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आम के पेड़ों पर आए बौर, कैसे करें कीट और फफूंद से सुरक्षा? जानें कृषि वैज्ञानिक डॉ अशोक शर्मा से

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 21, 2024, 10:36 AM IST

Updated : Mar 21, 2024, 1:40 PM IST

Solution to protect mango crop from pests, Mango season 2024 फलों के राजा आम के पेड़ों पर बौर आने लगे हैं. अब किसानों को बौर और उसके बाद फलों को कीट और फफूंद से बचाने की चिंता सताने लगी है. क्योंकि अगर जरा सी चूक हुई, तो फफूंद और कीट पूरी फसल को बर्बाद कर सकते हैं. ऐसे में ढकरानी कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर अशोक कुमार शर्मा बता रहे हैं कैसे करें आम के पेड़ों, उस पर लगे बौर और फिर फल आने पर उनकी सुरक्षा.

Mango season 2024
आम की फसल
आम के बौर को कीट पतंगों से ऐसे बचाएं

विकासनगर: देहरादून जिले की मुख्य बागवानी फसल आम है. वर्तमान में जनपद में लगभग 50 से 60 छोटे बड़े आम के बागान हैं. इन दिनों आम के बागान में लगे पेड़ों में बौर आ चुके हैं. कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी के वैज्ञानिक डॉक्टर अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि इस दौरान चेपा और फफूंद आम की फसलों को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं. इस समय बागान स्वामी इस कीट को नियंत्रण करने के लिए शीघ्र छिड़काव करें.

Mango season 2024
आम के पेड़ों पर बौर आ गए हैं.

आम के पेड़ों पर आए बौर: फलों के राजा आम का स्वाद हर इंसान को लुभाता है. कई किस्मों के मीठे रस भरे आम सेहत के लिए भी गुणकारी माने जाते हैं. बसंत ऋतु आगमन पर आम के बाग में फूल आने शुरू हो जाते हैं. आम की मंजरी बननी शुरू हो गई है. मौसम परिवर्तन से अनेकों तरह के फफूंद और रस चूसक कीटों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. आम के रस चूसक कीट मुख्यतः चेपा और फफूंद हैं. ये आम की फसलों को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं. अवयस्क अवस्था में यह कीट अपनी चार से पांच पीढ़ियों तक प्रसार करता है. इससे समय के साथ पत्तियों पर दूर से चमक दिखती है. इन कीटों को आंखों से नहीं देखा जा सकता है. अत्यधिक संख्या में आने पर यह अपने पिछले भाग से हनी ड्यू स्राव करते हैं. जिस पर अनेक को तरह की परजीवी फफूंद निवास करती हैं और पत्तियों के साथ आम के बौर एवं मंजरियों पर कालापन नजर आता है.

Mango season 2024
आम के पत्तों को कीटों से बचाएं

आम को कीटों से ऐसे बचाएं: कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर अशोक कुमार शर्मा ने कहा कि बगीचे को यथासंभव विरलीकरण करें. ताकि हवा एवं पानी का आवागमन आसानी से हो. अनावश्यक घनी टहनियों को नवंबर, दिसंबर माह में काट छांट करें. अपने बगीचे में नत्रजन खाद का अत्यधिक प्रयोग ना करें. आजकल किसानों द्वारा घुलनशील एनपीके का उपयोग ज्यादा किया जा रहा है. जैविक अभिकर्ता का इस्तेमाल करने से लागत में भी कमी आएगी तथा फल की गुणवत्ता भी बढ़ती है. इसलिए बाग में भी बिवेरिया, बेसियाना 108 सीएफयू प्रति मिलीलीटर की दर से पौधों के तनों पर तीन बार छिड़काव करें.

Mango season 2024
आम के बौरों की करें सुरक्षा

कीटों से बचाव के लिए ऐसे करें छिड़काव: चेपा कीटों की अधिक संख्या होने पर रसायनों का इस्तेमाल करना भी आवश्यक है. इसके लिए कम से कम तीन छिड़काव करना आवश्यक होगा. पहले छिड़काव बौर बनने के समय. दूसरा छिड़काव आम में संपूर्ण बौर मंजरी बनने पर. तीसरा छिड़काव फल के बनने पर मटर के दाने के बराबर अवस्था में छिड़काव करना आवश्यक है. मुख्यतः रसायनों में कोन्फिडोर/इमिडाक्लोरप्रिड 17.8% एसएल की मात्रा 3 मिली प्रति लीटर की दर से छिड़काव करें. इस रसायन के अनुउपलब्धता में थायोमिथेक्सास 25% डब्लू.जी की मात्रा 1 ग्राम प्रति लीटर की दर से अनुमोदित है. इसके अलावा अन्य दूसरे कीटनाशकों से भी इसका नियंत्रण करना संभव है. चेपा एवं फुदका कीट की रोकथाम के लिए बुफ्रोफेन्जीन 25% एस.सी. एक मिली प्रति लीटर की दर से छिड़काव किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें: विभाग ने किसानों को कीटनाशक दवा देने में की देरी, मंत्री ने उपनिदेशक की काटी तनख्वा

