लखनऊ: गोमती नगर विस्तार के मलेशेमऊ में भूमि अर्जुन से संबंधित एक महत्वपूर्ण फाइल को एलडीए के भूमि अर्जन विभाग (Land Acquisition) में अमीन ने दबाए रखा था. इस जमीन की करोड़ों रुपए कीमत है और फाइल के यूं छुपाए जाने से करोड़ों रुपए के घोटाले की आशंका थी. इस मामले के उजागर होने के बाद संबंधित अमीन को निलंबित करके उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी गई है.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने मंगलवार को भूमि अर्जन की महत्वपूर्ण पत्रावली को 06 वर्ष तक अपने पास दबा कर रखने वाले अमीन अभिजीत सिंह को निलम्बित कर दिया. इसी के साथ आरोपी कर्मचारी के खिलाफ विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं. जिसके लिए विशेष कार्याधिकारी राजीव कुमार को जांच अधिकारी नामित किया गया है.
अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि गोमती नगर विस्तार के ग्राम-मलेशेमऊ की भूमि से सम्बंधित एक पत्रावली पर तत्कालीन उपाध्यक्ष ने 6 जून 2018 को एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया था. अमीन अभिजीत सिंह ने महत्वपूर्ण पत्रावली को 06 वर्ष तक अपने पास दबाए रखा और इस दौरान किसी भी उच्च अधिकारी के समक्ष पत्रावली प्रस्तुत नहीं की. आरोपी कर्मचारी की इस लापरवाही से विभागीय कार्य बाधित हुआ और जन सामान्य में प्राधिकरण की छवि धूमिल हुई है.
प्रकरण में अमीन अभिजीत सिंह के प्रथमदृष्टया दोषी पाए जाने पर उपाध्यक्ष ने उसे तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है. निलम्बन अवधि में आरोपी कर्मचारी अधिष्ठान अनुभाग से सम्बद्ध किया गया है. इसी के साथ विशेष कार्याधिकारी राजीव कुमार को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं.
LDA 90 बीघा जमीन पर चलाएगा बुलडोजर: लखनऊ विकास प्राधिकरण जल्द ही अभियान चलाकर अपनी बेशकीमती जमीन से अवैध कब्जे हटाएगा. इसके लिए खाली पड़ी अर्जित भूमि का सर्वे कराया गया है. जिसमें गोमती नगर विस्तार, अलीगंज, जानकीपुरम व बसन्तकुंज योजना में लगभग 90 बीघा अर्जित भूमि चिह्नित की गई है, जिसमें अवैध कब्जे/अतिक्रमण हैं. उक्त जमीन की वर्तमान कीमत लगभग 800 करोड़ रुपए है.
एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि शहर में प्राधिकरण की रिक्त पड़ी अर्जित भूमि का सर्वे कराया गया है. इसमें अलग-अलग योजनाओं में ऐसी जमीनें चिह्नित की गई हैं, जिन पर किसी न किसी प्रकार के अवैध कब्जे/अतिक्रमण हैं. इस क्रम में बसन्तकुंज योजना के लिए अधिग्रहित की गई ग्राम-छन्दोईया व बरावन खुर्द की लगभग 52 बीघा भूमि पर अवैध अतिक्रमण पाया गया है.
इसमें अवैध डेयरी, नर्सरी, मोटर गैराज व स्थाई /अस्थाई व्यावसायिक दुकानें आदि संचालित हैं. इसी तरह गोमती नगर योजना के लिए अधिग्रहित की गई ग्राम-जियामऊ व उजरियांव की लगभग 11 बीघा व गोमती नगर विस्तार योजना के लिए अधिग्रहित की गयी ग्राम-मलेशेमऊ एवं अहिमामऊ की लगभग 18 बीघा अर्जित भूमि चिन्हित की गई है.
भूमि पर ज्यादातर स्थानों पर बाउन्ड्रीवाॅल बनाकर अवैध कब्जा किया गया है, जबकि कुछ जगहों पर कबाड़, गैराज, टाइल्स व निर्माण सामाग्री आदि की दुकानें संचालित हैं. इसी तरह अलीगंज योजना के शेखपुरा में मामा चैराहे के पास लगभग 4 बीघा बेशकीमती जमीन पर बाउन्ड्रीवाॅल बनाकर अवैध रूप से कब्जा किया गया है. इसके अलावा जानकीपुरम योजना के सेक्टर-एच, ग्राम-पहाड़पुर की अर्जित भूमि पर अवैध कब्जे हैं.
उपाध्यक्ष ने बताया कि इनमें कुछ प्रकरणों में न्यायालय में वाद चल रहा है, जिसमें प्रभावी पैरवी कराकर आगे की कार्रवाई की जाएगी. वहीं, जिन प्रकरणों में न्यायालय में किसी तरह का कोई वाद दाखिल नहीं है, उनमें अभियान चलाकर जमीन कब्जामुक्त कराई जाएगी.
इसके लिए अर्जन, अभियंत्रण व प्रवर्तन अनुभाग की संयुक्त टीम गठित की जा रही है. जोकि, प्रशासन से समन्वय स्थापित करते हुए मौके पर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही सुनिश्चित कराएगी. अभियान में किसी तरह की बाधा उत्पन्न न हो, इसके लिए पुलिस विभाग को पत्र प्रेषित किया गया है.
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