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LG ने किया ऐतिहासिक स्थलों का दौरा, काम में लापरवाही पर अधिकारियों को दी नसीहत - Mehrauli Archaeological Park

Delhi LG Visits heritage sites: उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने राजधानी की कई हेरिटेज साइट्स का दौरा किया. LG ने महरौली पुरातत्व पार्क और संजय वन में मौजूद ऐतिहासिक विरासतों के संरक्षण और देखरेख के निर्देश भी दिये.

हेरिटेज साइट पर लेफ्टिनेंट गवर्नर
हेरिटेज साइट पर लेफ्टिनेंट गवर्नर
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 4, 2024, 7:25 AM IST

नई दिल्ली: उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने महरौली पुरातत्व पार्क और संजय वन में मौजूद विरासत स्थलों का दौरा किया. उनका ये दौरा इन स्थलों को एएसआई (ASI) से लेकर डीडीए DDA को सौंपे जाने के तुरंत बाद हुआ है. उन्होंने डीडीए को इन ऐतिहासिक विरासतों के व्यापक सरंक्षण और बहाली का निर्देश दिया, जो कि अब तक एएसआई की निगरानी में थे, माना जाता है कि इसके बावजूद, इन स्थलोंं की अनदेखी की जा रही थी.

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ऐतिहासिक स्थलों का जायजा लेते हुए

DDA के खर्चे पर होगा पुर्नविकास: उपराज्यपाल ने डीडीए और एएसआई के अधिकारियों के साथ, महरौली पुरातत्व पार्क में बलबन के मकबरे, जमाली कमाली मस्जिद- मकबरे, राजों की बावली, संजय वन में लालकोट बावली और किला राय पिथौरा का दौरा किया. उन्होंने अधिकारियों से इनके जीर्णोद्धार की ठोस कार्ययोजना बनाने और मानसून शुरू होने से पहले इनका काम पूरा करने का निर्देश दिया. डीडीए, इन सभी स्मारकों के पुनर्विकास का काम अपने खर्च पर करेगा.

दो प्राचीन बावलियों की खोज: इस दौरान दो प्राचीन बावलियों की भी खोज की गई जो कूड़े के ढेर से पटी हुई थी. उपराजयपाल ने अधिकारियों से इनकी जल्द से जल्द सफाई करवाने और इनका संरक्षण कर जीर्णाद्धार करने का निर्देश दिया. उन्होंने इन बावलियों की स्थिति पर अफसोस जताया कि घने जंगलों के बीच ये स्मारक अरसे से उपेक्षा का शिकार हैं. लेफ्टिनेंट गवर्नर ने ये उम्मीद जताई कि बहाल होने के बाद ये स्मारक, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लिए एक संपत्ति होंगी और दिल्ली को एक हेरिटेज सिटी के रूप में उभरने मे मददगार साबित होंगे.

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एलजी का ऐतिहासिक स्थलों का दौरा

ये भी पढ़ें : धरोहरों को देखना इतिहास में डुबकी लगाने से कम नहीं, देखिए दिल्ली की ऐतिहासिक झलकियां

उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने इन धरोहरों के संरक्षण और पुनर्विकास कार्यों के लिए, इनके रखरखाव की जिम्मेदारी एएसआई से लेकर डीडीए को सौंपने के लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी को चिट्ठी लिखकर अनुरोध किया था, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने अपनी सहमति जताई थी. संस्कृति मंत्रालय इस बात पर भी सहमत हुआ कि डीडीए संरक्षण कार्यों के लिए अपने संसाधनों का उपयोग करेगा, जबकि, एएसआई अपनी सभी संरक्षण कार्यों की निगरानी करेगा. सचिव (संस्कृति), भारत सरकार, की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति इन सभी कामों की निगारानी करेगी और तीनों स्थलों का काम तय समय पर पूरा किया जा सके इसको सुनिश्चित करेगी.

ये भी पढ़ें : दिल्ली: हुमायूं के मकबरे में बन रहा म्यूजियम, रखी जाएंगी मुगल काल से संबंधित वस्तुएं

नई दिल्ली: उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने महरौली पुरातत्व पार्क और संजय वन में मौजूद विरासत स्थलों का दौरा किया. उनका ये दौरा इन स्थलों को एएसआई (ASI) से लेकर डीडीए DDA को सौंपे जाने के तुरंत बाद हुआ है. उन्होंने डीडीए को इन ऐतिहासिक विरासतों के व्यापक सरंक्षण और बहाली का निर्देश दिया, जो कि अब तक एएसआई की निगरानी में थे, माना जाता है कि इसके बावजूद, इन स्थलोंं की अनदेखी की जा रही थी.

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ऐतिहासिक स्थलों का जायजा लेते हुए

DDA के खर्चे पर होगा पुर्नविकास: उपराज्यपाल ने डीडीए और एएसआई के अधिकारियों के साथ, महरौली पुरातत्व पार्क में बलबन के मकबरे, जमाली कमाली मस्जिद- मकबरे, राजों की बावली, संजय वन में लालकोट बावली और किला राय पिथौरा का दौरा किया. उन्होंने अधिकारियों से इनके जीर्णोद्धार की ठोस कार्ययोजना बनाने और मानसून शुरू होने से पहले इनका काम पूरा करने का निर्देश दिया. डीडीए, इन सभी स्मारकों के पुनर्विकास का काम अपने खर्च पर करेगा.

दो प्राचीन बावलियों की खोज: इस दौरान दो प्राचीन बावलियों की भी खोज की गई जो कूड़े के ढेर से पटी हुई थी. उपराजयपाल ने अधिकारियों से इनकी जल्द से जल्द सफाई करवाने और इनका संरक्षण कर जीर्णाद्धार करने का निर्देश दिया. उन्होंने इन बावलियों की स्थिति पर अफसोस जताया कि घने जंगलों के बीच ये स्मारक अरसे से उपेक्षा का शिकार हैं. लेफ्टिनेंट गवर्नर ने ये उम्मीद जताई कि बहाल होने के बाद ये स्मारक, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लिए एक संपत्ति होंगी और दिल्ली को एक हेरिटेज सिटी के रूप में उभरने मे मददगार साबित होंगे.

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एलजी का ऐतिहासिक स्थलों का दौरा

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उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने इन धरोहरों के संरक्षण और पुनर्विकास कार्यों के लिए, इनके रखरखाव की जिम्मेदारी एएसआई से लेकर डीडीए को सौंपने के लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी को चिट्ठी लिखकर अनुरोध किया था, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने अपनी सहमति जताई थी. संस्कृति मंत्रालय इस बात पर भी सहमत हुआ कि डीडीए संरक्षण कार्यों के लिए अपने संसाधनों का उपयोग करेगा, जबकि, एएसआई अपनी सभी संरक्षण कार्यों की निगरानी करेगा. सचिव (संस्कृति), भारत सरकार, की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति इन सभी कामों की निगारानी करेगी और तीनों स्थलों का काम तय समय पर पूरा किया जा सके इसको सुनिश्चित करेगी.

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