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एलजी वीके सक्सेना ने तिहाड़ जेल में बंद गरीब कैदियों की आर्थिक मदद के लिए कमेटी के गठन को दी मंजूरी, मिलेगा ये फायदा

Financial help to poor prisoners: गरीब कैदियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने वाली केंद्र सरकार की योजना अब दिल्ली में भी लागू होगी. इसके लिए एक निगरानी समिति का गठन जल्द होगा, जिसे एलजी ने मंजूरी दे दी है.

aid to Tihar jail prisoners in Delhi
Aid to Tihar jail prisoners in Delhi
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 9, 2024, 11:35 AM IST

Updated : Mar 9, 2024, 11:59 AM IST

नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में बंद कैदियों के लिए अच्छी खबर है. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एक योजना को मंजूरी दी है कि, जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर कैदियों को मदद दी जायेगी. ये मदद उन कैदियों को मिलेगी जो जमानत का खर्चा उठाने में सक्षम नहीं है या आर्थिक तंगी के कारण जुर्माना नहीं भर पाते.

162 कैदियों को मिलेगा फायदा: गरीब कैदियों को वित्तीय सहायता देने वाली केंद्र सरकार की इस योजना को अब दिल्ली में भी लागू किया जायेगा. इसके लिए एक कमेटी और एक निगरानी समिति का गठन जल्द होगा. उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के अनुसार, ये योजना केंद्रीय बजट 2023-24 का हिस्सा थी और गृह मंत्रालय के तय दिशानिर्देशों के अनुसार इसे जल्द से जल्द लागू करने की जरूरत थी. अब इसे दिल्ली में लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इस योजना से करीब 162 कैदियों को फायदा मिल सकेगा.

कैदियों को जमानत राशि भरने में मिलेगी मदद: उपराज्यपाल कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक इस योजना से उन गरीब कैदियों को राहत मिलेगी जो छोटे-मोटे आपराधिक मामलों में जमानत की राशि नहीं दे पाते हैं. हर कैदी के लिए जमानत की राशि और जमानती का होना अनिवार्य होता है. इसके लिए ऐसा जमानती चाहिए जो ये जिम्मेदारी ले कि जमानत मिलने के बाद कैदी फरार नहीं होगा.

केंद्र सरकार देगी फंड- एलजी वीके सक्सेना ने इसपर संज्ञान लिया है कि है कि मई 2023 में, केंद्रीय गृह मंत्री ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को इस योजना का लाभ उठाने के लिए पत्र लिखा गया था. इसके बावजूद इस योजना को लागू नहीं किया गया, जबकि इसके तहत पूरा फंड केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने की बात कही गई है.

ये भी पढ़ें- दिल्ली की सात जिला अदालतों में आज होगा लोक अदालत का आयोजन, इन मामलों पर होगी सुनवाई

तिहाड़ जेल में 14 हजार कैदी: जानकारी के मुताबिक, दिल्ली की तिहाड़ जेल में क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं. इस जेल की क्षमता सिर्फ 10 हजार कैदियों की है, जबकि यहां अभी करीब 14 हजार कैदी बंद हैं. कोरोना महामारी के समय में यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई थी और करीब चार हजार कैदियों को पैरोल पर छोड़ना पड़ा था. उस दौरान भी कई ऐसे मामले सामने आए थे, जिनमें कैदियों को जमानत राशि और जमानती नहीं मिलने के कारण वो बाहर नहीं निकल पाए थे.

ये भी पढ़ें- डीयू में एडमिशन के लिए CUET क्लीयर करना अनिवार्य, छात्र सब्जेक्ट चुनते वक्त रखें खास ख्याल

नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में बंद कैदियों के लिए अच्छी खबर है. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एक योजना को मंजूरी दी है कि, जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर कैदियों को मदद दी जायेगी. ये मदद उन कैदियों को मिलेगी जो जमानत का खर्चा उठाने में सक्षम नहीं है या आर्थिक तंगी के कारण जुर्माना नहीं भर पाते.

162 कैदियों को मिलेगा फायदा: गरीब कैदियों को वित्तीय सहायता देने वाली केंद्र सरकार की इस योजना को अब दिल्ली में भी लागू किया जायेगा. इसके लिए एक कमेटी और एक निगरानी समिति का गठन जल्द होगा. उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के अनुसार, ये योजना केंद्रीय बजट 2023-24 का हिस्सा थी और गृह मंत्रालय के तय दिशानिर्देशों के अनुसार इसे जल्द से जल्द लागू करने की जरूरत थी. अब इसे दिल्ली में लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इस योजना से करीब 162 कैदियों को फायदा मिल सकेगा.

कैदियों को जमानत राशि भरने में मिलेगी मदद: उपराज्यपाल कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक इस योजना से उन गरीब कैदियों को राहत मिलेगी जो छोटे-मोटे आपराधिक मामलों में जमानत की राशि नहीं दे पाते हैं. हर कैदी के लिए जमानत की राशि और जमानती का होना अनिवार्य होता है. इसके लिए ऐसा जमानती चाहिए जो ये जिम्मेदारी ले कि जमानत मिलने के बाद कैदी फरार नहीं होगा.

केंद्र सरकार देगी फंड- एलजी वीके सक्सेना ने इसपर संज्ञान लिया है कि है कि मई 2023 में, केंद्रीय गृह मंत्री ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को इस योजना का लाभ उठाने के लिए पत्र लिखा गया था. इसके बावजूद इस योजना को लागू नहीं किया गया, जबकि इसके तहत पूरा फंड केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने की बात कही गई है.

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तिहाड़ जेल में 14 हजार कैदी: जानकारी के मुताबिक, दिल्ली की तिहाड़ जेल में क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं. इस जेल की क्षमता सिर्फ 10 हजार कैदियों की है, जबकि यहां अभी करीब 14 हजार कैदी बंद हैं. कोरोना महामारी के समय में यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई थी और करीब चार हजार कैदियों को पैरोल पर छोड़ना पड़ा था. उस दौरान भी कई ऐसे मामले सामने आए थे, जिनमें कैदियों को जमानत राशि और जमानती नहीं मिलने के कारण वो बाहर नहीं निकल पाए थे.

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Last Updated : Mar 9, 2024, 11:59 AM IST
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