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लीडलेस पेसमेकर से महिला को मिला नया जीवन, हृदय की धड़कन को नियंत्रित करने का नया और सुरक्षित तरीका - LEADLESS PACEMAKER

ह्रदय की सेहत के लिए लीडलेस पेसमेकर नई तकनीक का इजाद हुआ है. अपोलो अस्पताल बिलासपुर ने इस टैक्नोलॉजी से एक महिला को जीवनदान दिया.

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अपोलो हॉस्पिटल में महिला को लीडलेस पेसमेकर (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 19, 2024, 11:34 AM IST

बिलासपुर: अपोलो हॉस्पिटल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर महेंद्र प्रसाद सामल ने बताया कि बिलासपुर में एक बुजुर्ग महिला को लीडलेस पेसमेकर सफलतापूर्वक लगाया गया. मरीज पूरी तरह स्वस्थ है और सामान्य दिनचर्या में जीवन यापन कर रही हैं. डॉक्टर ने बताया की लीडलेस पेसमेकर हृदय की धड़कन को नियंत्रित करने का एक नया और सुरक्षित तरीका है. साथ ही रोगियों के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.

लीडलेस पेसमेकर के लाभ: सामान्य लीड युक्त पेसमेकर की तुलना में लीडलेस पेसमेकर के लाभ डॉक्टर ने बताया. उन्होंने कहा कि लीडलेस पेसमेकर में वायर ना होने की वजह से संक्रमण का खतरा काफी कम होता है. यहां सामान्य लीड युक्त पेसमेकर की तुलना में आसानी से स्थापित किया जा सकता है. सामान्य पेसमेकर को सर्जरी कर त्वचा के नीचे लगाया जाता है. वहीं लीडलेस पेसमेकर के एक छोटे से छेद के जरिए हृदय के भीतर लगाया जाता है. इसकी प्रक्रिया भी सामान्य पेसमेकर लगाने की प्रक्रिया की अपेक्षा कम जोखिम युक्त है और यह शरीर के बाहर दिखाई भी नहीं देता.

महिला के हार्ट में लीडलेस पेसमेकर (ETV Bharat Chhattisgarh)

हृदय की अनियंत्रित धड़कन की समस्या: अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर में 83 वर्षीय अंबिका कन्हैयालाल तिवारी हृदय की अनियंत्रित धड़कन की समस्या के साथ वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर एमपी सामल से सलाह ली. जांच के बाद डॉक्टर सामल ने उन्हें लीडलेस पेसमेकर की सलाह दी. तीन चार दिन पहले डाक्टर सामल ने महिला को लीडलेस पेसमेकर सफलतापूर्वक लगाया.

Leadless pacemaker
बुजुर्ग महिला के हार्ट में लीडलेस पेसमेकर (ETV Bharat Chhattisgarh)

लीडलेस पेसमेकर लगाने के बाद महिला ने डॉक्टरों का जताया आभार: हार्ट में लीडलेस पेसमेकर लगाने के बाद महिला पूरी तरह सामान्य महसूस कर रही है. महिला ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में तकनीकि विकास का लाभ आज उन्हें उम्र के इस पड़ाव में मिला है जिससे वह बहुत अच्छा महसूस कर रही हैं. अर्नब एस राहा संस्था प्रमुख अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर ने बताया कि तकनीकि विकास से स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है. इससे मरीज को सीधा लाभ मिल रहा है.

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बाईट 1/2 डाक्टर महेंद्र प्रसाद सामल,वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर

बाईट :- अंबिका कन्हैयालाल तिवारी,मरिज

बिलासपुर: अपोलो हॉस्पिटल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर महेंद्र प्रसाद सामल ने बताया कि बिलासपुर में एक बुजुर्ग महिला को लीडलेस पेसमेकर सफलतापूर्वक लगाया गया. मरीज पूरी तरह स्वस्थ है और सामान्य दिनचर्या में जीवन यापन कर रही हैं. डॉक्टर ने बताया की लीडलेस पेसमेकर हृदय की धड़कन को नियंत्रित करने का एक नया और सुरक्षित तरीका है. साथ ही रोगियों के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.

लीडलेस पेसमेकर के लाभ: सामान्य लीड युक्त पेसमेकर की तुलना में लीडलेस पेसमेकर के लाभ डॉक्टर ने बताया. उन्होंने कहा कि लीडलेस पेसमेकर में वायर ना होने की वजह से संक्रमण का खतरा काफी कम होता है. यहां सामान्य लीड युक्त पेसमेकर की तुलना में आसानी से स्थापित किया जा सकता है. सामान्य पेसमेकर को सर्जरी कर त्वचा के नीचे लगाया जाता है. वहीं लीडलेस पेसमेकर के एक छोटे से छेद के जरिए हृदय के भीतर लगाया जाता है. इसकी प्रक्रिया भी सामान्य पेसमेकर लगाने की प्रक्रिया की अपेक्षा कम जोखिम युक्त है और यह शरीर के बाहर दिखाई भी नहीं देता.

महिला के हार्ट में लीडलेस पेसमेकर (ETV Bharat Chhattisgarh)

हृदय की अनियंत्रित धड़कन की समस्या: अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर में 83 वर्षीय अंबिका कन्हैयालाल तिवारी हृदय की अनियंत्रित धड़कन की समस्या के साथ वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर एमपी सामल से सलाह ली. जांच के बाद डॉक्टर सामल ने उन्हें लीडलेस पेसमेकर की सलाह दी. तीन चार दिन पहले डाक्टर सामल ने महिला को लीडलेस पेसमेकर सफलतापूर्वक लगाया.

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बुजुर्ग महिला के हार्ट में लीडलेस पेसमेकर (ETV Bharat Chhattisgarh)

लीडलेस पेसमेकर लगाने के बाद महिला ने डॉक्टरों का जताया आभार: हार्ट में लीडलेस पेसमेकर लगाने के बाद महिला पूरी तरह सामान्य महसूस कर रही है. महिला ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में तकनीकि विकास का लाभ आज उन्हें उम्र के इस पड़ाव में मिला है जिससे वह बहुत अच्छा महसूस कर रही हैं. अर्नब एस राहा संस्था प्रमुख अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर ने बताया कि तकनीकि विकास से स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है. इससे मरीज को सीधा लाभ मिल रहा है.

सरगुजा में संगवारी संस्था बना मसीहा, लाइलाज बीमारियों का कर रहा इलाज
कोरबा में एक साल के भीतर मिले 6000 मानसिक रोगी, मनोचिकित्सकों की कमी से जूझ रहा विभाग
गले मे होने वाला दर्द-खराश का कारण एलर्जी नहीं, पेट की ये समस्या हो सकती है, खुद से इलाज पड़ सकता है भारी



बाईट 1/2 डाक्टर महेंद्र प्रसाद सामल,वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर

बाईट :- अंबिका कन्हैयालाल तिवारी,मरिज

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