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जिस पत्नी की हत्या के आरोप में पति 13 सालों से जेल में बंद, वह आज भी जिंदा! आरोपी का पत्र वायरल - Viral Letter In Buxar

Murder Accused From Buxar Jail: बक्सर से सोशल माडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा है. आरोपी ने दावा किया है कि जिस पत्नी की हत्या के जुर्म में वह 13 सालों से जेल में बंद है, वास्तव में वह (पत्नी) अभी भी जिंदा है. वहीं पत्र वायरल होने के बाद पुलिस महकमा में खलबली मच गई है.

Murder Accused From Buxar Jail
बक्सर में हत्या के आरोपी का पत्र (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 29, 2024, 10:21 AM IST

Updated : Aug 29, 2024, 10:49 AM IST

बक्सर में हत्या के आरोपी का पत्र (ETV Bharat)

बक्सर: इन दिनों बिहार के बक्सर में सोशल मीडिया पर वायरल पत्र चर्चा का विषय बना हुआ है. हर शख्स इस पत्र की सच्चाई को जानने के लिए परेशान दिखाई दे रहा है. सोशल मीडिया के माध्यम से ही लोग प्रेम, धोखा और सजा की इस कहानी के सच को जानने में जुट गए हैं.

शहर के चौक-चौराहे पर किसने बांटी यह पम्पलेट: स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार शहर के ज्योति चौक पर कुछ लोगों के द्वारा आने-जाने वाले लोगों के बीच इस पर्चे का वितरण किया गया. जिसे सोशल मीडिया में शेयर कर हर कोई यह पता करने की कोशिश में लगा है कि इसके पीछे की सच्चाई क्या है?

क्या है वायरल हो रहे इस पत्र का सच?: सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस पत्र के सबसे उपरी हिस्से में धोखा-धोखा-धोखा लिखा गया है. इस पत्र को लिखने वाला सुनील तिवारी नाम का शख्स है. उसने लिखा है कि इस पत्र को बक्सर सेंट्रल जेल के गांधी वार्ड से लिख रहा है. उसकी शादी 5 मई 2011 को हुई थी. उस समय उसकी पत्नी डुमराव डीएवी पब्लिक स्कूल में कार्यरत थी. हमदोनों बहुत खुश थे, हमारा एक बेटा भी है.

Murder Accused From Buxar Jail
हत्या के आरोपी का वायरल पत्र (ETV Bharat)

पति पर पत्नी की हत्या का आरोप: सुनील ने आगे लिखा कि तत्कालीन स्कूल के शिक्षक इंचार्ज अक्सर उसके घर आया करते थे. 15 अगस्त 2012 के दिन भी वह इसके घर आये थे, जिसके बाद सुनील की पत्नी को उसकी मां ने उस 'सर' के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया. जिसे देखकर उसकी मां ने शोर मचाना शुरू कर दिया. उसी दौरान शिक्षक ने सुनील की मां की आंखों में कुछ फेंककर वहां से भाग गया. वहीं, चार दिन बाद 19 अगस्त 2012 को उसकी पत्नी भी घर से भाग गई.

13 साल से जेल में बेगुनाह!: सुनील के मुताबिक उसकी पत्नी के मायके वालों ने उस पर दहेज के लिए हत्या का केस दर्ज कराया है. वो 13 साल से बेगुनाह होते हुए भी जेल में है, क्योंकि उसकी पत्नी अभी भी जिंदा है. उसकी पत्नी स्कूल प्रिंसिपल के साथ नाम बदलकर आईटीआई फील्ड के पास रह रही है. सजा काटने के दौरान सुनील की मां की जेल में ही मौत हो चुकी है.

" मेरी पत्नी जिंदा है और वो डीएवी पब्लिक स्कूल बक्सर के प्रिंसिपल के साथ नाम बदलकर रही है. मैं इस अपमान को सहन नहीं कर पा रहा हूं, जिसकी वजह से मैं जिंदा ना रहे. मैं कायर नहीं हूं लेकिन खंजर अपनों ने ही सीने पर नहीं पीठ पर मारी है. "- सुनील कुमार, पीड़ित

क्या कहते हैं अधिकारी?: सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस पत्र को लेकर जब बक्सर एसपी मनीष कुमार से फोन पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस तरह का कोई भी पत्र नहीं मिला है और न ही किसी परिवार के द्वारा सम्पर्क किया गया है. हालांकि तब भी जिस पत्र की चर्चा की जा रही है. वह पुलिस को मिलता है तो गम्भीरता से इसे देखा जाएगा.

