नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के बुराड़ी विधानसभा के जगतपुर गांव में दो दिन पहले तेंदुए का रेस्क्यू कर वन विभाग की टीम ने उसे दिल्ली के चिड़ियाघर में छोड़ दिया था. परंतु उसके अगले दिन फिर जगतपुर के पास यमुना खादर में एक और तेंदुआ होने की बात इलाके में उठने लगी. इसके चलते किसान अब अपने खेतों में डर के चलते काम करने नहीं जा रहे हैं.
किसानों का कहना है कि उनकी सब्जी की फसलें तैयार है. तेंदुए के चलते वह अपने खेतों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. प्रशासन सेफ्टी के लिए लिहाज से कोई ऐसा पुख्ता इंतजाम करें जिससे वह खेतों में जाकर अपनी फैसले काट सके.
दरअसल, किसान खेतों में अपनी झोपड़ियां डालकर खेतों की रखवाली रात के समय करते हैं. अब उन्हें भी रात के समय में तेंदुए का डर सताने लगा है. उनके सामने बड़ी दुविधा आ चुकी है. एक तरफ पकी हुई खेतों में फैसले तैयार है. दूसरी तरफ मौत का खौफ है.
बहरहाल, सूचना के बाद स्थानीय पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. हालांकि, कई घंटे जंगल में तेंदुए को सर्च करने के बाद खाली हाथ वन विभाग की टीम लौट गई. हैरानी की बात यह है कि जो वीडियो दिखाकर तेंदुआ होने का दावा किया जा रहा है, उस जगह पर कहीं भी तेंदुए के पगमार्क नहीं मिले हैं.
फिलहाल, बायोडायवर्सिटी पार्क इंचार्ज व वैज्ञानिक डॉक्टर फैयाज खुदसर अपने टीम को लेकर इलाके में तेंदुए के फुटप्रिंट तलाश कर रहे हैं. इससे यह सुनिश्चित हो सके कि जगतपुर के जंगलों में कोई तेंदुआ है या नहीं. बता दें, इससे पहले 2016 में जगतपुर के पास बायोडायवर्सिटी पार्क के जंगलों में तेंदुए मिला था.