नई दिल्ली: गाजियाबाद में वकीलों पर हुए पुलिस लाठीचार्ज की वकील संगठनों ने आलोचना की है. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और वकीलों के अखिल भारतीय संगठन ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन ने इस घटना की निंदा करते हुए मामले की न्यायिक जांच की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने गाजियाबाद में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराने की मांग की है.
एसोसिएशन ने इस घटना के लिए उस न्यायिक अधिकारी की जिम्मेदारी तय करने की मांग की है जिसके इशारे पर पुलिस ने कार्रवाई की. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रस्ताव में कहा गया है कि वो वकीलों की गरिमा को कम करने वाले किसी भी कदम को बर्दाश्त नहीं करेगी. प्रस्ताव इलाहाबाद हाईकोर्ट और यूपी सरकार से मांग की गई है कि इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए गाजियाबाद के डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज अनिल कुमार के व्यवहार की जांच की जाए. जांच कमेटी की अध्यक्षता इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के नेतृत्व में हो और उस कमेटी में गाजियाबाद के प्रभारी जज शामिल हों.
ऑल इंडिया लायर्स यूनियन के दिल्ली राज्य के सचिव सुनील कुमार ने बयान जारी कर इस घटना की निंदा करते हुए इस घटना की न्यायिक जांच की मांग की है. लायर्स यूनियन ने गाजियाबाद के वकीलों के आंदोलन के प्रति एकजुटता जताते हुए गाजियाबाद के कलेक्टर को लाठीचार्ज की घटना की जांच करने की मांग की है.
बता दें कि 29 अक्टूबर को जिला जज अनिल कुमार को एक मामले की सुनवाई के दौरान वकीलों से उनकी बहस हो गई. बहस इतनी जोरदार हुई कि काफी वकील कोर्ट रुम में पहुंच गए. जिसके बाद पुलिस को बुला लिया गया. पुलिस ने वकीलों पर लाठीचार्ज किया. इस घटना के बाद गाजियाबाद बार एसोसिशएन ने 4 नवंबर से वकीलों की हड़ताल का आह्वान किया है. गाजियाबाद बार एसोसिएशन ने जिला जज और लाठी चार्ज के लिए जिम्मेदार पुलिस अफसरों के ट्रांसफर तक हड़ताल जारी रखने का आह्वान किया है.
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