लातेहार : प्रकृति पूजा का पर्व सरहुल ने इस वर्ष सुखद संकेत दिया है. इस साल लातेहार समेत अन्य जगहों पर अच्छी बारिश होने की भविष्यवाणी की गई है. अच्छी बारिश से बंपर खेती भी होगी. प्रकृति के इस संकेत से किसानों में उत्साह है.
दरअसल, सरहुल पर भविष्यवाणी की जाती है कि इस साल कैसी बारिश होगी. इसे लेकर मान्यता है कि सरहुल पूजा से एक रात पहले सरना पूजा के लिए पाहन के लिए एक घड़े में पानी रखा जाता है. सरहुल पूजा के दूसरे दिन घड़े में जल का दर्शन किया जाता है.
ऐसा माना जाता है कि यदि घड़े में रखा पानी कम पाया जाए तो बारिश की संभावना बहुत कम हो जाती है. लेकिन यदि घड़े का पानी न सूखे तो माना जाता है कि आने वाली वर्षा ऋतु में अच्छी वर्षा होगी. घड़े का पानी किसानों की समृद्धि का भी संकेत देता है.
इस वर्ष भी आदिवासी समुदाय द्वारा सरना पूजा के लिए घड़े में पानी रखा गया था. सरहुल के दिन जब देखा तो घड़े में पानी की मात्रा काफी अधिक थी. इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल मानसून काफी बेहतर रहेगा.
वर्षों से चली आ रही है ये मान्यता
सरहुल पूजा समिति के रंथु उरांव ने कहा कि इस बार सरहुल के मौके पर प्रकृति ने जो संकेत दिये हैं, वह काफी सुखद है. सरना पूजा के लिए रखे गये मटके का पानी अभी भी नहीं सूखा है. इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार अच्छी बारिश होगी, जिससे अच्छी खेती होगी.
जनजातीय विशेषज्ञ व जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव ने कहा कि इस वर्ष सरहुल ने जो संकेत दिये हैं. उसके मुताबिक बहुत अच्छी बारिश होने की संभावना है. ऐसे में किसान भी काफी खुश होंगे. सरहुल पूजा के लिए जो जल घड़े में रखा गया था, इससे मिले संकेतों के मुताबिक किसान पहली बारिश के बाद ही खेती शुरू कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज वर्षों से इसी परंपरा के अनुसार मौसम की भविष्यवाणी करते आ रहे हैं. प्रकृति आज भी किसी न किसी तरह से लोगों को संकेत देकर सचेत करती रहती है.
लातेहार जिले में गुरुवार से सरहुल का त्योहार शुरू हो गया है. अब अलग-अलग गांवों में अलग-अलग दिन सरहुल का त्योहार मनाया जायेगा. ग्रामीण स्तर पर भी सरहुल के दिन सरना पूजा के लिए घड़ों में पानी रखा जायेगा. प्रकृति ने जो संकेत दिए हैं, उसे देखते हुए संभावना है कि सभी गांवों में भी घड़े का पानी ऐसे ही संकेत देगा.
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