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अयोध्या और बोधगया को कदमों से नापने निकला बुजुर्ग, 4000 किलोमीटर के सफर का खास मकसद - 4 THOUSAND KILOMETER PADYATRA

इंदौर निवासी लक्ष्मण रामदेव ने 4 हजार किलोमीटर लंबी पदयात्रा शुरू की है. वह अयोध्या से होते हुए बोधगया तक जाएंगे.

INDORE TO BODHGAYA PADYATRA
इंदौर से शुरू की है पदयात्रा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 5, 2024, 4:45 PM IST

विदिशा: इंदौर के रहने वाले लक्ष्मण रामदेव ने एक अनोखी पहल शुरू की है. वो इस समय 4 हजार किलोमीटर लंबी पदयात्रा पर निकले हैं. इस यात्रा का उद्देश्य देश-दुनिया में अमन-चैन और शांति का संदेश देना है. लक्ष्मण को अभी भी पुलवामा में शहीद हुए जवानों की शहादत का दर्द सता रहा है. वह सीमा पर तैनात सैनिकों की शहादत और कोरोना महामारी में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए यह यात्रा कर रहे हैं.

इंदौर से शुरू की है पदयात्रा

लक्ष्मण नामदेव (60) ने अपनी यह पदयात्रा 7 जुलाई को इंदौर से शुरू की थी. बुधवार को वह विदिशा पहुंचे, यहां से वे अयोध्या के लिए रवाना होंगे. प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में उनके दर्शन के बाद वे भगवान बुद्ध की धरती बोधगया भी जाएंगे, जो बिहार के गया जिले में है. उनकी यह पदयात्रा 4000 किलोमीटर की होगी. उन्होंने इस यात्रा को 'विश्व शांति कावड़ यात्रा' का नाम दिया है.

4000 किलोमीटर लंबी पदयात्रा पर निकले हैं लक्ष्मण नामदेव (ETV Bharat)

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4 हजार किलोमीटर लंबी है यात्रा

लक्ष्मण नामदेव ने बताया कि "देश दुनिया में अमन-चैन और शांति की प्रार्थना के लिए अयोध्या और बोधगया जा रहे हैं. कारगिल युद्ध और पुलवामा जैसे हमलों में शहीद होने वाले सैनिकों और कोरोना काल में मृत हुए लोगों को श्रद्धा सुमन अर्पित करना उद्देश्य है. वह अयोध्या से बोधगया जाएंगे, इसके बाद वापस इंदौर लौटेंगे." स्थानीय निवासी राजकुमार शर्मा ने कहा कि "लक्ष्मण जी का यह प्रयास बहुत सराहनीय है. हमें इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए कि हम भी शांति और मानवता के लिए काम करें."

विदिशा: इंदौर के रहने वाले लक्ष्मण रामदेव ने एक अनोखी पहल शुरू की है. वो इस समय 4 हजार किलोमीटर लंबी पदयात्रा पर निकले हैं. इस यात्रा का उद्देश्य देश-दुनिया में अमन-चैन और शांति का संदेश देना है. लक्ष्मण को अभी भी पुलवामा में शहीद हुए जवानों की शहादत का दर्द सता रहा है. वह सीमा पर तैनात सैनिकों की शहादत और कोरोना महामारी में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए यह यात्रा कर रहे हैं.

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लक्ष्मण नामदेव (60) ने अपनी यह पदयात्रा 7 जुलाई को इंदौर से शुरू की थी. बुधवार को वह विदिशा पहुंचे, यहां से वे अयोध्या के लिए रवाना होंगे. प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में उनके दर्शन के बाद वे भगवान बुद्ध की धरती बोधगया भी जाएंगे, जो बिहार के गया जिले में है. उनकी यह पदयात्रा 4000 किलोमीटर की होगी. उन्होंने इस यात्रा को 'विश्व शांति कावड़ यात्रा' का नाम दिया है.

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लक्ष्मण नामदेव ने बताया कि "देश दुनिया में अमन-चैन और शांति की प्रार्थना के लिए अयोध्या और बोधगया जा रहे हैं. कारगिल युद्ध और पुलवामा जैसे हमलों में शहीद होने वाले सैनिकों और कोरोना काल में मृत हुए लोगों को श्रद्धा सुमन अर्पित करना उद्देश्य है. वह अयोध्या से बोधगया जाएंगे, इसके बाद वापस इंदौर लौटेंगे." स्थानीय निवासी राजकुमार शर्मा ने कहा कि "लक्ष्मण जी का यह प्रयास बहुत सराहनीय है. हमें इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए कि हम भी शांति और मानवता के लिए काम करें."

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