कोटद्वार: राष्ट्र की आन-बान शान के लिए बलिदान देने वीर सपूतों का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया है. हवलदार कमल सिंह रावत व राइफलमैन अनुज नेगी के पैतृक घाट पर राजकीय सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. शहीदों की अंतिम विदाई यात्रा में भारी जनसमूह उमड़ा. इस दौरान भारत माता के नारों के साथ पड़ोसी देश पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारों से समूचा रिखणीखाल क्षेत्र गुंजायमान हो उठा.
शहादत के साथ अमर हुए अनुज नेगी: बता दें कल दोपहर सैन्य विमान से दोनों वीर सैनिकों के पार्थिव शरीर कोटद्वार लाये गये. कोटद्वार से दुगड्डा रतुवाघाव होते हुए राइफलमैन अनुज नेगी का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव डोलरिया गांव लाया गया. जहां राजकीय सैनिक सम्मान के साथ मंदाल नदी के तट पर पैतृक घाट ट़ाडा महादेव में पिता भारत सिंह नेगी ने नम आंखों से भारत माता के वीर सपूत को मुखाग्नि दी गई. 25 वर्षीय अनुज नेगी 2018 में 22 गढ़वाल राइफल का हिस्सा बने. नवम्बर माह में उनकी शादी हुई थी. मई माह के अंत में गांव में छुट्टी पर आये हुये थे. अनुज अपने घर का इकलौता बेटा था. वह अपने पीछे मां सुमित्रा देवी, छोटी बहन, पिता भारत सिंह, पत्नी को छोड़ गये हैं. राइफलमैन अनुज नेगी को राजकीय सम्मान के साथ भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक जया बलोनी, पुलिस क्षेत्राधिकारी वैभव सैनी, रिखणीखाल रतुवाड़ाव के पूर्व सैनिकों ने पुष्पांजलि अर्पित की.
पंचतत्व में विलीन हुए कमल सिंह: वहीं वीरगति को प्राप्त हवलदार कमल सिंह रावत का पार्थिव शरीर भी तिरंगे में लिपटकर गांव पहुंचा. वैसे ही उनकी पत्नी, बेटियों मां दादा का रो रो कर बुरा हाल हो गया. हवालदार कमल सिंह रावत को गांव के निकट मंदाल नदी के तट पैतृक घाट में चाचा कल्याण सिंह ने मुखाग्नि दी. वीरगति प्राप्त सैनिक का पार्थिक शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया. हवलदार कमल सिंह रावत नौदानू गांव रतुवाढ़ाब निवासी थे. इस वर्ष नवीन सत्र में दोनों बिटिया को बेहतर शिक्षा के लिए कोटद्वार पदमपुर सुखरो में किराए में रह रहे थे. हवालदार कमल सिंह ने सोमवार को पत्नी व बेटियों से फोन बात भी. जिसमें उन्होंने दीपावली पर छुट्टी आने की बात कही. 20 जून को गांव की प्रतिष्ठा पूजा समारोह में शामिल होकर कुछ दिन बाद ड्यूटी पर लौटे थे. 36 वर्षीय हवलदार शहीद कमल सिंह रावत अपने घर के इकलौते थे. वह अपने पीछे दो बेटी पत्नी मां दादी को रोता बिलखता अकेला छोड़ कर चले गये हैं.