आम के बौर को कीट पतंगों से ऐसे बचाएं

विकासनगर: देहरादून जिले की मुख्य बागवानी फसल आम है. वर्तमान में जनपद में लगभग 50 से 60 छोटे बड़े आम के बागान हैं. इन दिनों आम के बागान में लगे पेड़ों में बौर आ चुके हैं. कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी के वैज्ञानिक डॉक्टर अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि इस दौरान चेपा और फफूंद आम की फसलों को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं. इस समय बागान स्वामी इस कीट को नियंत्रण करने के लिए शीघ्र छिड़काव करें.

Mango season 2024
आम के पेड़ों पर बौर आ गए हैं.

आम के पेड़ों पर आए बौर: फलों के राजा आम का स्वाद हर इंसान को लुभाता है. कई किस्मों के मीठे रस भरे आम सेहत के लिए भी गुणकारी माने जाते हैं. बसंत ऋतु आगमन पर आम के बाग में फूल आने शुरू हो जाते हैं. आम की मंजरी बननी शुरू हो गई है. मौसम परिवर्तन से अनेकों तरह के फफूंद और रस चूसक कीटों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. आम के रस चूसक कीट मुख्यतः चेपा और फफूंद हैं. ये आम की फसलों को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं. अवयस्क अवस्था में यह कीट अपनी चार से पांच पीढ़ियों तक प्रसार करता है. इससे समय के साथ पत्तियों पर दूर से चमक दिखती है. इन कीटों को आंखों से नहीं देखा जा सकता है. अत्यधिक संख्या में आने पर यह अपने पिछले भाग से हनी ड्यू स्राव करते हैं. जिस पर अनेक को तरह की परजीवी फफूंद निवास करती हैं और पत्तियों के साथ आम के बौर एवं मंजरियों पर कालापन नजर आता है.

Mango season 2024
आम के पत्तों को कीटों से बचाएं

आम को कीटों से ऐसे बचाएं: कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर अशोक कुमार शर्मा ने कहा कि बगीचे को यथासंभव विरलीकरण करें. ताकि हवा एवं पानी का आवागमन आसानी से हो. अनावश्यक घनी टहनियों को नवंबर, दिसंबर माह में काट छांट करें. अपने बगीचे में नत्रजन खाद का अत्यधिक प्रयोग ना करें. आजकल किसानों द्वारा घुलनशील एनपीके का उपयोग ज्यादा किया जा रहा है. जैविक अभिकर्ता का इस्तेमाल करने से लागत में भी कमी आएगी तथा फल की गुणवत्ता भी बढ़ती है. इसलिए बाग में भी बिवेरिया, बेसियाना 108 सीएफयू प्रति मिलीलीटर की दर से पौधों के तनों पर तीन बार छिड़काव करें.

Mango season 2024
आम के बौरों की करें सुरक्षा

कीटों से बचाव के लिए ऐसे करें छिड़काव: चेपा कीटों की अधिक संख्या होने पर रसायनों का इस्तेमाल करना भी आवश्यक है. इसके लिए कम से कम तीन छिड़काव करना आवश्यक होगा. पहले छिड़काव बौर बनने के समय. दूसरा छिड़काव आम में संपूर्ण बौर मंजरी बनने पर. तीसरा छिड़काव फल के बनने पर मटर के दाने के बराबर अवस्था में छिड़काव करना आवश्यक है. मुख्यतः रसायनों में कोन्फिडोर/इमिडाक्लोरप्रिड 17.8% एसएल की मात्रा 3 मिली प्रति लीटर की दर से छिड़काव करें. इस रसायन के अनुउपलब्धता में थायोमिथेक्सास 25% डब्लू.जी की मात्रा 1 ग्राम प्रति लीटर की दर से अनुमोदित है. इसके अलावा अन्य दूसरे कीटनाशकों से भी इसका नियंत्रण करना संभव है. चेपा एवं फुदका कीट की रोकथाम के लिए बुफ्रोफेन्जीन 25% एस.सी. एक मिली प्रति लीटर की दर से छिड़काव किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें: विभाग ने किसानों को कीटनाशक दवा देने में की देरी, मंत्री ने उपनिदेशक की काटी तनख्वा

Last Updated : Mar 21, 2024, 1:40 PM IST
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