जयपुर : पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे 2023-24 के मुताबिक राजस्थान में बेरोजगारी दर 4.2% है. देश के 11 प्रमुख राज्यों की बात करें, तो पंजाब में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा 5.5% है, जो पिछले साल 6.1% थी. वहीं, राजस्थान दूसरे नंबर पर है. इस सूची के अनुसार बीते 6 साल की बेरोजगारी दर देखें तो राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सबसे कम 0.8% की गिरावट आई है, जबकि दिल्ली में सबसे ज्यादा 7.6% कमी आई है. नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस ने रोजगार और बेरोजगारी की स्थिति का अनुमान लगाने के लिए अप्रैल 2017 में पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे की शुरुआत की थी. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की तरफ से बनाई गई रोजगार की इस परिभाषा के आधार पर बेरोजगारी के आंकड़ें निकाले जाते हैं. इसमें पता लगाया जाता है कि कितनी आबादी के पास रोजगार है.
बेरोजगार युवक नेता ने जताई निराशा : राजस्थान युवा शक्ति एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज मीणा ने कहा कि सरकार बदलने के बावजूद राजस्थान का बेरोजगारी दर के लिहाज से देश के पहले पांच राज्यों में शुमार होना काफी निराशाजनक है. मीणा ने कहा कि सरकार को अपनी पार्टी के चुनाव से पहले किए गए वादों को याद करना चाहिए, जहां सरकारी नौकरियों के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर में भी जॉब क्रिएट करने के लिए दावे किए गए थे.
मीणा ने सरकार को बेरोजगारी मिटाने के प्लेटफार्म पर विफल बताया. उन्होंने कहा कि राजस्थान में युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए सरकार के पास अभी तक कोई ठोस नीति नहीं है. उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों को देखकर निश्चित तौर पर प्रदेश के युवा निराश होंगे. साथ ही मनोज बोले कि अगर सरकार इन आंकड़ों से सबक नहीं लेती है तो फिर आने वाले वक्त में स्थिति और भयावह हो सकती है. मनोज मीणा ने सरकार से मांग की है कि सरकार को भर्तियों को पूरा करने की साथ ही प्राइवेट सेक्टर में भी अवसर तैयार करने चाहिए. उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मांग की है कि सभी रिक्तियों वाले विभागों में जल्द से जल्द भर्तियों को पूरा किया जाए.
बेरोजगारी दर पर छात्र संगठनों का यह रुख : राजस्थान में बेरोजगारी दर के ताजा आंकड़े को लेकर एनएसयूआई के नेता अमरदीप परिहार ने कहा कि फिलहाल प्रदेश का युवा सबसे ज्यादा बेरोजगारी से जूझ रहा है. उन्होंने ताजा आंकड़ों को देखकर कहा कि जिस तरह से देश में फिलहाल बेरोजगारी की दर है, वह चिंताजनक है. परिहार ने भजनलाल शर्मा की सरकार पर अंगुली उठाते हुए कहा कि नई सरकार ने अभी तक युवाओं को लेकर उम्मीद के मुताबिक काम नहीं किया है. उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान का युवा फिलहाल खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है.
परिहार ने राजस्थान में एक के बाद एक रद्द होती भर्तियों और कोर्ट में अटके मामलों को लेकर भी बेरोजगारी दर में इजाफे को बड़ा कारण माना. दूसरी ओर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के इकाई मंत्री मनु दाधीच ने कहा कि बेरोजगारी दर में इजाफा प्रदेश के युवाओं के लिए चिंता का विषय है. हालांकि मनु का कहना है कि पिछली सरकार की करतूत के कारण बेरोजगारी दर में इजाफा हुआ है, अब नई सरकार से उम्मीद की जा रही है वह जल्द दिशा में काम करें.