी के लिए खरीदेगी.

उत्तर प्रदेश पंचायती राज के निदेशक अटल कुमार राय ने कहा कि लाइब्रेरी में डिजिटल किताबें भी मौजूद होंगी. किताबें भी मौजूद होंगी ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के युवा और किताबों से रुचि रखने वाले लोग ही किताबों का आनंद ले सकेंगे.

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लाइब्रेरी में डिजिटल किताबें भी मौजूद होंगी (Photo Credit- ETV Bharat)

समुदाय की आवश्यकताओं का मूल्यांकन: पंचायती राज के निदेशक ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों, युवाओं और वयस्कों की शिक्षा और ज्ञान की आवश्यकताओं को समझना जरूरी है. इसके बाद किताबें खरीदी जाएंगी. लाइब्रेरी के लिए एक पंचायत भवन का चयन होगा, जहां पर गांव के लोग आसानी से पहुंच सकेंगे. डिजिटल संसाधन और इंटरनेट सुविधा उपलब्ध होगी. लाइब्रेरी में कुछ कंप्यूटर और इंटरनेट की व्यवस्था होगी, ताकि ग्रामीण लोग डिजिटल शिक्षा और ऑनलाइन संसाधनों का लाभ उठा सकें.

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Last Updated : Sep 17, 2024, 4:48 PM IST

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