"इस पत्र में सेंट्रल जेल के जिस गांधी वार्ड की चर्चा की गई है. उसमें सुनील तिवारी नाम का कोई कैदी नहीं है. जेल के वरीय अधिकारियों की माने तो पूरे सेंट्रल जेल में इस तरह का कोई कैदी नहीं है."-मनीष कुमार, एसपी, बक्सर

पढ़ें-Buxar News: जेल में बंद कैदी की मौत, परिजनों ने जेल प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप

बक्सर में हत्या के आरोपी का पत्र (ETV Bharat)

बक्सर: इन दिनों बिहार के बक्सर में सोशल मीडिया पर वायरल पत्र चर्चा का विषय बना हुआ है. हर शख्स इस पत्र की सच्चाई को जानने के लिए परेशान दिखाई दे रहा है. सोशल मीडिया के माध्यम से ही लोग प्रेम, धोखा और सजा की इस कहानी के सच को जानने में जुट गए हैं.

शहर के चौक-चौराहे पर किसने बांटी यह पम्पलेट: स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार शहर के ज्योति चौक पर कुछ लोगों के द्वारा आने-जाने वाले लोगों के बीच इस पर्चे का वितरण किया गया. जिसे सोशल मीडिया में शेयर कर हर कोई यह पता करने की कोशिश में लगा है कि इसके पीछे की सच्चाई क्या है?

क्या है वायरल हो रहे इस पत्र का सच?: सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस पत्र के सबसे उपरी हिस्से में धोखा-धोखा-धोखा लिखा गया है. इस पत्र को लिखने वाला सुनील तिवारी नाम का शख्स है. उसने लिखा है कि इस पत्र को बक्सर सेंट्रल जेल के गांधी वार्ड से लिख रहा है. उसकी शादी 5 मई 2011 को हुई थी. उस समय उसकी पत्नी डुमराव डीएवी पब्लिक स्कूल में कार्यरत थी. हमदोनों बहुत खुश थे, हमारा एक बेटा भी है.

Murder Accused From Buxar Jail
हत्या के आरोपी का वायरल पत्र (ETV Bharat)

पति पर पत्नी की हत्या का आरोप: सुनील ने आगे लिखा कि तत्कालीन स्कूल के शिक्षक इंचार्ज अक्सर उसके घर आया करते थे. 15 अगस्त 2012 के दिन भी वह इसके घर आये थे, जिसके बाद सुनील की पत्नी को उसकी मां ने उस 'सर' के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया. जिसे देखकर उसकी मां ने शोर मचाना शुरू कर दिया. उसी दौरान शिक्षक ने सुनील की मां की आंखों में कुछ फेंककर वहां से भाग गया. वहीं, चार दिन बाद 19 अगस्त 2012 को उसकी पत्नी भी घर से भाग गई.

13 साल से जेल में बेगुनाह!: सुनील के मुताबिक उसकी पत्नी के मायके वालों ने उस पर दहेज के लिए हत्या का केस दर्ज कराया है. वो 13 साल से बेगुनाह होते हुए भी जेल में है, क्योंकि उसकी पत्नी अभी भी जिंदा है. उसकी पत्नी स्कूल प्रिंसिपल के साथ नाम बदलकर आईटीआई फील्ड के पास रह रही है. सजा काटने के दौरान सुनील की मां की जेल में ही मौत हो चुकी है.

" मेरी पत्नी जिंदा है और वो डीएवी पब्लिक स्कूल बक्सर के प्रिंसिपल के साथ नाम बदलकर रही है. मैं इस अपमान को सहन नहीं कर पा रहा हूं, जिसकी वजह से मैं जिंदा ना रहे. मैं कायर नहीं हूं लेकिन खंजर अपनों ने ही सीने पर नहीं पीठ पर मारी है. "- सुनील कुमार, पीड़ित

क्या कहते हैं अधिकारी?: सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस पत्र को लेकर जब बक्सर एसपी मनीष कुमार से फोन पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस तरह का कोई भी पत्र नहीं मिला है और न ही किसी परिवार के द्वारा सम्पर्क किया गया है. हालांकि तब भी जिस पत्र की चर्चा की जा रही है. वह पुलिस को मिलता है तो गम्भीरता से इसे देखा जाएगा.

"इस पत्र में सेंट्रल जेल के जिस गांधी वार्ड की चर्चा की गई है. उसमें सुनील तिवारी नाम का कोई कैदी नहीं है. जेल के वरीय अधिकारियों की माने तो पूरे सेंट्रल जेल में इस तरह का कोई कैदी नहीं है."-मनीष कुमार, एसपी, बक्सर

पढ़ें-Buxar News: जेल में बंद कैदी की मौत, परिजनों ने जेल प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप

Last Updated : Aug 29, 2024, 10:49 AM IST
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