नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने बुधवार को अस्पतालों में डॉक्टरों की आवश्यकताओं पर चर्चा के लिए हाई लेवल मीटिंग की. खास बात रही कि इस मीटिंग में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज भी शामिल हुए. बैठक के बाद मंत्री भारद्वाज ने बताया, "हमने बार-बार अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी और नए अस्पतालों के लिए पदों का सृजन नहीं होने का मुद्दा उठाया है. आज निर्णय लिया गया है कि जो अस्पताल आने वाले एक-दो साल में बनकर तैयार हो जाएंगे, उनके लिए पदों के सृजन का काम अगले एक सप्ताह में पूरा कर लिया जाएगा."
जानकारी के अनुसार, इस मीटिंग में मंत्री सौरभ भारद्वाज के अलावा चीफ सेक्रेटरी, प्रशासनिक सुधार विभाग प्रिंसिपल सेक्रेटरी, सेवाएं विभाग प्रिंसिपल सेक्रेटरी, कानून विभाग प्रिंसिपल सेक्रेटरी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव और लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ आदि शामिल हुए. मीटिंग में 24 नए अस्पतालों के संचालन को डॉक्टर्स, विशेषज्ञ और पैरामेडिकल स्टॉफ के अतिरिक्त पदों के सजृन पर चर्चा हुई.
VIDEO | Here's what Delhi minister Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) said on his meeting with LG Vinai Saxena on recruitment of doctors in Delhi govt-run hospitals.
— Press Trust of India (@PTI_News) September 11, 2024
" we have time and again raised the issue of crisis of doctors in the hospitals, and that posts have not been… pic.twitter.com/z33y7fFm3g
हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन हैः दरअसल, दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं में किस तरह से सुधार किया जाए, इसको लेकर एक मामला हाईकोर्ट के समक्ष विचाराधीन है. हाई कोर्ट की ओर से डॉ एस के सरीन की अध्यक्षता में एक छह सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट और एक पत्र भी अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया. इस पूरे मसले पर 2 सितंबर को हुई सुनवाई में दिल्ली सरकार को कई सख्त आदेश दिए गए थे. इस मामले में अब अगली सुनवाई 30 सितंबर को होगी.
बता दें, 2 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने अदालत से आग्रह किया था कि LG की अध्यक्षता में एक समिति (जिसमें स्वास्थ्य मंत्री, मुख्य सचिव, सचिव (स्वास्थ्य), सचिव (सेवाएं) और सचिव (प्रशासनिक सुधार) को बैठक करने का निर्देश दिया जाए. ताकि 24 अस्पतालों के संचालन के लिए डॉक्टरों, विशेषज्ञों और पैरामेडिक्स के 38,000 अतिरिक्त पद तत्काल सृजित किए जा सकें.
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