सरगुजा: जिले के लवईडीह गांव के बरपारा के लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया था, हालांकि प्रशासन की ओर से समझाइश के बाद लोगों ने मतदान किया. इन ग्रामीणों ग्रामीणों को मतदान केंद्र, स्कूल, शासकीय राशन दुकान, ग्राम पंचायत के शहर के बाजार जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है. सड़क मार्ग से अपने ही गांव के दूसरे मोहल्ले में जाने में इन्हें 45 मिनट लग जाता है, क्योंकि खराब और लंबा रास्ता तय करना होता है.
चिंतामणि महाराज ने किया था विरोध: बड़ी बात ये है कि वर्तमान में भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी चिंतामणि महराज कभी यहां से कांग्रेस के विधायक हुआ करते थे. तब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी, उस समय चिंतामणि महराज ने ग्रामीणों के साथ आंदोलन किया था. इसी नदी के जल में डूबकर वो दिन भर खड़े रहे, लेकिन सत्ता में ना होने के कारण वो कुछ नही कर सके थे. साल 2018 में कांग्रेस सत्ता में भी आई. चिंतामणि फिर से विधायक बने. हालांकि इस बार उनका विधानसभा क्षेत्र बदल चुका था, लेकिन इन ग्रामीणों से किए गये वादे पूरे नहीं हुए. अब चिंतामणि एक बार फिर से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे यहां के ग्रामीणों ने विरोध करना शुरू किया और मतदान करने नहीं जा रहे थे.
प्रशासन के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने किया मतदान: ग्रामीणों के चुनाव बहिष्कार की बात जैसे ही प्रशासन को पता चली, निर्वाचन की टीम ने ग्रामीणों को समझाइश दी. प्रशासन ने नदी के उस पार, स्कूल, पीडीएस भवन, छोटी पुलिया जैसे काम तुरंत कराने का आश्वासन दिया है. प्रशासन के आश्वासन के बाद ग्रामीणों को लंबी दूरी तय कर सड़क मार्ग से मतदान केंद्र तक लाया गया. इसके बाद ग्रामीणों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.