नई दिल्लीः उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सोमवार को दक्षिणी दिल्ली में संजय वन और महरौली पुरातत्व पार्क का दौरा किया. यहां उन्होंने इन स्थलों के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण कार्यों की प्रगति का निरीक्षण किया. DDA की ओर से ये कार्य कराया जा रहा है. इस साल मानसून शुरू होने से पहले कार्य को पूरा करने की समय सीमा निर्धारित की गई है.
पहली बार बीते साल 4 फरवरी को उपराज्यपाल ने संजय वन का निरीक्षण किया था. यह सातवां दौरा है. उन्होंने डीडीए अधिकारियों को अनंग ताल और लालकोट बावली जल निकायों को भरने के लिए तुरंत काम शुरू करने का निर्देश दिया था.
संजय वन में किला राय पिथौरा के अलावा महरौली पुरातत्व पार्क में ऐतिहासिक बलबन का मकबरा, जमाली कमाली मस्जिद और रजों की बावली को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की देखरेख में संरक्षित और पुनर्स्थापित करने के निर्देश दिए. इन स्मारकों को राजधानी के लिए नई सार्वजनिक संपत्ति के रूप में विकसित किया जाना है जिससे दिल्ली की एक नई पहचान उभरने में मदद मिलेगी.दोनों स्थलों पर अधिकांश कार्य पूरे हो चुके हैं और पिछले साल अक्टूबर से ही बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं. जब एलजी ने पुनर्निर्मित महरौली पुरातत्व पार्क का उद्घाटन किया था.
कुतुब मीनार के पास महरौली पुरातत्व पार्क करीब 200 एकड़ में फैला हुआ है जो 200 से अधिक ऐतिहासिक स्मारकों और खंडहरों के लिए जाना जाता है. संजय वन में भी कई स्मारक बने हुए हैं. इसमें किला राय पिथौरा भी शामिल है, जो कभी पृथ्वीराज चौहान की राजधानी थी. उपराज्यपाल ने डीडीए और एएसआई के अधिकारियों को संग्रहालय प्रदर्शन के लिए बिखरे हुए नक्काशीदार पत्थरों और अवशेषों की पहचान कर उन्हें संरक्षित करने का भी निर्देश दिया है.
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बीते साल अक्टूबर में उपराज्यपाल ने पुनर्निर्मित कुली खान के मकबरे और मेटकाफ के बोटहाउस, एक गेस्ट हाउस और सर्कुलर हाउस का अनावरण किया था.
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